हजारीबागः जिले में कोरोना संक्रमण अपना पांव फैलाता जा रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोगों का टेस्ट करवाना है. एक ओर जहां सैंपल तो इकट्ठा हो रहे हैं, लेकिन टेस्टिंग की स्पीड नहीं बढ़ पा रही है. इसे लेकर अब सदर अस्पताल के सिविल सर्जन भी काफी चिंतित हैं.
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मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टर्स की कमी
हजारीबाग सिविल सर्जन डॉक्टर संजय जायसवाल का कहना है कि जो रफ्तार हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल की होनी चाहिए, वह अभी नहीं है. क्योंकि जांच हाल ही में शुरू की गई है. दूसरी ओर ट्रूनेट से जांच हो रही है. राज्य सरकार ने भी किट मुहैया कराई है, उससे भी टेस्ट किया जा रहा हैं. डॉक्टर ने यह भी कहा कि सबसे बड़ी समस्या अब डॉक्टर्स की कमी से हो रही है, क्योंकि डॉक्टर कम हैं और सेंटर में जांच बढ़ती जा रही है. ऐसे में एक डॉक्टर को दो-दो जगह देखना पड़ रहा है. यह चुनौती का समय है और इसे स्वीकार करते हुए मरीजों को इलाज किया जा रहा है. विगत दिनों मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थापित कोविड-19 लैब में 295 लोगों के ही सैंपल की जांच की जा सकी है.
18 मोहल्ला सील
हजारीबाग में अभी 18 मोहल्लों को सील किया गया है. सोमवार को हजारीबाग एसबीआई मुख्य शाखा की एक महिला कर्मी के पॉजिटिव आने के बाद जिला प्रशासन ने 50 लोगों का सैंपल कलेक्ट किया है और 3 दिनों के लिए बैंक बंद करने का फैसला लिया गया है. पूरे बैंक को सेनेटाइज किया गया है. वहीं, टाटीझरिया प्रखंड कार्यालय का एक कर्मी पॉजिटिव मिला है. इसके पहले भी चार लोग इसी कार्यालय से संक्रमित हुए हैं. ऐसे में कार्यालय को भी सेनेटाइज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.