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अक्षय पात्र योजना आने लगी धरातल पर, एक साथ 1 लाख बच्चे को परोसा जाएगा खाना

अक्षय पात्र फाउंडेशन भारत की एक गैर सरकारी संस्था है, जो देश के 12 राज्यों में 14,702 स्कूलों में लगभग 17 लाख स्कूली बच्चों को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराती है. इस संस्था का नाम 2009 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अंकित किया गया है. साथ ही साथ सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सीएनबीसी ने सम्मानित भी किया है. अब अक्षय पात्र फाउंडेशन हजारीबाग के सरकारी स्कूल के लगभग एक लाख बच्चों को खाना परोसेगा, इसे लेकर तैयारी शुरू हो गई है और किचन बनाने का काम भी जोर-शोर के साथ चल रहा है.

Akshay Patra Foundation started  making kitchen in Hazaribag
सांसद जयंत सिन्हा
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Published : Feb 3, 2020, 6:36 PM IST

हजारीबाग: जिला के सरकारी स्कूल में मिड डे मील के लिए अब न तो खाना बनाने का झंझट रहेगा और न ही रसोई का. जिले में पढ़ने वाले 1 लाख छात्रों को अक्षय पात्र फाउंडेशन दोपहर में गर्म और स्वादिष्ट भोजन परोसेगा.

देखें पूरी खबर

अक्षय फाउंडेशन फिलहाल कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में छात्रों को खाना परोस रहा है. झारखंड में भी इसे जिम्मेवारी सौंपी गई है. 2 साल पहले अक्षय पात्र फाउंडेशन ने भूमि पूजन कर इसकी शुरुआत की थी, लेकिन योजना को धरातल में आने में समय लगा. अब मुकुंदगंज में रसोई घर बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. लगभग 2 एकड़ जमीन में यह रसोई घर बनेगा, जहां से हजारीबाग के छात्रों को गर्म भोजन परोसा जाएगा.

ये भी देखें-बीमार स्वास्थ्य व्यवस्था! ऑटो में बैठे-बैठे मर गया मरीज, नहीं हुआ इलाज

हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने हजारीबाग के मुकुंदगंज में बन रहे अक्षय पात्र किचन का निरीक्षण करने पहुंचे, जहां उन्होंने खुशी जाहिर की कि जो योजना हमने बनाई थी अब वह धरातल में आना शुरू हो गया है और आने वाले 18 महीना में रसोईघर बनकर तैयार हो जाएगा. यहां से स्वादिष्ट और पोस्टिक भोजन बनकर छात्रों को मिलेगा. जयंत सिन्हा ने कहा कि यह रसोई घर पूरे झारखंड में सबसे अलग और विशाल होगा. जहां उन्नत किस्म के सामान लगाए जा रहे हैं, यहां तक कि विदेशों से भी कुछ उन्नत किस्म के मशीन लाए जा रहे हैं ताकि स्वादिष्ट भोजन के साथ-साथ हम उच्च क्वालिटी के खाना परोस सके.

हजारीबाग में बन रहे रसोई घर अक्षय पात्र के विश्वभर के 5 सबसे बड़े रसोई घरों में एक होगा. केंद्रीय रसोई घर में हर रोज 25 से 30 गाड़ियों 565 स्कूलों में भोजन का वितरण करेगी और छात्रों को घर जैसा भोजन मिल पाएगा.

हजारीबाग: जिला के सरकारी स्कूल में मिड डे मील के लिए अब न तो खाना बनाने का झंझट रहेगा और न ही रसोई का. जिले में पढ़ने वाले 1 लाख छात्रों को अक्षय पात्र फाउंडेशन दोपहर में गर्म और स्वादिष्ट भोजन परोसेगा.

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अक्षय फाउंडेशन फिलहाल कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में छात्रों को खाना परोस रहा है. झारखंड में भी इसे जिम्मेवारी सौंपी गई है. 2 साल पहले अक्षय पात्र फाउंडेशन ने भूमि पूजन कर इसकी शुरुआत की थी, लेकिन योजना को धरातल में आने में समय लगा. अब मुकुंदगंज में रसोई घर बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. लगभग 2 एकड़ जमीन में यह रसोई घर बनेगा, जहां से हजारीबाग के छात्रों को गर्म भोजन परोसा जाएगा.

