हजारीबाग: वीर का अर्थ होता है जंगल होड़ का अर्थ है मानव, वैसा मानव जो जंगल में रहता है उसे बिरोहोड कहा जाता है, जो बोलचाल की भाषा में आब बिरहोर हो गया है.आज यह जनजाति विलुप्ति की कगार पर है. इन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए प्रशासन की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं.
आदिम जनजाति बिरहोर विलुप्त होने के कगार पर हैं. यही वजह है कि सरकार उनके संरक्षण के लिए हर संभव कोशिश कर रही है, फिर भी यह आदिवासी जनजाति विलुप्त होती जा रही है. यह जनजाति बोकारो के गोमिया, चंदनकियारी और पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे इलाके में पाए जाते हैं, लेकिन हजारीबाग में भी इन्हें संरक्षित किया गया है. अब हजारीबाग जिला प्रशासन ने इन्हें मुख्यधारा में जोड़ने और आर्थिक रूप से सबल होने की योजना बनायी है.
हजारीबाग में गिनती के अनुसार 2091 बिरहोर हैं, जो विभिन्न 37 टोला में रह रहे हैं. हजारीबाग के उपायुक्त इन बिरहोर को वो सुविधा देने की योजना बना रहे हैं, जिससे इनका जीवन आसान हो. उन्होंने इसके लिए 17 टीम बनाई है, जो प्रत्येक सप्ताह उनकी टोली में जाकर उनकी जरूरत को देखेगा. हजारीबाग के उपायुक्त ने इस बाबत बताया है कि उनके घर की स्थिति ठीक नहीं है और न ही पेयजल और बिजली की समुचित व्यवस्था है. इस बाबत उन्होंने विभाग को निर्देश दिया है कि उनके घरों को ठीक किया जाए और पानी, बिजली की व्यवस्था भी किया जाए, ताकि उन्हें जीवन यापन करने में किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े.
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वहीं, दूसरी ओर बिरहोर कैसे आर्थिक रूप से सबल हो यह भी जिला प्रशासन के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने पदाधिकारियों को इस बाबत भी संजीदा होने का निर्देश दिया है. उन्होंने बिरहोर विकास प्रोग्राम बनाया है. जिसमें उन्हें आर्थिक रूप से सबल करने के लिए भी कोशिश की जाएगी. इस बाबत विभिन्न एनजीओ को भी आमंत्रित किया गया है, जो इन्हें हर संभव मदद करेगी.
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साथ ही साथ इन्हें अब कौशल विकास से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है. अगरबत्ती, रस्सी, बोरा यह बना सके ताकि उन्हें पैसा भी मिल सके. हजारीबाग में इन दिनों होमगार्ड का भी आवेदन निकला है. प्रशासन चाहती है कि बिरहोर होमगार्ड के जवान के रूप में आवेदन भरे. इस बाबत ₹200 आवेदन शुल्क भी बिरहोर को नहीं लगेगा उनके फॉर्म भरने के लिए पदाधिकारी उन्हें मदद करेंगे. साथ ही साथ नरेगा में भी उनकी उपस्थिति अधिक से अधिक हो इसकी भी रूपरेखा बनाई गई है.
जिस तरह से जिला प्रशासन ने बिरहोर को आर्थिक रूप से सबल और उनके आवास सुसज्जित करने की योजना बनाई है, यह काबिल-ए-तारीफ है. अब बिरहोर परिवार कितनी इस योजना का लाभ उठा पाते हैं यह देखने वाली बात रहेगी.