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हजारीबाग जरबा पंचायत देश के टॉप पंचायतों में शुमार, जानिए जरबा गांव के कैसे हैं हालात? - Etv Bharat ground report

हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने चुरचू प्रखंड के जरबा पंचायत के जरबा गांव को गोद लिया. पूरे देश के टॉप 5 पंचायतों में हजारीबाग जरबा पंचायत को जगह मिली. मौजूदा वक्त में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जरबा गांव की क्या है हालात, जानिए ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट से.

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हजारीबाग
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Published : Feb 14, 2022, 5:52 PM IST

Updated : Feb 14, 2022, 7:10 PM IST

हजारीबागः गांव की तस्वीर और तकदीर बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2014 को सांसद आदर्श ग्राम योजना लॉन्च किया था. इस योजना के तहत हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने चुरचू प्रखंड के जरबा पंचायत के जरबा गांव को गोद लिया. पूरे देश के टॉप 5 पंचायतों में हजारीबाग जरबा पंचायत को जगह मिली. ग्रामीण विकास मंत्रालय ने यह रैंकिंग दी है. ऐसे में इस गांव में क्या परिवर्तन हुआ यह जानना भी जरूरी है. ईटीवी भारत संवाददाता गौरव प्रकाश ने गांव के मुखिया, ग्रामीणों, पदाधिकारियों से बात की और जानने की कोशिश की आखिर जरबा गांव में क्या क्या परिवर्तन हुआ है.

इसे भी पढ़ें- सांसद जयंत सिन्हा का आदर्श गांव बदहाल, अस्पताल भवन तो है, लेकिन डॉक्टर नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर देश में 11 अक्टूबर 2014 को सांसद आदर्श ग्राम योजना लॉन्च किया गया. इसके जरिए राज्य सभा एवं लोकसभा के सांसदों से उम्मीद की गयी थी कि वह मार्च 2019 तक हर साल एक गांव को गोद लेकर वहां सर्वांगीण विकास के नए आयाम दें. अब 2024 तक इसके लिए लक्ष्य तय किया गया है. ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार ने पूरे देश भर के पंचायतों मैं हजारीबाग के जरबा पंचायत को टॉप 5 पंचायतों में शामिल किया है. झारखंड के जरबा पंचायत तीसरे स्थान पर है. जरबा गांव को हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने गोद लिया है. वेबसाइट www.saanjhi.gov.in पर रैंकिंग भी देखी जा सकती है. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस रैंकिंग में झारखंड की 2 दर्जन से अधिक पंचायतों को शामिल किया गया है.

जरबा पंचायत को लेकर ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट


ऐसे में जरबा गांव के ग्रामीण आज खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हैं कि उनका गांव का नाम पूरे देश भर में छाया हुआ है. सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत 12 पैरामीटर और 100 अंक तय किए गए थे. इसके आधार पर पंचायतों की रैंकिंग की गयी, जिसमें उनका गांव तीसरा स्थान लाया है, जरबा को 100 अंक 86.34 अंक मिले हैं. लेकिन यहां के इसको लेकर ग्रामीणों का मिलाजुला जवाब है. ग्रामीण कहते हैं कि हाल के दिनों में पूरे गांव में सड़क निर्माण हुआ है, जिससे गांव की तस्वीर बदली. सुविधा के लिए एक एसबीआई बैंक का शाखा भी गांव में है. लेकिन अस्पताल इस गांव में नहीं है, इसी पंचायत के दासोखाप में अस्पताल तो बनाया गया, दो साल पहले हेमंत सोरेन की सरकार ने इसका उद्घाटन किया लेकिन आज तक एक भी डॉक्टर यहां पदस्थापित नहीं हुए हैं. गांव के लोग का यह भी कहना है कि रोजगार के दृष्टिकोण से इस गांव में कुछ नहीं किया गया. खेती ही एकमात्र रोजगार का साधन है. बच्चों के लिए स्कूल गांव में है. यह हम लोगों के लिए सबसे बड़ी सुविधा मानी जा सकती है. लेकिन गांव के लोगों का यह भी कहना है कि इस गांव में नाली की व्यवस्था नहीं है. इस कारण गंदा पानी सड़क पर ही रहते रहता है.

