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किसानों की कर्ज माफी योजना को लेकर कार्यशाला का आयोजन, 50 हजार तक का लोन होगा माफ

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Published : Feb 11, 2021, 7:09 PM IST

गुमला में किसान ऋण माफी योजना के सफल संचालन के लिए गुरुवार को नगर भवन में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. उपायुक्तने कहा कि किसानों की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने किसान ऋण माफी योजना का प्रारुप तैयार किया है. 31 मार्च 2020 तक के मानक फसल ऋणी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. लाभुक किसानों का 50 हजार तक का ऋण माफ होगा. एक परिवार से केवल एक ही सदस्य योजना का लाभ ले सकते हैं.

workshop for loan waive in gumla
किसानों की कर्ज माफी के लिए गुमला में कार्यशाला

गुमला: जिले में किसान ऋण माफी योजना के सफल संचालन के लिए गुरुवार को नगर भवन में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा ने कहा कि किसानों की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने किसान ऋण माफी योजना का प्रारुप तैयार किया है. इस योजना का उद्देश्य झारखंड के अल्प अवधि में कृषि ऋण धारक किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्त करना है. फसल ऋण धारक की ऋण पात्रता में सुधार लाना है और नए फसल के लिए लोन प्राप्ति सुनिश्चित कराना है.

उपायुक्त ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन से कृषक समुदाय के पलायन को नियंत्रित कर कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि योजनाओं का क्रियान्वयन ऑनलाइन होगा. जिससे किसानों को इसका सीधा लाभ दिया जा सके. किसानों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है. उपायुक्त ने बताया कि 31 मार्च 2020 तक के मानक फसल ऋणी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. लाभुक किसानों का 50 हजार तक का ऋण माफ होगा.

यह भी पढ़ें: जंगल काटकर जमीन को कब्जे में लेने की कोशिश कर रहे भू-माफिया, वन विभाग को भनक तक नहीं

एक परिवार से एक सदस्य ले सकते हैं लाभ

अपर समाहर्ता सुधीर कुमार गुप्ता ने कहा कि लाभुक किसानों की पात्रता के लिए कुछ मापदंड निर्धारित किए गए हैं. इसके तहत लाभुकों को झारखंड में निवास और 18 वर्ष से अधिक आयु का होना चाहिए. इसके साथ ही किसानों के पास वैध राशन कार्ड, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और किसी भी व्यवसायिक बैंक में केसीसी से संबंधित चालू खाता होना चाहिए. एक परिवार से केवल एक ही सदस्य योजना का लाभ ले सकते हैं.

कैंप लगाकर किसानों को जागरुक करने का निर्देश

अग्रणी बैंक प्रबंधक जोन हांसदा ने बताया कि इस योजना के सफल कार्यान्वयन में बैंकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही प्रज्ञा केन्द्र और एनआईसी के द्वारा किसानों का आवेदन पोर्टल में अपलोड किया जाएगा. इसके लिए जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी को सभी अंचल अधिकारी एवं प्रज्ञा केन्द्र संचालकों को डाटा अपलोड करने के लिए प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया गया. साथ ही प्रखंडों में कैंप लगाकर किसानों को योजना के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया है.

गुमला: जिले में किसान ऋण माफी योजना के सफल संचालन के लिए गुरुवार को नगर भवन में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा ने कहा कि किसानों की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने किसान ऋण माफी योजना का प्रारुप तैयार किया है. इस योजना का उद्देश्य झारखंड के अल्प अवधि में कृषि ऋण धारक किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्त करना है. फसल ऋण धारक की ऋण पात्रता में सुधार लाना है और नए फसल के लिए लोन प्राप्ति सुनिश्चित कराना है.

उपायुक्त ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन से कृषक समुदाय के पलायन को नियंत्रित कर कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि योजनाओं का क्रियान्वयन ऑनलाइन होगा. जिससे किसानों को इसका सीधा लाभ दिया जा सके. किसानों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है. उपायुक्त ने बताया कि 31 मार्च 2020 तक के मानक फसल ऋणी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. लाभुक किसानों का 50 हजार तक का ऋण माफ होगा.

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एक परिवार से एक सदस्य ले सकते हैं लाभ

अपर समाहर्ता सुधीर कुमार गुप्ता ने कहा कि लाभुक किसानों की पात्रता के लिए कुछ मापदंड निर्धारित किए गए हैं. इसके तहत लाभुकों को झारखंड में निवास और 18 वर्ष से अधिक आयु का होना चाहिए. इसके साथ ही किसानों के पास वैध राशन कार्ड, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और किसी भी व्यवसायिक बैंक में केसीसी से संबंधित चालू खाता होना चाहिए. एक परिवार से केवल एक ही सदस्य योजना का लाभ ले सकते हैं.

कैंप लगाकर किसानों को जागरुक करने का निर्देश

अग्रणी बैंक प्रबंधक जोन हांसदा ने बताया कि इस योजना के सफल कार्यान्वयन में बैंकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही प्रज्ञा केन्द्र और एनआईसी के द्वारा किसानों का आवेदन पोर्टल में अपलोड किया जाएगा. इसके लिए जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी को सभी अंचल अधिकारी एवं प्रज्ञा केन्द्र संचालकों को डाटा अपलोड करने के लिए प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया गया. साथ ही प्रखंडों में कैंप लगाकर किसानों को योजना के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया है.

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