बरकट्ठा,हजारीबागः जिला में आपसी रिश्ते और इंसानियत को तार-तार करने का मामला सामने आया है. जहां बरकट्ठा थाना क्षेत्र के बेडोकला केंदुआ वन में 12 वर्षीय बालक के अपहरण की साजिश रचकर उसकी हत्या कर दी. इस साजिश का मास्टरमाइंड उसका चचेरा भाई ही निकला. अपने गुनाह कबूल करते हुए उसने बताया कि फिरौती की रकम नहीं मिलने पर उसने बच्चे की हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपी चचेरे भाई को जेल भेज दिया है.
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हजारीबाग में हत्या और बच्चे का शव बरामद होने के मामले में आरोपी के इकबालिया बयान के बाद से इस सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ. ओमसागर राणा के अपहरण की साजिश रचने वाले ने तीन दिन तक पुलिस को नई-नई कहानियां सुना कर घुमाया. बच्चे की हत्या के बाद भी वो अपने ही परिजनों से छह लाख रुपये की फिरौती की मांग कर रहा था. आखिर में पुलिस द्वारा कड़ाई से की गयी पूछताछ में वो बिल्कूल टूट गया और उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. इसके बाद आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने शुक्रवार देर रात कोल्हुवा कुदर स्थित दुलकी नदी के एक पत्थर के गुफानुफा स्थान से बच्चे का शव बरामद किया.
हजारीबाग में बच्चे का अपहरण का मामला सुलझ गया. पुलिस ने मुख्य आरोपी आरोपी चचेरे भाई को जेल भेज दिया है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस अपहरण और हत्या में तीन चार और लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है. इस मामले में अन्य आरोपियों शामिल होने को लेकर पुलिस उनकी तलाश में जुट गयी है. इधर पूर्व विधायक जानकी प्रसाद यादव पीड़ित परिजनों से मिले और उनको ढांढस बंधाया. उन्होंने बच्चे की निर्मम हत्याकांड में शामिल आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की.
क्या है पूरा मामलाः 28 फरवरी को परिजनों ने बच्चे की गुमशुदगी को लेकर थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. 1 मार्च को बच्चे की मां किरण देवी से फोन कर छह लाख फिरौती की मांग की गई. इसके बाद उसने 2 मार्च को अपहरण का मामला दर्ज कराया. केस हाथ में आने पर पुलिस इसकी पड़ताल में जुट गई. इस दौरान अगवा बच्चे का चचेरा भाई बिट्टू कुमार राणा लगातार बयान बदल रहा था. आखिरकार एसडीपीओ नाजिर अख्तर की पूछताछ में दो दिन बाद आरोपी बिट्टू टूट गया और उसने अपने चचेरे भाई ओमसागर राणा के अपहरण से लेकर हत्या तक की जानकारी दी.