हजारीबाग: किसान आंदोलन की चर्चा सिर्फ देश में ही नहीं विदेशों में भी होने लगी है. आज किसानों ने पूरे देश भर में चक्का जाम का ऐलान किया है. इस बाबत उन्होंने अपील भी किया है कि सभी किसान उन्हें मदद करें, ताकि यह चक्का जाम सफल हो. लेकिन हजारीबाग में किसान अपने खेतों में नजर आ रहे हैं.
किसानों ने किया कामहजारीबाग के किसान आंदोलन के साथ नजर नहीं आ रहे हैं. आलम यह है कि किसान सुबह से ही अपने खेतों में नजर आ रहे हैं. कोड़ी, गैता लेकर खेत जोतते दिख रहे हैं. हजारीबाग के किसानों का कहना है कि दिल्ली में जिस तरह से बड़े किसान आंदोलन कर रहे हैं, उसके बारे में हम लोगों को पता नहीं है कि आखिर कारण क्या है? उनका यह भी कहना है कि वह बड़े किसान हैं. उनकी सोच बड़ी है. हम लोग छोटे किसान है और हमारा छोटा-छोटा प्लॉट है. जहां हम खेती करते हैं, अगर खेती न करें तो इसका बुरा असर भी पड़ेगा. वहीं किसानों का यह भी मानना है कि हम नैतिक रूप से उन्हें समर्थन जरुर दे रहे हैं, लेकिन हम चक्का जाम में शामिल नहीं है. हम अपने खेतों में ही समय देना चाहते हैं.
इसे भी पढ़ें-विदेशी मुद्रा भंडार 4.85 अरब डॉलर बढ़कर 590.18 अरब डॉलर हुआ
नैतिक रूप से दे रहे समर्थन
किसानों का आंदोलन किस ओर जाएगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन अभी भी कई ऐसे राज्यों के किसान है जो इस आंदोलन में उनको नैतिक रूप से भले समर्थन दे रहे हैं, लेकिन वे खेत में ही नजर आ रहे हैं.