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Digital India की हकीकत, 6 किलोमीटर चलने पर आता है नेटवर्क, तब मिलता है राशन

हजारीबाग में टाटीझरिया प्रखंड के कई गांव के लोगों को राशन लेने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. क्षेत्र में नेटवर्क नहीं रहने के कारण इंटरनेट नहीं चलता है. झारखंड में सभी पीडीएस दुकानदारों (PDS Dealer) को ई-पॉस मशीन (E-Pos Machine) दी गई है, जिसमें 2जी नेटवर्क काम करता है. ई-पॉस मशीन में ही लाभुकों के अंगूठे का निशान लिया जाता है, जिसके बाद उन्हें राशन दिया जाता है. लेकिन कई क्षेत्रों में नेटवर्क नहीं रहने के कारण लाभुकों को काफी समस्या होती है.

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नेटवर्क की समस्या
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Published : Jun 24, 2021, 5:57 PM IST

Updated : Jun 24, 2021, 10:50 PM IST

हजारीबाग: पूरे देश में जहां 5G नेटवर्क (5G network) को लेकर काम चल रहा है, ताकि इंटरनेट की स्पीड बढायी जा सके. इसे लेकर जगह-जगह बड़े-बड़े टावर भी लगाए जा रहे हैं. वहीं झारखंड सरकार की जन वितरण प्रणाली (Public Distribution System) 2G पर ही काम कर रही है, जिसके कारण राशन लेने के लिए गांव के लोगों को 6 किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है.

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सरकार दूर-दराज के गांव में रहने वालों तक राशन पहुंचाने का दावा करती है, लेकिन हजारीबाग के टाटीझरिया प्रखंड के कई गांव के लोगों को राशन लेने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा है. ई-पॉस मशीन में अंगूठा लगाने के लिए उन्हें 6 किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है. उसके बाद यदि नेटवर्क मिला तो ई-पॉस मशीन में लाभुकों का नाम दर्ज हो जाता है, नहीं तो घंटों इंतजार करना पड़ता है.

देखें स्पेशल स्टोरी

कई गांव में नेटवर्क की समस्या
गांव में राशन डीलरों और लाभुकों के लिए नेटवर्क की समस्या जी का जंजाल बन गयी है. इस समस्या के कारण कई लाभुकों को समय से राशन नहीं मिल पाता है. पीडीएस सेवा को ऑनलाइन से जोड़ने के बाद जब तक लाभुकों के अंगूठे का निशान सत्यापित नहीं हो जाता है, तब तक उन्हें राशन नहीं मिलता है. यह सभी ऑनलाइन प्रक्रिया है. हजारीबाग के टाटीझरिया प्रखंड के पीडीएस दुकानदार को भी ई-पॉस मशीन दी गयी है, लेकिन नेटवर्क की समस्या उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत हो रही है. नेटवर्क नहीं रहने के कारण लाभुकों को 6 किलोमीटर दूर जाकर अंगूठा का निशान लगाना पड़ता है. उसके 24 घंटे के बाद उन्हें राशन मिलता है. टाटीझरिया प्रखंड के 4 डीलरों को नेटवर्क की समस्या से जूझना पड़ रहा है. वहीं लगभग 1500 कार्डधारियों को अंगूठा लगाने के लिए 6 से 8 किलोमीटर पैदल चलकर दूसरे गांव जाना पड़ता है. टाटीझरिया प्रखंड के डुमर, धर्मपुर, दूधमनिया, खरका, मुक्ति दूधमनिया, जेरुआडीह, डुंगो पानी समेत कई गांव में इस तरह की समस्या हो रही है.

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अंगूठा लगाने के इंतजार में लाभुक

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नेटवर्क के लिए लाभुकों को जाना होता है 8-10 किलोमीटर दूर
डीलर बताते हैं कि नेटवर्क की समस्या को लेकर कभी नदी के उस पार, तो कभी खेत में जाना पड़ता है. इस समस्याओं के समाधान के लिए NH किनारे लाभुकों को बुलाया जाएगा और मशीन में अंगूठा लगाया जाएगा, जिसके 24 घंटे के बाद या अगले दिन उन्हें राशन दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि नेटवर्क समस्या की जानकारी पदाधिकारियों को दी गई है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, ऐसे में कई डीलर काफी परेशान हैं. डीलरों ने कहा कि जब ई-पॉस मशीन लेकर 8 से 10 किलोमीटर दूर जाते हैं, तो लाभुकों को इसकी जानकारी भी दी जाती है, ताकि अधिक से अधिक लाभुक पहुंच सके. डीलरों ने बताया कि ई-पॉस मशीन में 2G सिम लगे हैं और 2जी सिम अब आउटडेटेड हो गये हैं, गांव में 4G काम करता है, मशीन में एयरटेल का सिम लगाया गया है, जिसका नेटवर्क गांव में नहीं आता है, अगर सरकार 4G सिम वाली मशीन की व्यवस्था कर दे तो सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह की समस्या नहीं होगी.