Sansad Adarsh Gram Jarba village in bad shape In Hazaribag
गांव में सड़कों पर बहता नाले का पानी



वहीं गांव की मुखिया लक्ष्मी देवी कहती हैं कि गोद लेने के बाद इस गांव की तस्वीर बदली है. हमारे यहां सड़क, विद्यालय, बैंक की सुविधा है. इस गांव की महिलाएं आत्मनिर्भर होने के लिए कई तरह का व्यापार झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के साथ कर रही हैं. जिससे उनके परिवार का जीवन स्तर भी ऊंचा हुआ है. लेकिन मुखिया का इस बात को लेकर दुखी है कि रोजगार के लिए यहां कोई काम नहीं किए गए और पूरे गांव में कहीं भी नाली की व्यवस्था नहीं है. लेकिन उनको इस बात का खुशी है कि हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंच रहा है. ऐसे में पेयजल की समस्या से यह गांव मुक्त हुआ है. शत प्रतिशत लोग शौचालय का उपयोग गांव में कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- गोद लिए बालीजोर गांव का लालन-पालन करने में प्रशासन असमर्थ! आदर्श ग्राम का हाल-बेहाल



हजारीबाग के उप विकास आयुक्त अभय कुमार सिन्हा ने बताया जरबा गांव की तस्वीर बदली है. कई विभाग यहां समन्वय स्थापित कर विकास योजनाओं को धरातल पर उतारा है. जिससे लोगों का जीवन स्तर ऊंचा हुआ है. आज सभी लोगों के लिए खुशी की बात है कि पूरे देश भर में यह गांव तीसरा स्थान लाया है. वहीं उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी कई योजनाएं धरातल पर लाई जाएंगी. उप विकास आयुक्त का यह भी कहना है कि शराब बंदी को लेकर यहां की महिलाएं काफी सक्रिय रही हैं. गांव में लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. महुआ जिससे शराब बनाया जाता है यहां की महिलाएं उससे आचार बनाई और उसकी मांग महानगरों में भी खूब रही.

Sansad Adarsh Gram Jarba village in bad shape In Hazaribag
बंद है जरबा गांव में बना स्वास्थ्य केंद्र
ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि इस गांव की तस्वीर और तकदीर सांसद ग्राम योजना के कारण हुआ. लेकिन अभी भी इस गांव कई मूलभूत सुविधा से कोसों दूर है. जिसमें पहला रोजगार दूसरा अस्पताल और तीसरा नाली की सुविधा मुख्य है लेकिन इसके बावजूद इस गांव को तीसरा स्थान दिया गया. हजारीबाग में सांसद आदर्श ग्राम योजना के जरबा गांव बदहाल है, फिलहाल ऐसा कहना और समझना जल्दबाजी ही होगी.

हजारीबागः गांव की तस्वीर और तकदीर बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2014 को सांसद आदर्श ग्राम योजना लॉन्च किया था. इस योजना के तहत हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने चुरचू प्रखंड के जरबा पंचायत के जरबा गांव को गोद लिया. पूरे देश के टॉप 5 पंचायतों में हजारीबाग जरबा पंचायत को जगह मिली. ग्रामीण विकास मंत्रालय ने यह रैंकिंग दी है. ऐसे में इस गांव में क्या परिवर्तन हुआ यह जानना भी जरूरी है. ईटीवी भारत संवाददाता गौरव प्रकाश ने गांव के मुखिया, ग्रामीणों, पदाधिकारियों से बात की और जानने की कोशिश की आखिर जरबा गांव में क्या क्या परिवर्तन हुआ है.

इसे भी पढ़ें- सांसद जयंत सिन्हा का आदर्श गांव बदहाल, अस्पताल भवन तो है, लेकिन डॉक्टर नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर देश में 11 अक्टूबर 2014 को सांसद आदर्श ग्राम योजना लॉन्च किया गया. इसके जरिए राज्य सभा एवं लोकसभा के सांसदों से उम्मीद की गयी थी कि वह मार्च 2019 तक हर साल एक गांव को गोद लेकर वहां सर्वांगीण विकास के नए आयाम दें. अब 2024 तक इसके लिए लक्ष्य तय किया गया है. ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार ने पूरे देश भर के पंचायतों मैं हजारीबाग के जरबा पंचायत को टॉप 5 पंचायतों में शामिल किया है. झारखंड के जरबा पंचायत तीसरे स्थान पर है. जरबा गांव को हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने गोद लिया है. वेबसाइट www.saanjhi.gov.in पर रैंकिंग भी देखी जा सकती है. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस रैंकिंग में झारखंड की 2 दर्जन से अधिक पंचायतों को शामिल किया गया है.

