हजारीबाग: आस्था के पर्व छठ के मध्य नजर हजारीबाग झील की सफाई का कार्य नगर निगम की तरफ से शुरू किया गया है. झील में छटवर्ती अर्घ देने के लिए शहर के कोने-कोने से पहुंचती हैं. यही नहीं हजारीबाग का झील पूरे राज्य भर में इसे अलग पहचान भी दिया है, लेकिन मत्स्य विभाग के अंतर्गत आने वाले झील में सफाई को लेकर किसी भी तरह का इंतजाम नहीं किया गया है. अब नगर निगम सफाई को लेकर बीड़ा उठाया है और यहां जलकुंभी हटाने का काम शुरू कर दिया है.
महापर्व छठ को लेकर घाटों की सफाई
आस्था का महापर्व छठ को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. खासकर घाटों की सफाई शुरू कर दी गई है. हजारीबाग के झील में चारों तरफ जलकुंभी का अंबार फैला हुआ है. जिससे कोई भी कोना अछुता नहीं है. जलकुंभी के रहते झील में छठ के मौके पर अर्घ देना संभव नहीं है. इसलिए विशेष अभियान के तहत झील पर सफाई शुरू की गई है. फिलहाल, झील पर 18 मजदूर लगाए गए हैं. सभी निगम के बाहर के मजदूर हैं. इन्हें दैनिक मजदूरी पर रखा गया है. निगम के सफाईकर्मी से झील के जलकुंभी हटाना संभव नहीं है. इसे हटाने के लिए अनुभवी और जानकार लोगों की जरूरत है. ऐसे में नगर निगम ने टेंडर देकर झील की सफाई शुरू करवाई है.
इसे भी पढ़ें-कोरोना पर लोकतंत्र की जीत, दुमका और बेरमो में उम्मीद से ज्यादा हुई वोटिंग
हमेशा होनी चाहिए साफ-सफाई
ठेकेदार का कहना है कि झील की सफाई हमेशा की जाए तो ऐसी गंदगी नहीं होगी. एक दिन की साफ सफाई के लिए हमेशा 2 से 4 लोगों की टीम काम करने चाहिए. तब हमारा हजारीबाग का झील सुंदर और साफ रहेगा नहीं तो हमेशा जलकुंभी पनप जाएगा और झील गंदा हो जाएगा.