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बिरहोर को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हजारीबाग जिला प्रशासन ने बनाया विशेष प्रोग्राम, कौशल विकास से जोड़ने की तैयारी

झारखंड से विलुप्त हो रही आदिम जनजाति बिरहोर को संरक्षित और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हजारीबाग जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है. ऐसे में प्रशासन ने बिरहोर के कई इलाकों को चिन्हित भी किया गया है और उनका खाका भी तैयार किया गया है. साथ ही साथ बिरहोर बस्तियों को कैसे सुसज्जित किया जाए और उन्हें आर्थिक रूप से सबल किया जाए इसे लेकर भी योजना बनाई गई है. हजारीबाग के उपायुक्त ने पदाधिकारियों को बिरहोर के विकास योजना में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतने का भी निर्देश दिया है. देखें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.

Hazaribag district administration created special program to connect Birhor with the mainstream
आदिम जनजाति बिरहोर
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Published : Jan 19, 2020, 1:16 PM IST

हजारीबाग: वीर का अर्थ होता है जंगल होड़ का अर्थ है मानव, वैसा मानव जो जंगल में रहता है उसे बिरोहोड कहा जाता है, जो बोलचाल की भाषा में आब बिरहोर हो गया है.आज यह जनजाति विलुप्ति की कगार पर है. इन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए प्रशासन की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं.

देखें पूरी खबर

आदिम जनजाति बिरहोर विलुप्त होने के कगार पर हैं. यही वजह है कि सरकार उनके संरक्षण के लिए हर संभव कोशिश कर रही है, फिर भी यह आदिवासी जनजाति विलुप्त होती जा रही है. यह जनजाति बोकारो के गोमिया, चंदनकियारी और पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे इलाके में पाए जाते हैं, लेकिन हजारीबाग में भी इन्हें संरक्षित किया गया है. अब हजारीबाग जिला प्रशासन ने इन्हें मुख्यधारा में जोड़ने और आर्थिक रूप से सबल होने की योजना बनायी है.

हजारीबाग में गिनती के अनुसार 2091 बिरहोर हैं, जो विभिन्न 37 टोला में रह रहे हैं. हजारीबाग के उपायुक्त इन बिरहोर को वो सुविधा देने की योजना बना रहे हैं, जिससे इनका जीवन आसान हो. उन्होंने इसके लिए 17 टीम बनाई है, जो प्रत्येक सप्ताह उनकी टोली में जाकर उनकी जरूरत को देखेगा. हजारीबाग के उपायुक्त ने इस बाबत बताया है कि उनके घर की स्थिति ठीक नहीं है और न ही पेयजल और बिजली की समुचित व्यवस्था है. इस बाबत उन्होंने विभाग को निर्देश दिया है कि उनके घरों को ठीक किया जाए और पानी, बिजली की व्यवस्था भी किया जाए, ताकि उन्हें जीवन यापन करने में किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े.

Hazaribag district administration created special program to connect Birhor with the mainstream
बिरहोर के बच्चे

ये भी देखें- RIMS के डॉक्टरों के वीआरएस लेने के मामले में चिंतत हुए आईएमएस, सीएम से मांगी मदद

वहीं, दूसरी ओर बिरहोर कैसे आर्थिक रूप से सबल हो यह भी जिला प्रशासन के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने पदाधिकारियों को इस बाबत भी संजीदा होने का निर्देश दिया है. उन्होंने बिरहोर विकास प्रोग्राम बनाया है. जिसमें उन्हें आर्थिक रूप से सबल करने के लिए भी कोशिश की जाएगी. इस बाबत विभिन्न एनजीओ को भी आमंत्रित किया गया है, जो इन्हें हर संभव मदद करेगी.

ये भी देखें- छह महीने से गायब युवक का क्षत विक्षत शव बरामद, दो गिरफ्तार, 3 फरार

साथ ही साथ इन्हें अब कौशल विकास से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है. अगरबत्ती, रस्सी, बोरा यह बना सके ताकि उन्हें पैसा भी मिल सके. हजारीबाग में इन दिनों होमगार्ड का भी आवेदन निकला है. प्रशासन चाहती है कि बिरहोर होमगार्ड के जवान के रूप में आवेदन भरे. इस बाबत ₹200 आवेदन शुल्क भी बिरहोर को नहीं लगेगा उनके फॉर्म भरने के लिए पदाधिकारी उन्हें मदद करेंगे. साथ ही साथ नरेगा में भी उनकी उपस्थिति अधिक से अधिक हो इसकी भी रूपरेखा बनाई गई है.

