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Chhath Puja 2021: छठ पूजा के अंतिम दिन उदीयमान सूर्य को श्रद्धालुओं ने दिया अर्घ्य, महापर्व का हुआ समापन - Devotees offered Arghya to rising sun

हजारीबाग में उदीयमान सूर्य के अर्घ्य के साथ ही महापर्व छठ का समापन हो गया. मान्यता है कि सुबह में भगवान सूर्य की पत्नी उषा को अर्घ्य दिया जाता है. विधि विधान से इस समय अर्घ्य देने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

Devotees offered Arghya to rising sun
उदीयमान सूर्य को श्रद्धालुओं दिया अर्घ्य
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Published : Nov 11, 2021, 8:14 AM IST

Updated : Nov 11, 2021, 9:49 AM IST

हजारीबाग: आस्था के महापर्व छठ के चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया गया. इसी के साथ चार दिनों तक चले छठ पर्व का समापन हो गया. जिले में भी छठ पूजा का उत्साह चरम सीमा पर देखने को मिला.

ये भी पढ़ें- Chhath Puja 2021: उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ महापर्व छठ का समापन

सुबह से ही घाट पर पहुंच रहे थे श्रद्धालु

छठ पर्व के आखिरी दिन अहले सुबह से ही हजारीबाग में घाटों पर श्रद्धालु पहुंचने लगे. कई जगहों पर व्रती और उनके परिवार के लोग घाट के किनारे बैठकर भगवान सूर्य के उदय का इंतजार करते दिखे. सूर्य के उगते ही उनको अर्घ्य दिया गया. इसके बाद व्रतियों ने एक दूसरे को प्रसाद दिया और शरबत पीकर 36 घंटे के निर्जला व्रत को तोड़ा.

उषा अर्घ्य से मन्नतें होती है पूरी

छठ पूजा के चौथे दिन सुबह में अर्घ्य दिया जाता है. मान्यता है कि यह अर्घ्य सूर्य की पत्नी उषा को दिया जाता है. विधि विधान से इस समय दिए गए अर्घ्य से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

घाटों पर सुरक्षा के सख्त इंतजाम

छठ व्रतियों में जहां पूजा को लेकर उत्साह था वहीं प्रशासन इस दौरान शहर की सुरक्षा में लगा था. महापर्व के दौरान कोई अनहोनी नहीं हो इसके लिए शहर के सभी घाटों और महत्वपूर्ण चौक चौराहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे.

हजारीबाग: आस्था के महापर्व छठ के चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया गया. इसी के साथ चार दिनों तक चले छठ पर्व का समापन हो गया. जिले में भी छठ पूजा का उत्साह चरम सीमा पर देखने को मिला.

ये भी पढ़ें- Chhath Puja 2021: उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ महापर्व छठ का समापन

सुबह से ही घाट पर पहुंच रहे थे श्रद्धालु

छठ पर्व के आखिरी दिन अहले सुबह से ही हजारीबाग में घाटों पर श्रद्धालु पहुंचने लगे. कई जगहों पर व्रती और उनके परिवार के लोग घाट के किनारे बैठकर भगवान सूर्य के उदय का इंतजार करते दिखे. सूर्य के उगते ही उनको अर्घ्य दिया गया. इसके बाद व्रतियों ने एक दूसरे को प्रसाद दिया और शरबत पीकर 36 घंटे के निर्जला व्रत को तोड़ा.

उषा अर्घ्य से मन्नतें होती है पूरी

छठ पूजा के चौथे दिन सुबह में अर्घ्य दिया जाता है. मान्यता है कि यह अर्घ्य सूर्य की पत्नी उषा को दिया जाता है. विधि विधान से इस समय दिए गए अर्घ्य से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

घाटों पर सुरक्षा के सख्त इंतजाम

छठ व्रतियों में जहां पूजा को लेकर उत्साह था वहीं प्रशासन इस दौरान शहर की सुरक्षा में लगा था. महापर्व के दौरान कोई अनहोनी नहीं हो इसके लिए शहर के सभी घाटों और महत्वपूर्ण चौक चौराहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे.

Last Updated : Nov 11, 2021, 9:49 AM IST
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