हजारीबाग: जिला का बहुचर्चित सुमित हत्याकांड मामले में हजारीबाग जिला एवं सत्र न्यायाधीश 6 अमित शेखर ने फैसला सुनाया है, जिसमें 13 आरोपियों में से 6 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. वहीं एक आरोपी के नाबालिक होने के कारण उसे बाल सुधार गृह भेजा गया है. वहीं छह अन्य आरोपी अबतक फरार बताए जा रहे हैं, जिन पर अभी जांच चल रही है.
बहुचर्चित नाबालिक सुमित कुमार की हत्या मामले में कोर्ट ने 6 आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाया है, साथ ही 20 हजार रुपए का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने पर 2 साल की अतिरिक्त सजा होगी.
इसे भी पढे़ं:- सावधान! Facebook पर मैसेंजर के जरिए साइबर अपराधी उड़ा रहे खाते से पैसे
2 नवंबर 2018 को चौपारण के ककरोला में सुमित कुमार नामक नाबालिग का एक परिवार के लोगों ने अपहरण कर अपने घर ले गया, जिसके बाद पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी थी. सुमित की काफी बेरहमी से पिटाई की गई थी, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद थाना में कांड संख्या 282/18 दर्ज किया गया.
फैसला आने के बाद पीड़ित परिवार और केस के सूचक अविनाश आर्या ने कोर्ट के प्रति अपना आभार जताया. उन्होंने कोर्ट को दंडवत प्रणाम करते हुए कहा कि आज इस मंदिर ने विश्वास दिलाया है, कि अगर कोई गलत करेगा तो उसे सजा मिलती है.
बताते चलें कि सुमित हत्याकांड के बाद पूरे जिले में विरोध प्रदर्शन का दौर चला था और जल्द आरोपियों के गिरफ्तार की मांग की जा रही थी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार भी किया था और आज कोर्ट ने अपना फैसला भी सुना दिया.