जरबा पंचायत को लेकर ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट


ऐसे में जरबा गांव के ग्रामीण आज खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हैं कि उनका गांव का नाम पूरे देश भर में छाया हुआ है. सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत 12 पैरामीटर और 100 अंक तय किए गए थे. इसके आधार पर पंचायतों की रैंकिंग की गयी, जिसमें उनका गांव तीसरा स्थान लाया है, जरबा को 100 अंक 86.34 अंक मिले हैं. लेकिन यहां के इसको लेकर ग्रामीणों का मिलाजुला जवाब है. ग्रामीण कहते हैं कि हाल के दिनों में पूरे गांव में सड़क निर्माण हुआ है, जिससे गांव की तस्वीर बदली. सुविधा के लिए एक एसबीआई बैंक का शाखा भी गांव में है. लेकिन अस्पताल इस गांव में नहीं है, इसी पंचायत के दासोखाप में अस्पताल तो बनाया गया, दो साल पहले हेमंत सोरेन की सरकार ने इसका उद्घाटन किया लेकिन आज तक एक भी डॉक्टर यहां पदस्थापित नहीं हुए हैं. गांव के लोग का यह भी कहना है कि रोजगार के दृष्टिकोण से इस गांव में कुछ नहीं किया गया. खेती ही एकमात्र रोजगार का साधन है. बच्चों के लिए स्कूल गांव में है. यह हम लोगों के लिए सबसे बड़ी सुविधा मानी जा सकती है. लेकिन गांव के लोगों का यह भी कहना है कि इस गांव में नाली की व्यवस्था नहीं है. इस कारण गंदा पानी सड़क पर ही रहते रहता है.

Sansad Adarsh Gram Jarba village in bad shape In Hazaribag
गांव में सड़कों पर बहता नाले का पानी



वहीं गांव की मुखिया लक्ष्मी देवी कहती हैं कि गोद लेने के बाद इस गांव की तस्वीर बदली है. हमारे यहां सड़क, विद्यालय, बैंक की सुविधा है. इस गांव की महिलाएं आत्मनिर्भर होने के लिए कई तरह का व्यापार झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के साथ कर रही हैं. जिससे उनके परिवार का जीवन स्तर भी ऊंचा हुआ है. लेकिन मुखिया का इस बात को लेकर दुखी है कि रोजगार के लिए यहां कोई काम नहीं किए गए और पूरे गांव में कहीं भी नाली की व्यवस्था नहीं है. लेकिन उनको इस बात का खुशी है कि हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंच रहा है. ऐसे में पेयजल की समस्या से यह गांव मुक्त हुआ है. शत प्रतिशत लोग शौचालय का उपयोग गांव में कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- गोद लिए बालीजोर गांव का लालन-पालन करने में प्रशासन असमर्थ! आदर्श ग्राम का हाल-बेहाल



हजारीबाग के उप विकास आयुक्त अभय कुमार सिन्हा ने बताया जरबा गांव की तस्वीर बदली है. कई विभाग यहां समन्वय स्थापित कर विकास योजनाओं को धरातल पर उतारा है. जिससे लोगों का जीवन स्तर ऊंचा हुआ है. आज सभी लोगों के लिए खुशी की बात है कि पूरे देश भर में यह गांव तीसरा स्थान लाया है. वहीं उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी कई योजनाएं धरातल पर लाई जाएंगी. उप विकास आयुक्त का यह भी कहना है कि शराब बंदी को लेकर यहां की महिलाएं काफी सक्रिय रही हैं. गांव में लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. महुआ जिससे शराब बनाया जाता है यहां की महिलाएं उससे आचार बनाई और उसकी मांग महानगरों में भी खूब रही.

Sansad Adarsh Gram Jarba village in bad shape In Hazaribag
बंद है जरबा गांव में बना स्वास्थ्य केंद्र
ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि इस गांव की तस्वीर और तकदीर सांसद ग्राम योजना के कारण हुआ. लेकिन अभी भी इस गांव कई मूलभूत सुविधा से कोसों दूर है. जिसमें पहला रोजगार दूसरा अस्पताल और तीसरा नाली की सुविधा मुख्य है लेकिन इसके बावजूद इस गांव को तीसरा स्थान दिया गया. हजारीबाग में सांसद आदर्श ग्राम योजना के जरबा गांव बदहाल है, फिलहाल ऐसा कहना और समझना जल्दबाजी ही होगी.
Last Updated : Feb 14, 2022, 7:10 PM IST
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