हजारीबागः इंटरनेट युग में साइबर अपराध का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है. अब छोटे शहर के युवा भी साइबर अपराध की दुनिया में नजर आ रहे हैं. हजारीबाग में हाल के दिनों में कई ऐसे घटना सामने आई है, जो यह सोचने को विवश कर रही है कि, हमारा समाज किस ओर जा रहा है. हाल के दिनों में साइबर अपराध का दायरा बढ़ता जा रहा है. पहले बड़े-बड़े शहरों मे इंटरनेट के जरिए अपराध दिखते थे. अब हजारीबाग जैसे छोटे ग्रामीण इलाकों में भी साइबर अपराधी अपनी धमक बना रहे हैं.
ऑनलाइन के बढ़ते कारोबार के बीच साइबर अपराध के ग्राफ में भी इजाफा हुआ है. ऑनलाइन खरीद बिक्री के कई साइट हैं. जो कीमती सामानों को सस्ते में बेचने का लालच दे रहे हैं. कई ऐसे भी साइट हैं जहां लोगों को दान देने की अपील की जा रही है. ताकि गरीब लोगों को मदद की जाए. हजारीबाग में भी विगत कुछ दिनों में ऐसे मामले आए हैं. हजारीबाग पुलिस का कहना है कि जिस तरह से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का उपयोग बढ़ा है वैसे ही अपराध का ग्राफ भी बढ़ा है. घर के लोग बड़े ही शौक से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट लेते हैं, लेकिन उसका उपयोग सही से नहीं कर पाते. जिसके कारण अपराधियों के चुंगल में फंस जाते हैं.
एसपी ने की अपील
हजारीबाग एसपी अब आम लोगों से अपील भी कर रहे हैं कि अगर वह कहीं जाते हैं तो अपना मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट, पासवर्ड को सार्वजनिक न करें. अगर पर्सनल नंबर सार्वजनिक करते हैं तो हो सकता है कि आप अपराधियों के चंगुल में फंस जाए. उनका यह भी कहना है कि जब लोग अपनी जानकारी सार्वजनिक करते हैं तो कई कॉल सेंटर उसे डेटाबेस बना लेते हैं. बाद में कोई कंपनी उसे कीमत देकर खरीद लेती है. ऐसे में साइबर अपराध एक इंडस्ट्री के रूप में फलता फूलता जा रहा है. जहां न व्यक्ति की जानकारी होती है और न ही उसकी पहचान होती है. ऐसे में जरूरत है सावधानी बरतने की.
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बीते कुछ महीनों में हुए वारदात-
1. 11 फरवरी 2020 को हजारीबाग पुलिस को फेसबुक और मैसेंजर के जरिए पैसे मांगने को लेकर शिकायत दर्ज की गई.
2. 19 जून 2020 को जमशेदपुर के बिष्टुपुर साइबर थाना ने हजारीबाग के पवन कुमार और उसके भाई चंदन कुमार को साइबर अपराध को लेकर गिरफ्तार किया. 1 लाख रुपये, अलग-अलग बैंक के 8 खाते मोबाइल और लैपटॉप जब्त किया गया था. उनके अकाउंट से 68 लाख का ट्रांजेक्शन हुआ था.
3. 3 सितंबर 2020 को हजारीबाग शहर में साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले दो आरोपी को सदर थाना पुलिस ने शुक्रवार को धर दबोचा था. गिरफ्तार दोनों आरोपी मोहम्मद हसन अंसारी और रिफ्यूजन अंसारी गिरिडीह जिले के रहने वाले थे. हजारीबाग शहर में रहकर साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे थे.
4. 17 सितंबर 2020 को हजारीबाग पुलिस ने दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया. जिन्होंने प्रधानमंत्री रिलीफ फंड के जरिए 60 लाख रपया की ठगी की थी. ये दोनों छात्र हैं. जिनमें एक बीटेक कर पढ़ाई कर चुका है, वहीं दूसरा फिजिक्स ऑनर्स से ग्रेजुएट है.