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भारत माला परियोजना के विरोध में हजारों ग्रामीण उतरे सड़क पर, कहा- भूमि अधिग्रहण से किसान बन जाएंगे मजदूर - आदिवासी महासभा के जिलाध्यक्ष सनिया उरांव

गुमला में भारत माला परियोजना के विरोध में हजारों ग्रामीणों ने रविवार को सड़क पर उतर कर अपना विरोध जताया है. इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि जमीन अधिग्रहण से आदिवासी भूमिहीन हो जाएंगे. वहीं यह वन्य प्राणियों के लिए भी ठीक नहीं है. ग्रामीणों ने मौजूदा सड़क को ही परियोजना के तहत विकसित करने की मांग की है.

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Villagers Protest Against Bharat Mala Project
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Published : Mar 19, 2023, 3:50 PM IST

गुमलाः जिले में भारत माला परियोजना के तहत प्रस्तावित फोरलेन एक्सप्रेस हाइवे निर्माण के विरोध में अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा द्वारा आयोजित दो दिवसीय पदयात्रा सह हस्ताक्षर अभियान का रविवार को चारअम्बा गांव से शुरुआत की गई. जिसमें क्षेत्र के हजारों ग्रामीण शामिल हुए. इसके बाद हाथों में लाल झंडा लिए ग्रामीणों ने इस पदयात्रा की शुरुआत की.

ये भी पढे़ं-खूंटी में भारत माला परियोजना का विरोध, ग्रामीणों ने कहा- नहीं देंगे एक इंच जमीन

परियोजना के तहत चाअरम्बा से कटकाया तक भूमि अधिग्रहण का विरोधः इस दौरान ग्रामीणों ने चाअरम्बा से कटकाया तक के सड़क निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध किया. इस दौरान अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा के जिलाध्यक्ष सनिया उरांव और चापा उरांव के नेतृत्व में हजारों परियोजना प्रभावित गांव के लोगों ने विरोध जताया और सरकार से अपना निर्णय वापस लेने की मांग की.
भूमि अधिग्रहण से किसानों को नुकसान की आशंकाः इस संबंध में अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा के जिलाध्यक्ष सनिया उरांव ने कहा कि जमीन अधिग्रहण की वजह से किसानों का भूमिहीन मजदूरों के रूप में बदलने का खतरा है. साथ ही पर्यावरण और वन्य प्राणियों के अस्तित्व के लिए भी भारत माला परियोजना अभिषाप साबित होने वाला है.

मौजूदा सड़क को ही भारत माला परियोजना के तहत विकसित करने की मांगः भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा के जिलाध्यक्ष सनिया उरांव ने कहा कि हम विकास विरोधी नहीं हैं, लेकिन हमारी मांग है कि मौजूदा सड़कों को ही भारत माला परियोजना के तहत विकसित किया जाए. जिससे कृषि, कृषक, पर्यावरण और वन्य प्राणियों का कम से कम नुकसान हो. इस दौरान प्रभावित ग्रामीणों ने इंकलाब जिंदाबाद, सरकार होश में आओ, जान दे देंगे,पर जमीन नहीं देंगे आदि नारे लगाए.

गुमलाः जिले में भारत माला परियोजना के तहत प्रस्तावित फोरलेन एक्सप्रेस हाइवे निर्माण के विरोध में अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा द्वारा आयोजित दो दिवसीय पदयात्रा सह हस्ताक्षर अभियान का रविवार को चारअम्बा गांव से शुरुआत की गई. जिसमें क्षेत्र के हजारों ग्रामीण शामिल हुए. इसके बाद हाथों में लाल झंडा लिए ग्रामीणों ने इस पदयात्रा की शुरुआत की.

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परियोजना के तहत चाअरम्बा से कटकाया तक भूमि अधिग्रहण का विरोधः इस दौरान ग्रामीणों ने चाअरम्बा से कटकाया तक के सड़क निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध किया. इस दौरान अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा के जिलाध्यक्ष सनिया उरांव और चापा उरांव के नेतृत्व में हजारों परियोजना प्रभावित गांव के लोगों ने विरोध जताया और सरकार से अपना निर्णय वापस लेने की मांग की.
भूमि अधिग्रहण से किसानों को नुकसान की आशंकाः इस संबंध में अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा के जिलाध्यक्ष सनिया उरांव ने कहा कि जमीन अधिग्रहण की वजह से किसानों का भूमिहीन मजदूरों के रूप में बदलने का खतरा है. साथ ही पर्यावरण और वन्य प्राणियों के अस्तित्व के लिए भी भारत माला परियोजना अभिषाप साबित होने वाला है.

मौजूदा सड़क को ही भारत माला परियोजना के तहत विकसित करने की मांगः भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा के जिलाध्यक्ष सनिया उरांव ने कहा कि हम विकास विरोधी नहीं हैं, लेकिन हमारी मांग है कि मौजूदा सड़कों को ही भारत माला परियोजना के तहत विकसित किया जाए. जिससे कृषि, कृषक, पर्यावरण और वन्य प्राणियों का कम से कम नुकसान हो. इस दौरान प्रभावित ग्रामीणों ने इंकलाब जिंदाबाद, सरकार होश में आओ, जान दे देंगे,पर जमीन नहीं देंगे आदि नारे लगाए.

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