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हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने हजारीबाग के मुकुंदगंज में बन रहे अक्षय पात्र किचन का निरीक्षण करने पहुंचे, जहां उन्होंने खुशी जाहिर की कि जो योजना हमने बनाई थी अब वह धरातल में आना शुरू हो गया है और आने वाले 18 महीना में रसोईघर बनकर तैयार हो जाएगा. यहां से स्वादिष्ट और पोस्टिक भोजन बनकर छात्रों को मिलेगा. जयंत सिन्हा ने कहा कि यह रसोई घर पूरे झारखंड में सबसे अलग और विशाल होगा. जहां उन्नत किस्म के सामान लगाए जा रहे हैं, यहां तक कि विदेशों से भी कुछ उन्नत किस्म के मशीन लाए जा रहे हैं ताकि स्वादिष्ट भोजन के साथ-साथ हम उच्च क्वालिटी के खाना परोस सके.

हजारीबाग में बन रहे रसोई घर अक्षय पात्र के विश्वभर के 5 सबसे बड़े रसोई घरों में एक होगा. केंद्रीय रसोई घर में हर रोज 25 से 30 गाड़ियों 565 स्कूलों में भोजन का वितरण करेगी और छात्रों को घर जैसा भोजन मिल पाएगा.

Intro:अक्षय पात्रा फौंडेशन भारत की एक गैर सरकारी संस्था है। जो देश के 12 राज्यों में 14702 स्कूलों में लगभग ।17 लाख स्कूली बच्चों को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराती है ।इस संस्था का नाम 2009 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अंकित किया गया है ।साथ ही साथ सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सीएनबीसी ने सम्मानित भी किया है। अब अक्षय पात्र फाउंडेशन हजारीबाग के सरकारी स्कूल के लगभग एक लाख बच्चों को खाना परोसेगा। इसे लेकर तैयारी शुरू हो गई है और किचन बनाने का काम भी जोर-शोर के साथ चल रहा है।


Body:हजारीबाग के सरकारी स्कूल में मिड डे मील के लिए अब ना तो खाना बनाने का झंझट रहेगा और ना ही रसोई का ।जिले में पढ़ने वाले 1 लाख छात्रों को अक्षय पात्र फाउंडेशन दोपहर में गर्म और स्वादिष्ट भोजन परोसेगा ।अक्षय फौंडेशन फिलहाल कर्नाटक आंध्र प्रदेश ,तेलंगाना ,उड़ीसा, छत्तीसगढ़, राजस्थान ,मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में छात्रों को खाना परोस रहा है। झारखंड में भी इसे जिम्मेवारी सौंपी गई है। 2 साल पहले अक्षय पात्र फाउंडेशन ने भूमि पूजन कर इसकी शुरुआत की थी ।लेकिन योजना को धरातल में आने में समय लगा। अब मुकुंदगंज में रसोई घर बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है ।लगभग 2 एकड़ जमीन में यह रसोई घर बनेगा ।जहां से हजारीबाग के छात्रों को गर्म भोजन परोसा जाएगा।
हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने हजारीबाग के मुकुंदगंज में बन रहे अक्षय पात्रा किचन का निरीक्षण करने पहुंचे। जहां उन्होंने खुशी जाहिर किया कि जो योजना हमने बनाई थी अब वह धरातल में आना शुरू हो गया है और आने वाले 18 महीना में रसोईघर बनकर तैयार हो जाएगा।यहां से स्वादिष्ट और पोस्टिक भोजन बंद कर छात्रों को मिलेगा। जयंत सिन्हा का यह भी कहना है कि यह रसोईघर पूरे झारखंड में सबसे अलग और विशाल होगा। जहां उन्नत किस्म के सामान लगाए जा रहे हैं ।यहां तक कि विदेशों से भी कुछ उन्नत किस्म के मशीन लाए जा रहे हैं ताकि स्वादिष्ट भोजन के साथ साथ हम उच्च क्वालिटी के खाना परोस सके।

हजारीबाग में बन रहे रसोईघर अक्षय पात्रा विश्व भर के 5 सबसे बड़े रसोई घरों में एक होगा केंद्रीय रसोई घर में हर रोज 25 से 30 गाड़ियो 565 स्कूलों में भोजन का वितरण करेगी और छात्रों को घर जैसा भोजन मिल पाएगा

byte..... जयंत सिन्हा, सांसद हजारीबाग


Conclusion: अक्षय पात्रा योजना को धरातल में आने पर समय लगा जरूर है लेकिन यहां के पौष्टिक भोजन खाकर
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