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वैज्ञानिक पद्धति से खेती कर हो रहा लाखों का फायदा, बंजर भूमि में लहलहा रही फसल

हजारीबाग में गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत से लोग परेशान है. ऐसे में खेतों में सिंचाई व्यवस्था करना किसानों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. जिसके ठीक उलट नजारा जिले के चूरचू प्रखंड के चरही के कई गांवों में देखने को मिल रही है. जहां वैज्ञानिक पद्धति से तरबूज की खेती कर किसान ना केवल पानी की कमी पूरी कर रहे है बल्कि लाखों का मुनाफा भी कमा रहे है.

वैज्ञानिक पद्धति से खेती करते किसान
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Published : May 28, 2019, 5:51 PM IST

हजारीबागः गर्मी के मौसम में जब पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. नदी, नाला, तालाब, पोखर सब सूख रहे हैं. दूसरी ओर हजारीबाग के चूरचू प्रखंड के चरही के कई गांवों में फसलें लहलहा रही हैं. इस इलाके में कड़ाके की गर्मी में भी तरबूज की फसल लहलहा रही है. इस लहलहाते फसलों के पीछे की वजह है उन्नत तरीके से की गई तरबूज की खेती. ये क्षेत्र पूरे झारखंड में तरबूज जोन के रूप में जाना जा रहा है. यहां किसान कम पानी का उपयोग कर टपक विधि अपनाकर खेती कर रहे हैं.

देखें वीडियो

किसान भी कहते हैं कि वैज्ञानिक और उन्नत तरीके से तरबूज की खेती उनके लिए फायदे का व्यवसाय है. महज 75 दिनों में लाखों रुपए की कमाई का स्रोत बन गया है. किसानों का कहना है कि पहले कोयला साइकिल से ढोकर परिवार का पालन पोषण करते थे. अब उन्नत तकनीक अपनाकर बंजर भूमि में खेती कर रहे हैं. खेतों में सोना उगा रहें हैं. गांव के 15 से 20 लोगों को रोजगार भी दे रहें है.

ये भी पढ़ें-DGP और उनकी पत्नी ने राज्यपाल से की मुलाकात, 31 मई को होंगे रिटायर

गांव के जनप्रतिनिधि भी कहते हैं कि जहां तरबूज की खेती हो रही है वहां एक साल पहले हाइवा, ट्रक लगा करती थी. ये भूमि पूरी तरह से बंजर थी. सरकार की मदद से बंजर भूमि में किसान सोना होगा रहे हैं. उनका कहना है कि आधुनिक कृषि पद्धति अपनाकर किसान ने यह कर दिखाया है. अब चरही के किसान पूरे झारखंड में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं. आने वाले समय में चुरचू प्रखंड के कई गांवों में इसी तरह की खेती की जाएगी.

बता दें कि तरबूज हजारीबाग और कई शहरों में सप्लाई किया जा रहा है. वहीं, स्थानीय लोगों को भी तरबूज उपलब्ध कराने के लिए खेत के बाहर ही तरबूज बेचने की व्यवस्था की गई है. ऐसे में स्थानीय ग्राहक भी कहते हैं कि यहां के तरबूज में किसी भी तरह का सल्फेट या कृत्रिम उर्वरक का उपयोग नहीं किया गया है. जिससे ये तरबूज बाहर के तरबूजों से बेहतर है.

हजारीबागः गर्मी के मौसम में जब पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. नदी, नाला, तालाब, पोखर सब सूख रहे हैं. दूसरी ओर हजारीबाग के चूरचू प्रखंड के चरही के कई गांवों में फसलें लहलहा रही हैं. इस इलाके में कड़ाके की गर्मी में भी तरबूज की फसल लहलहा रही है. इस लहलहाते फसलों के पीछे की वजह है उन्नत तरीके से की गई तरबूज की खेती. ये क्षेत्र पूरे झारखंड में तरबूज जोन के रूप में जाना जा रहा है. यहां किसान कम पानी का उपयोग कर टपक विधि अपनाकर खेती कर रहे हैं.