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ई-पॉस मशीन

ग्रामीणों को भाड़ा देकर जाना होता है अंगूठा लगाने

वहीं ग्रामीण कहते हैं कि राशन लेने के लिए 100 रुपये भाड़ा में खर्च करना होता है, अभी गाड़ी भी नहीं चल रही है, ऐसे में अधिकतर लोगों को अंगूठा लगाने पैदल जाना होता है, बरसात के समय में और भी अधिक परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि ई-पॉस मशीन सरकार ने आफत दे दी है.

हजारीबाग: पूरे देश में जहां 5G नेटवर्क (5G network) को लेकर काम चल रहा है, ताकि इंटरनेट की स्पीड बढायी जा सके. इसे लेकर जगह-जगह बड़े-बड़े टावर भी लगाए जा रहे हैं. वहीं झारखंड सरकार की जन वितरण प्रणाली (Public Distribution System) 2G पर ही काम कर रही है, जिसके कारण राशन लेने के लिए गांव के लोगों को 6 किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है.

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सरकार दूर-दराज के गांव में रहने वालों तक राशन पहुंचाने का दावा करती है, लेकिन हजारीबाग के टाटीझरिया प्रखंड के कई गांव के लोगों को राशन लेने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा है. ई-पॉस मशीन में अंगूठा लगाने के लिए उन्हें 6 किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है. उसके बाद यदि नेटवर्क मिला तो ई-पॉस मशीन में लाभुकों का नाम दर्ज हो जाता है, नहीं तो घंटों इंतजार करना पड़ता है.

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कई गांव में नेटवर्क की समस्या
गांव में राशन डीलरों और लाभुकों के लिए नेटवर्क की समस्या जी का जंजाल बन गयी है. इस समस्या के कारण कई लाभुकों को समय से राशन नहीं मिल पाता है. पीडीएस सेवा को ऑनलाइन से जोड़ने के बाद जब तक लाभुकों के अंगूठे का निशान सत्यापित नहीं हो जाता है, तब तक उन्हें राशन नहीं मिलता है. यह सभी ऑनलाइन प्रक्रिया है. हजारीबाग के टाटीझरिया प्रखंड के पीडीएस दुकानदार को भी ई-पॉस मशीन दी गयी है, लेकिन नेटवर्क की समस्या उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत हो रही है. नेटवर्क नहीं रहने के कारण लाभुकों को 6 किलोमीटर दूर जाकर अंगूठा का निशान लगाना पड़ता है. उसके 24 घंटे के बाद उन्हें राशन मिलता है. टाटीझरिया प्रखंड के 4 डीलरों को नेटवर्क की समस्या से जूझना पड़ रहा है. वहीं लगभग 1500 कार्डधारियों को अंगूठा लगाने के लिए 6 से 8 किलोमीटर पैदल चलकर दूसरे गांव जाना पड़ता है. टाटीझरिया प्रखंड के डुमर, धर्मपुर, दूधमनिया, खरका, मुक्ति दूधमनिया, जेरुआडीह, डुंगो पानी समेत कई गांव में इस तरह की समस्या हो रही है.

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नेटवर्क के लिए लाभुकों को जाना होता है 8-10 किलोमीटर दूर
डीलर बताते हैं कि नेटवर्क की समस्या को लेकर कभी नदी के उस पार, तो कभी खेत में जाना पड़ता है. इस समस्याओं के समाधान के लिए NH किनारे लाभुकों को बुलाया जाएगा और मशीन में अंगूठा लगाया जाएगा, जिसके 24 घंटे के बाद या अगले दिन उन्हें राशन दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि नेटवर्क समस्या की जानकारी पदाधिकारियों को दी गई है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, ऐसे में कई डीलर काफी परेशान हैं. डीलरों ने कहा कि जब ई-पॉस मशीन लेकर 8 से 10 किलोमीटर दूर जाते हैं, तो लाभुकों को इसकी जानकारी भी दी जाती है, ताकि अधिक से अधिक लाभुक पहुंच सके. डीलरों ने बताया कि ई-पॉस मशीन में 2G सिम लगे हैं और 2जी सिम अब आउटडेटेड हो गये हैं, गांव में 4G काम करता है, मशीन में एयरटेल का सिम लगाया गया है, जिसका नेटवर्क गांव में नहीं आता है, अगर सरकार 4G सिम वाली मशीन की व्यवस्था कर दे तो सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह की समस्या नहीं होगी.

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ग्रामीणों को भाड़ा देकर जाना होता है अंगूठा लगाने

वहीं ग्रामीण कहते हैं कि राशन लेने के लिए 100 रुपये भाड़ा में खर्च करना होता है, अभी गाड़ी भी नहीं चल रही है, ऐसे में अधिकतर लोगों को अंगूठा लगाने पैदल जाना होता है, बरसात के समय में और भी अधिक परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि ई-पॉस मशीन सरकार ने आफत दे दी है.

Last Updated : Jun 24, 2021, 10:50 PM IST
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