जिस तरह से जिला प्रशासन ने बिरहोर को आर्थिक रूप से सबल और उनके आवास सुसज्जित करने की योजना बनाई है, यह काबिल-ए-तारीफ है. अब बिरहोर परिवार कितनी इस योजना का लाभ उठा पाते हैं यह देखने वाली बात रहेगी.

हजारीबाग: वीर का अर्थ होता है जंगल होड़ का अर्थ है मानव, वैसा मानव जो जंगल में रहता है उसे बिरोहोड कहा जाता है, जो बोलचाल की भाषा में आब बिरहोर हो गया है.आज यह जनजाति विलुप्ति की कगार पर है. इन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए प्रशासन की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं.

देखें पूरी खबर

आदिम जनजाति बिरहोर विलुप्त होने के कगार पर हैं. यही वजह है कि सरकार उनके संरक्षण के लिए हर संभव कोशिश कर रही है, फिर भी यह आदिवासी जनजाति विलुप्त होती जा रही है. यह जनजाति बोकारो के गोमिया, चंदनकियारी और पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे इलाके में पाए जाते हैं, लेकिन हजारीबाग में भी इन्हें संरक्षित किया गया है. अब हजारीबाग जिला प्रशासन ने इन्हें मुख्यधारा में जोड़ने और आर्थिक रूप से सबल होने की योजना बनायी है.

हजारीबाग में गिनती के अनुसार 2091 बिरहोर हैं, जो विभिन्न 37 टोला में रह रहे हैं. हजारीबाग के उपायुक्त इन बिरहोर को वो सुविधा देने की योजना बना रहे हैं, जिससे इनका जीवन आसान हो. उन्होंने इसके लिए 17 टीम बनाई है, जो प्रत्येक सप्ताह उनकी टोली में जाकर उनकी जरूरत को देखेगा. हजारीबाग के उपायुक्त ने इस बाबत बताया है कि उनके घर की स्थिति ठीक नहीं है और न ही पेयजल और बिजली की समुचित व्यवस्था है. इस बाबत उन्होंने विभाग को निर्देश दिया है कि उनके घरों को ठीक किया जाए और पानी, बिजली की व्यवस्था भी किया जाए, ताकि उन्हें जीवन यापन करने में किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े.

Hazaribag district administration created special program to connect Birhor with the mainstream
बिरहोर के बच्चे

ये भी देखें- RIMS के डॉक्टरों के वीआरएस लेने के मामले में चिंतत हुए आईएमएस, सीएम से मांगी मदद

वहीं, दूसरी ओर बिरहोर कैसे आर्थिक रूप से सबल हो यह भी जिला प्रशासन के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने पदाधिकारियों को इस बाबत भी संजीदा होने का निर्देश दिया है. उन्होंने बिरहोर विकास प्रोग्राम बनाया है. जिसमें उन्हें आर्थिक रूप से सबल करने के लिए भी कोशिश की जाएगी. इस बाबत विभिन्न एनजीओ को भी आमंत्रित किया गया है, जो इन्हें हर संभव मदद करेगी.

ये भी देखें- छह महीने से गायब युवक का क्षत विक्षत शव बरामद, दो गिरफ्तार, 3 फरार

साथ ही साथ इन्हें अब कौशल विकास से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है. अगरबत्ती, रस्सी, बोरा यह बना सके ताकि उन्हें पैसा भी मिल सके. हजारीबाग में इन दिनों होमगार्ड का भी आवेदन निकला है. प्रशासन चाहती है कि बिरहोर होमगार्ड के जवान के रूप में आवेदन भरे. इस बाबत ₹200 आवेदन शुल्क भी बिरहोर को नहीं लगेगा उनके फॉर्म भरने के लिए पदाधिकारी उन्हें मदद करेंगे. साथ ही साथ नरेगा में भी उनकी उपस्थिति अधिक से अधिक हो इसकी भी रूपरेखा बनाई गई है.

जिस तरह से जिला प्रशासन ने बिरहोर को आर्थिक रूप से सबल और उनके आवास सुसज्जित करने की योजना बनाई है, यह काबिल-ए-तारीफ है. अब बिरहोर परिवार कितनी इस योजना का लाभ उठा पाते हैं यह देखने वाली बात रहेगी.

Intro:विलुप्त हो रही आदिम जनजाति बिरहोर को संरक्षित और उन्हें मुख्यधारा से जुड़ने के लिए हजारीबाग जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी किया है। ऐसे में प्रशासन के द्वारा बिरहोर को चिन्हित भी किया गया है और उनका खाका भी तैयार किया गया है। साथ हि साथ बिरहोर बस्तियों को कैसे सुसज्जित किया जाए और उन्हें आर्थिक रूप से सबल किया जाए इसे लेकर भी योजना बनाई गई है। हजारीबाग के उपायुक्त ने पदाधिकारियों को बिरहोरो के विकास योजना में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतने का भी निर्देश दिया है। पेश है ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट....


Body:वीर का अर्थ होता है जंगल होड का अर्थ मानव । वैसा मानव जो जंगल में रहता है उसे बिरोहोड कहा जाता है। जो बोलचाल की भाषा में आब बिरहोर हो गया है ।आदिम जनजाति बिरहोर विलुप्त होने के कगार पर है। यही वजह है कि सरकार उनके संरक्षण के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। फिर भी यह आदिवासी जनजाति विलुप्त होती जा रही है । यह जनजाति बोकारो के गोमिया ,चंदनक्यारी और पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे इलाके में पाए जाते हैं ।लेकिन हजारीबाग में भी इन्हें संरक्षित किया गया है ।अब हजारीबाग जिला प्रशासन ने इन्हें मुख्यधारा में जोड़ने और आर्थिक रूप से सबल होने की योजना बनाया है।

हजारीबाग में गिनती के अनुसार 2091 बिरहोर है जो विभिन्न 37 टोला में रह रहे हैं। हजारीबाग के उपायुक्त इन बिरहोर को वो सुविधा देने की योजना बना रही है जिससे इनका जीवन आसान हो। उन्होंने इसके लिए 17 टीम बनाया है। जो प्रत्येक सप्ताह उनके टोली में जाकर उनके जरूरत को देखेगा ।हजारीबाग के उपायुक्त ने इस बाबत बताया है कि उनका घर की स्थिति ठीक नहीं है और ना ही पेयजल और बिजली की समुचित व्यवस्था है। इस बाबत उन्होंने विभाग को निर्देश दिया है कि उनके घरों को ठीक किया जाए और पानी, बिजली की व्यवस्था भी किया जाए। ताकि उन्हें जीवन यापन करने में किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े।

तो दूसरी ओर बिरहोर कैसे आर्थिक रूप से सबल हो यह भी जिला प्रशासन के लिए चिंता का विषय है ।उन्होंने पदाधिकारियों को इस बाबत भी संजीदा होने का निर्देश दिया है। उन्होंने बिरहोर विकास प्रोग्राम बनाया है। जिसमें उन्हें आर्थिक रूप से सबल करने के लिए भी कोशिश की जाएगी। इस बाबत विभिन्न एनजीओ को भी आमंत्रित किया गया है ।जो इन्हें हर संभव मदद करेगी ।साथ ही साथ इन्हें अब कौशल विकास से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। अगरबत्ती ,रस्सी, बोरा यह बना सके ताकि उन्हें पैसा भी मिल सके। हजारीबाग में इन दिनों होमगार्ड का भी आवेदन निकला है। प्रशासन चाहती है कि बिरहोर होमगार्ड के जवान के रूप में आवेदन भरे ।इस बाबत ₹200 आवेदन शुल्क भी बिरहोर को नहीं लगेगा उनके फॉर्म भरने के लिए पदाधिकारी उन्हें मदद करेंगे। साथ ही साथ नरेगा में भी उनकी उपस्थिति अधिक से अधिक हो इसकी भी रूपरेखा बनाई गई है।

byte..... भुवनेश प्रताप सिंह उपायुक्त हजारीबाग


Conclusion:जिस तरह से जिला प्रशासन के द्वारा बिरहोरो को आर्थिक रूप से सबल और उनके आवास सुसज्जित करने की योजना बनाई गई है यह काबिले तारीफ है। अब बिरहोर परिवार कितना इस योजना का लाभ उठा पाते हैं यह मुख्य बात रहेगी।

गौरव प्रकाश ईटीवी भारत हजारीबाग
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