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किसान भी कहते हैं कि वैज्ञानिक और उन्नत तरीके से तरबूज की खेती उनके लिए फायदे का व्यवसाय है. महज 75 दिनों में लाखों रुपए की कमाई का स्रोत बन गया है. किसानों का कहना है कि पहले कोयला साइकिल से ढोकर परिवार का पालन पोषण करते थे. अब उन्नत तकनीक अपनाकर बंजर भूमि में खेती कर रहे हैं. खेतों में सोना उगा रहें हैं. गांव के 15 से 20 लोगों को रोजगार भी दे रहें है.

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गांव के जनप्रतिनिधि भी कहते हैं कि जहां तरबूज की खेती हो रही है वहां एक साल पहले हाइवा, ट्रक लगा करती थी. ये भूमि पूरी तरह से बंजर थी. सरकार की मदद से बंजर भूमि में किसान सोना होगा रहे हैं. उनका कहना है कि आधुनिक कृषि पद्धति अपनाकर किसान ने यह कर दिखाया है. अब चरही के किसान पूरे झारखंड में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं. आने वाले समय में चुरचू प्रखंड के कई गांवों में इसी तरह की खेती की जाएगी.

बता दें कि तरबूज हजारीबाग और कई शहरों में सप्लाई किया जा रहा है. वहीं, स्थानीय लोगों को भी तरबूज उपलब्ध कराने के लिए खेत के बाहर ही तरबूज बेचने की व्यवस्था की गई है. ऐसे में स्थानीय ग्राहक भी कहते हैं कि यहां के तरबूज में किसी भी तरह का सल्फेट या कृत्रिम उर्वरक का उपयोग नहीं किया गया है. जिससे ये तरबूज बाहर के तरबूजों से बेहतर है.

Intro:नक्सली हमले के बाद जमीन से लेकर आसमान तक है कड़ा पहरा, पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील , एरिया किया गया सील।

सरायकेला जिले के कुचाई और खरसावां थाना क्षेत्र से सटे राय सिंदरी पहाड़ के पास पुलिस और कोबरा के जवानों पर नक्सलियों पर अटैक किए जाने के बाद से जिला पुलिस के अलावा कोबरा बटालियन और सीआरपीएफ की टुकड़ियो ने घटनास्थल और इसके आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह से सील कर दिया है । वही पुलिस को गुप्त सूचना मिल रही है कि अब भी नक्सलियों का एक समूह यहां छुपा है जिसके खोज करने के उद्देश्य से लगातार पूरे क्षेत्र में सघन एलआरपी और कौन बिंग सर्च ऑपरेशन अभियान चलाया जा रहा है


Body: वही पुलिस को सूचना मिल रही है कि अब भी नक्सलियों का एक समूह यहां छुपा है जिसके खोज करने के उद्देश्य से लगातार पूरे क्षेत्र में सघन एलआरपी और कांबिंग सर्च ऑपरेशन अभियान चलाया जा रहा है, सघन घने जंगल और इससे सटे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है वहीं जमीन से लेकर आसमान तक से नक्सलियों पर पैनी निगाह रखी जा रही है। हालांकि पुलिस द्वारा चलाए जा रहे इस सर्च अभियान से संबंधित कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन अभी जंगल में नक्सलियों के छुपे होने और उन्हें मार गिराने के उद्देश्य से पुलिस लगातार सर्च अभियान चला रही है।

गौरतलब है कि मंगलवार सुबह तड़के 209 कोबरा बटालियन और पुलिस के द्वारा कुचाई थाना क्षेत्र से सटे राय सिंदरी पहाड़ियों पर नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान चलाया जा रहा था ,जहां एंबुश लगाकर एक के बाद एक कई आईडी ब्लास्ट कर नक्सलियों ने कोबरा बटालियन और पुलिस जवानों पर हमला बोल दिया जिसमें कोबरा बटालियन के 11जवान समेत तीन अन्य पुलिस के जवान घायल हुए हैं।



Conclusion:
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