हजारीबाग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यकाल का अंतिम 'मन की बात' केंद्रीय राज्य मंत्री सह सांसद जयंत सिंन्हा ने विधायक मनीष जयसवाल और तमाम कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सुना. हजारीबाग के भाजपा कार्यालय में सबने एक साथ बैठकर उनकी बातों को सुना.
प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा कि बिरसा मुंडा जैसे वीर सपूतों ने देश की आजादी के लिए अपना योगदान दिया है. अंग्रेज भी उनसे भयभीत रहते थे. उन्होंने अपने तीर-कमान से अंग्रेजी शासन को हिला कर रख दिया था. बिरसा मुंडा ने सिर्फ राजनीतिक आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी, बल्कि आदिवासी समाज के उत्थान के लिए भी सामाजिक लड़ाई लड़ी है.
साथ ही उन्होंने जमशेदजी टाटा की भी चर्चा की और कहा कि जमशेदजी ने देश को बड़े-बड़े संस्थान दिए. जमशेदजी टाटा सही मायने में एक दूरदृष्टा थे. जिन्होंने न केवल भारत के भविष्य को देखा बल्कि उसकी मजबूत नींव भी रखी. वे जानते थे कि भारत को विज्ञान, तकनीक और उद्योग का हब बनाना भविष्य के लिए जरूरी होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 53 वें एपीसोड में पद्ममश्री सम्मान के लिए चुनी गई झारखंड की लेडी टार्जन जमुना टुडू की भी चर्चा की. उन्होंने वन संरक्षण के लिए लेडी टार्जन के संघर्षों को विस्तार से बताया और नई पीढ़ी को उनसे सीख लेने की अपील की.
जिस तरह से पीएम मोदी ने झारखंड को लेकर चर्चा की, उसे लेकर जयंत सिन्हा ने कहा कि इस बार की 'मन की बात' झारखंड के प्रति पीएम के लगाव को दिखाता है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री ने कई योजनाओं की शुरूआत झारखंड से की है जिसमें आयुष्मान भारत योजना महत्वपूर्ण है. यह उनका झारखंड के प्रति लगाव को दिखाता है. जिसका अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा.