हजारीबाग: जिले की 136 साल पुरानी गौशाला में शुक्रवार को गोपाष्टमी मेला (gopashtami fair in hazaribag) लगा. इसमें जिले के आस से लेकर खास लोग गायों को चारा खिलाने पहुंचे. कई बच्चों ने मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए. मेले में लोगों ने खरीदारी भी की.
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125 साल से गोपाष्टमी पर कार्यक्रम
बता दें कि हजारीबाग में 136 साल पुरानी गौशाला है, जिसका संचालन कलकत्ता पिंजरापोल सोसाइटी करती है. कार्तिक मास के अष्टमी तिथि को यहां 125 सालों से हर साल गोपाष्टमी मेला लगता है. यहां वधशाला में जा रही गायों को बचाकर सुरक्षित रखा जाता है. शुक्रवार को भी यहां मेला लगा.
बीएसएफ बैंड ने पेश किए कार्यक्रम
इस मेले में शहर के आम ओ खास ने गायों को चारा खिलाया. साथ ही कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. सबसे खास रहा बीएसएफ का बैंड, जिसकी धुन पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित की गई. इन्होंने देशभक्ति गीत भी पेश किए.
कब मनाई जाती है गोपाष्टमी
माता लक्ष्मी के पूजन के आठवें दिन गोपाष्टमी मेले (gopashtami fair in hazaribag) का आयोजन होता है. गोपाष्टमी मेले में हजारीबाग सदर विधायक भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि हम लोगों को गोवंश की सेवा करनी चाहिए.यह मेला बेहद ही खास है. वहीं सीआरपीएफ के आला पदाधिकारियों के साथ हजारीबाग एसपी मनोज रतन चोथे आदि ने भी गायों को चारा खिलाया.
सांप्रदायिक सौहार्द्र का संदेश देती है गौशाला
वर्तमान समय में लगभग 500 से अधिक गोवंशीय पशु रखे गए हैं. इसमें से मात्र 70 से 80 गायें ही दूध देती हैं. शेष अन्य बूढ़ी हो चुकी हैं. इस गौशाला की बड़ी खासियत यह है कि यह सांप्रदायिक सौहार्द्र का संदेश देती है. इस गौशाला में गायों की सेवा करने वाले अधिकतर लोग मुस्लिम समुदाय के हैं. यह गौशाला दान पुण्य से चलती है.
गौशाला का झारखंड सरकार पर 30 लाख बकाया
गाय के चारे के लिए सरकार ₹50 प्रतिदिन खोराकी देती है. लेकिन वर्तमान समय में 30 लाख रुपया से अधिक का बकाया इस गौशाला का सरकार पर है. इधर सरकारी मदद न मिलने से समाज के लोगों से चंदा इकट्ठा करके इसका संचालन किया जा रहा है. गोपाष्टमी पर गौशाला के सचिव श्रद्धानंद सिंह ने लोगों को शुभकामना भी दी है.