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हजारीबागः नाले में बहे युवक की तलाश करके थक गया पिता, पुतला बना कर किया अंतिम संस्कार

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Published : Sep 22, 2020, 11:54 AM IST

रांची में तेज बारिश के कारण उफनते नाले में हजारीबाग का रहने वाला एक युवक बह गया था, जिसकी तलाश की गई, लेकिन कुछ पता नहीं चला. उसका पता न चलने के कारण अंत में पीड़ित परिजनों ने उसका पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया.

father cremated son effigy
बेटे के पुतले का अंतिम संस्कार

हजारीबागः जिले के दारू प्रखंड का रहने वाला उमेश राणा रांची में नाले में बह गया था. ऐसे में 14 दिनों के बाद भी उसका शव नहीं मिला. अंत में पीड़ित पिता ने उमेश ने पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया.

इसे भी पढ़ें- सदन में दिनभर होता रहा हंगामा, जमकर हुई टीका-टिप्पणी, कोरोना प्रोटोकॉल की उड़ी धज्जियां


पिता ने किया अंतिम संस्कार
रांची के कोकर स्थित खोरहा नाले में बह गए बेटे के घर लौटने की जब उम्मीद खत्म हो गई तो पिता ने बेटे का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया, जिसमें कई लोग शामिल भी हुए. मामला हजारीबाग के दारू प्रखंड के जरगा गांव का है, जहां गांव के रामेश्वर मिस्त्री का बेटा उमेश राणा रांची में कारपेंटर का काम करता था. 7 सितंबर को अपने भाई को रांची हवाई अड्डा छोड़ने गया. उस दिन रांची में झमाझम बारिश हो रही थी. कोकर के खोरहा नाला उफान पर था. लौटने के क्रम में उमेश नाले में बह गया.

दूसरे दिन पता चला तो स्थानीय लोगों ने नाला और स्वर्णरेखा नदी के आस पास उसकी तलाश की, लेकिन युवक नहीं मिला. रांची और हजारीबाग से गए कई लोगों ने 14 दिनों तक उसे खोजा, लेकिन वह मिला नहीं. 14 दिन बीत जाने के बाद जब आस टूट गई तो पिता ने उसका पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया.

हजारीबागः जिले के दारू प्रखंड का रहने वाला उमेश राणा रांची में नाले में बह गया था. ऐसे में 14 दिनों के बाद भी उसका शव नहीं मिला. अंत में पीड़ित पिता ने उमेश ने पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया.

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पिता ने किया अंतिम संस्कार
रांची के कोकर स्थित खोरहा नाले में बह गए बेटे के घर लौटने की जब उम्मीद खत्म हो गई तो पिता ने बेटे का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया, जिसमें कई लोग शामिल भी हुए. मामला हजारीबाग के दारू प्रखंड के जरगा गांव का है, जहां गांव के रामेश्वर मिस्त्री का बेटा उमेश राणा रांची में कारपेंटर का काम करता था. 7 सितंबर को अपने भाई को रांची हवाई अड्डा छोड़ने गया. उस दिन रांची में झमाझम बारिश हो रही थी. कोकर के खोरहा नाला उफान पर था. लौटने के क्रम में उमेश नाले में बह गया.

दूसरे दिन पता चला तो स्थानीय लोगों ने नाला और स्वर्णरेखा नदी के आस पास उसकी तलाश की, लेकिन युवक नहीं मिला. रांची और हजारीबाग से गए कई लोगों ने 14 दिनों तक उसे खोजा, लेकिन वह मिला नहीं. 14 दिन बीत जाने के बाद जब आस टूट गई तो पिता ने उसका पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया.

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