हजारीबाग: जिला समेत पूरे राज्य में कोरोना काल के दौरान प्रवासी मजदूरों से डोभा निर्माण का कार्य जोर-शोर से कराया गया था. ताकि उन्हें रोजगार मिले और भविष्य में यह डोभा जल संचय के साथ-साथ सिंचाई में भी काम आ सके. लेकिन अब इसमें अनियमितता की बात सामने आ रही है.
डोभा निर्माण में प्रवासी मजदूरों को रोजगार
जानकारी अनुसार जिला में कुल 2029 शोभा का निर्माण इस वित्तीय वर्ष में करना है, जिसमें 862 डोभा का निर्माण विभिन्न प्रखंड के गांवों में किया गया है. इस डोभा के निर्माण में प्रवासी मजदूरों को रोजगार भी दिया गया था. अब इसके निर्माण को लेकर सवाल खड़ा किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि कागजों में ही डोभा बना दिए गए हैं. ऐसे में हजारीबाग के उप विकास आयुक्त ने स्पष्ट कर दिया है कि रातों-रात 1 दिन में डोभा का निर्माण नहीं हो सकता है.
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डोभा निर्माण में अनियमितता
उप विकास आयुक्त का कहना है कि जब भी उन लोगों को सूचना प्राप्त होती है कि डोभा निर्माण में अनियमितता हो रही है, तो वो तुरंत जांच भी करते हैं. इस बाबत बीपीओ बीडीओ स्थल निरीक्षण की जांच कर कार्रवाई भी करते हैं. हाल के दिनों में केरेडारी में उन लोगों को सूचना मिली थी कि डोभा निर्माण में मशीन का उपयोग किया जा रहा है, तो उन लोगों ने जांच किया, जहां मशीन तो नहीं पायी गयी. लेकिन मशीन के दाग मिले थे. ऐसे में उन लोगों ने एफआईआर दर्ज किया है. इसी तरह इचाक में भी मामला आया है, वहां भी उन लोगों ने कार्रवाई की है. लेकिन यह कह देना कि पूरे डोभा निर्माण में अनियमितता हुई है, इसमें सच्चाई नहीं दिखती है.
जिला स्तरीय एक टीम का गठन
उप विकास आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया है कि हजारीबाग के 16 प्रखंड के सभी बीडीओ को यह निर्देश दिया गया है कि अपने-अपने क्षेत्र में जितने भी डोभा बने हैं, उसका स्थल जांच कर प्रमाण पत्र कार्यालय को सौंपे. ताकि वस्तुस्थिति की जानकारी हो सके. साथ ही उन्होंने इस बाबत जिला स्तरीय एक टीम का भी गठन किया है, जो डोभा निर्माण स्थल का जाकर जांच करेगी.