हजारीबागः शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डेढ़ साल से जूनियर रेजिडेंट के पद पर कार्यरत डॉ राम बाबू प्रसाद जांच में फर्जी पाए गए हैं. ऐसे में उनके खिलाफ सदर थाना में मामला दर्ज होने के 1 घंटे के भीतर ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया. यही नहीं गिरफ्तार कर मेडिकल चेकअप कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
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ईटीवी भारत ने 10 मार्च को एक खबर प्रमुखता से दिखाई थी कि किस तरह शेख भिखारी कॉलेज में फर्जी सर्टिफिकेट के सहारे रामबाबू प्रसाद पिछले डेढ़ साल से मरीजों का इलाज कर रहे हैं. इस खबर के बाद मामले की तहकीकात की जा रही थी. उस दौरान मेडिकल कॉलेज के सुपरिटेंडेंट डॉक्टर विनोद ने भी आश्वस्त किया था कि अगर जांच में वह फर्जी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जांच पूरी होने पर हजारीबाग सदर थाना में मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. इनकी गिरफ्तारी विष्णुपुरी मोहल्ला से की गई है. पिछले लगभग 3 महीने से हॉस्पिटल से फरार चल रहे थे.
बताते चलें कि एक ही नाम के दो डॉक्टरः हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टर राम बाबू प्रसाद के नाम से जूनियर रेजिडेंट कार्यरत थे. वही इसी नाम के दूसरे डॉक्टर मुजफ्फरपुर बिहार में सेवा दे रहे हैं. दोनों का नाम एक है. पिता और पता भी एक है. यही नहीं मेडिकल रजिस्ट्रेशन नंबर भी एक है. दोनों डॉक्टर ने खुद को असली होने का दावा किया था. मुजफ्फरपुर के डॉक्टर राम बाबू प्रसाद ने हजारीबाग के डॉक्टर पर सवाल खड़ा किया. इस बाबत शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रिंसिपल और सुपरिटेंडेंट को मेल भी किया है. स्पीड पोस्ट कर शिकायत भी भेजी गई थी. इस मामले की जांच करते हुए बिहार मेडिकल काउंसिल ने हजारीबाग में कार्यरत रामबाबू प्रसाद के डिग्री को फर्जी बताया और इसके बाद हजारीबाग सदर थाना में मामला दर्ज किया गया. दर्ज करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.