हजारीबाग: पूरे राज्य भर में इन दिनों ठंड का प्रकोप है. ऐसे में जिला प्रशासन और समाजसेवी गरीब तबके के लोगों को ठंड से राहत देने के लिए कंबल का व्यवस्था भी करते हैं.लेकिन कई ऐसे दुर्गम इलाके हैं जहां तंत्र नहीं पहुंच पाता और समाजसेवी भी दूरी के कारण वहां नहीं पहुंचते हैं. समाजसेवियों को सुरक्षा का भी भय रहता है. लेकिन हजारीबाग से लगभग 50 किलोमीटर दूर इचाक प्रखंड का सिमरातरी गांव में अमेरिका में नौकरी करने वाले एक समाजसेवी कंबल लेकर पहुंचे.
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इस गांव में कपकपाती ठंड में किसी भी प्रशासनिक पदाधिकारी के द्वारा कंबल की व्यवस्था नहीं की गई थी. आपको यह जानकर और आश्चर्य होगा कि अमेरिका में नौकरी करने वाले सुनील मेहता उन्होंने गरीबो के बीच कंबल उपलब्ध कराया है. बटेश्वर मेहता जो एक राजनीतिक दल से भी तालुकात रखते हैं और समाजसेवी भी हैं उन्होंने बताया कि शहर में तो कई लोग कंबल वितरण करते हैं. लेकिन सुदूरवर्ती दुर्गम क्षेत्रों में कंबल गरीबों को मुहैया कराया जाए तो इससे बड़ा पुण्य काम नहीं हो सकता है.
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कुछ लोगों ने जानकारी दिया था कि सिमरातरी गांव आदिवासी बहुल क्षेत्र है और यहां पहुंचने का रास्ता भी नहीं है. पहाड़ के चारों ओर बसा यह गांव में मूलभूत सुविधा भी नहीं है. रास्ता नहीं होने के कारण शहर के लोग पहुंचते भी नहीं हैं. प्रशासनिक तंत्र यहां आने घबराता भी है .क्योंकि यह नक्सल प्रभावित क्षेत्र भी है. ऐसे में हमने सोचा क्यों ना मुझे जो कंबल मेरे संबंधी ने अमेरिका से व्यवस्था किया है उसे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को दिया जाए. ऐसे में हम कंबल लेकर इन्हें देने के लिए पहुंचे हैं. उनका कहना है कि ऐसे लोगों को कंबल देने से उद्देश्य की पूर्ति होगी.
इस गांव में वार्ड सदस्य गांगेश्वर प्रसाद मेहता से भी हमारी मुलाकात हुई .उन्होंने बताया कि लगभग 400 लोगों का बस्ती है. हम लोगों को प्रशासनिक पदाधिकारी कि ओर से 10 कंबल ही मिला है. इस कारण समस्या भी आ रही है. उनका कहना है कि दुर्गम क्षेत्र और रास्ता नहीं होने के कारण पदाधिकारी यहां नहीं पहुंचते हैं.