गुमला: जिले के सिसई थाना अंतर्गत लाकेया गांव में डायन बिसाही को लेकर मारपीट की घटना में नया मोड़ आ गया है. पीड़ित परिवार से मिलने घटना स्थल पर पहुंचे अधिकारियों से ग्रामीणों ने डायन बिसाही के मामले को झूठा करार दिया है. ग्रामीणों के मुताबिक आपसी विवाद को डायन बिसाही का रूप दिया जा रहा है जो कि गलत है. ग्रामीणों की बात पर अधिकारियों ने जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.
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घटना की सूचना के बाद हरकत में प्रशासन
सिसई थाना क्षेत्र के लाकेया पंचायत के दो भाइयों के साथ मारपीट का मामला दर्ज होने के बाद जिला एवं प्रखंड स्तर से कई पदाधिकारी पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे. अधिकारियों के सामने जहां पीड़ित परिवार ने डायन बिसाही के नाम पर मारपीट का आरोप लगाया, वहीं कुछ ग्रामीणों के मुताबिक डायन बिसाही का कोई मामला नहीं है. झूठे आरोप में ग्रामीणों को फंसाया जा रहा है.
पीड़ित परिवार को सुरक्षा का आश्वासन
मारपीट की घटना के बाद जिला प्राधिकार, सचिव,गुमला आनंद सिंह, सीता पुष्पा जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, अंचलाधिकारी अरुणिमा एक्का, वर्तमान प्रभारी थाना प्रभारी कृष्णा तिवारी, सीडीपीओ सुधा सिंह जेएसएल पीएस बीपीएम रिजवाना खान, पीएलबी जोशेप किंडो समेत अन्य कई पदाधिकारियों ने पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर उनका हालचाल जाना एवं घटना की विस्तृत जानकारी ली. साथ ही साथ उनकी सुरक्षा का आश्वासन देते हुए उन्हें हर तरह का मदद का आश्वासन भी दिया. साथ ही सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने का निर्देश भी थाना प्रभारी को दिया गया.
डायन बिसाही मामले में पिटाई से इंकार
ग्रामीणों ने बताया कि 1 जनवरी के दिन सब लोग त्यौहार मना कर नाच गा रहे थे. इसी बीच संजय उरांव आकर उन्हें बाजा बंद करने के लिए धमकाने लगा और भद्दी गालियां देने लगा. बार-बार समझाने के बाद भी उनसे वह लड़ता रहा और गालियां देता रहा. इसी बीच संजय के परिवार वाले और उसके पिताजी धारदार हथियार बलुवा लेकर वहां आ गए और लोगों को डराने लगे. इसी बीच उनके हाथ से हथियार छीन कर संजय को बांध दिया गया. इसी बीच झड़प हुई जिसमें संजय नीचे गिर गया और उसका चेहरा ईंट से टकरा गया. जिसमें उसके आंख के पास चोट लग गई. ग्रामीणों ने कहा कि वे शांति से रहना चाहते हैं लेकिन कुछ लोगों के पारिवारिक झगड़े को डायन बिसाही का रूप देकर मामले को उलझाने का प्रयास किया जा रहा है.
निर्दोष को नहीं होगी सजा
ग्रामीणों की बात सुनने के बाद पदाधिकारियों ने कहा कोर्ट में सभी पक्षों की बात सुनी जाएगी और किसी भी निर्दोष को सजा नहीं होने दिया जाएगा. अधिकारियों ने ग्रामीणों से कानून अपने हाथ में लेने का प्रयास नहीं करने की अपील की. ग्रामीणों ने कहा वे शांति से रहना चाहते हैं. लेकिन कुछ लोग पारिवारिक झगड़े को डायन बिसाही का रूप देकर मामले को उलझाने का प्रयास किया जा रहा है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल एक जनवरी को गुमला के सिसई थाना क्षेत्र के लाकेया गांव से एक महिला पर डायन बिसाही का आरोप लगाकर उसके दो बेटों की पिटाई की खबर सामने आई थी. जिसमें 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही थी. इस घटना के सामने आने के बाद कई प्रशासनिक अधिकारी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए गांव पहुंचे थे. जहां ग्रामीणों ने डायन बिसाही के आरोप को गलत करार दिया है.