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गुमला: सखी वन स्टॉप सेंटर का किया गया उद्घाटन, एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का भी शुभारंभ

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Published : Feb 10, 2021, 12:29 PM IST

गुमला जिले में सखी वन स्टॉप सेंटर और कार्यशाला का डीसी ने उद्घाटन किया है. सेमिनार के माध्यम से वहा मौजूद युवतियों को बताया गया कि यौन शोषण, दहेज उत्पीड़न, ट्रैफिकिंग जैसे मामलों पर त्वरित सहायता के साथ पांच दिनों की अवासीय सुविध भी सरकार की ओर से देने का प्रावधान है.

sakhi one stop center inaugurated in gumla
सखी वन स्टॉप सेंटर

गुमला: उपायुक्त गुमला शिशिर कुमार सिन्हा ने आज जिला मुख्यालय में अवस्थित महिला, बाल, विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के नवनिर्मित ‘सखी’ वन स्टॉप सेंटर का फीता काटकर शुभारंभ किया. इसके साथ ही उन्होंने दीप प्रज्जवलित कर महिला, बाल, विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग की तरफ से आयोजित एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का भी शुभारंभ किया.


सखी वन स्टॉप सेंटर

इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि सखी वन स्टॉप सेंटर का मुख्य उद्देश्य 18 से अधिक आयु वाली वैसी महिलाएं जो घरेलु हिंसा, शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न, मानव तस्करी और यौन उत्पीड़न की शिकार हैं. उन्हें एक ही छत के नीचे निजी एवं सार्वजनिक दोनों जगहों पर चिकित्सीय, कानूनी और पुलिस सहायता और परामर्श प्रदान करने के साथ ही उन्हें त्वरित चिकित्सीय सुविधा भी उपलब्ध कराना है. इसके साथ ही सखी वन स्टॉप सेंटर में इन महिलाओं को 05 दिनों का आश्रय भी प्रदान किया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि पीड़ित महिलाओं को परामर्श सहित त्वरित चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने के लिए सखी वन स्टॉप सेंटर में चिकित्सीय पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी और कानूनी परामर्श प्रदान करने के लिए न्यायिक पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है, जो निरंतर पीड़ित महिलाओं को सहायता प्रदान करने की दिशा में कार्य करेंगे. उपायुक्त ने गांव-गांव जाकर सखी वन स्टॉप सेंटर का व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर विशेष जोर दिया.


आश्रय किया जाएगा प्रदान

कार्यशाला में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नंदलाल ने अपने संबोधन में कहा कि पूर्व में प्रताड़ित और हिंसा से पीड़ित महिलाओं को आश्रय संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती थी. लेकिन वर्तमान में सखी वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से न सिर्फ उन्हें आश्रय प्रदान किया जाएगा. लकिन उन्हें चिकित्सीय, कानूनी और पुलिस परामर्श सहित समुचित चिकित्सीय लाभ भी पहुंचाया जाएगा. उन्होंने अपने आसपास पीड़ित एवं प्रताड़ित महिलाओं की जानकारी प्राप्त होने पर इसकी त्वरित सूचना जिला प्रशासन सहित सखी वन स्टॉप सेंटर पर देने की अपील की. उन्होंने महिला, बाल, विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा किए गए इस अनूठे पहल को महिला सशक्तिकरण की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए महिलाओं के लिए लाभकारी बताया.

विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय

वहीं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार गुमला आनंद सिंह ने कहा कि हिंसा और उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को तत्काल परामर्श प्रदान करने की दिशा में कानून एवं वन स्टॉप सेंटर एक कड़ी के रूप में कार्य करेगा. उन्होंने पीड़ित किशोरियों और महिलाओं को परामर्श प्रदान करना अति आवश्यक बताया है. उन्होंने आगे कहा कि वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से महिलाओं को दिन के किसी भी पहर परामर्श सहित त्वरित चिकित्सीय, पुलिस तथा कानूनी सहायता पहुंचाने का कार्य तत्परता से किया जाएगा. साथ ही उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार की तरफ से भी पीड़ित महिलाओं को कानूनी संबंधी परामर्श और अन्य किसी प्रकार की सहायता/ परामर्श की आवश्यकता हो तो वे बेझिझक जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय में संपर्क कर अपनी बात रख सकते है.

इसे भी पढ़ें-झारखंड बना मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर, अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पशुधन विकास योजना पर दिय जोर


महिलाओं का करेंगे समर्थन

मौके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा ने सखी वन स्टॉप सेंटर की विस्तृत जानकारी साझा करते हुए बताया कि हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक ही छत के नीचे निजी और सार्वजनिक दोनों जगहों पर एकीकृत समर्थन और सहायता प्रदान किया जाएगा. सखी वन स्टॉप का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा से लड़ने के लिए एक छत के नीचे उन्हें चिकित्सा, कानूनी, मनोवैज्ञानिक और परामर्श सहित सेवाओं की एक श्रृंखला के लिए तत्काल, आपातकालीन और गैर-चिकित्सीय सुविधा तक पहुंच प्रदान करना है. उन्होंने आगे बताया कि वन स्टॉप सेंटर हिंसा, जाति, वर्ग, धर्म, क्षेत्र, यौन, अभिविन्यास या वैवाहिक स्थिति के बावजूद प्रभावित 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों सहित सभी महिलाओं का समर्थन करेगा. वहीं 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के लिए किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2000 के तहत स्थापित संस्थान और प्राधिकरण यौन अपराध अधिनियम 2012 के तहत बच्चों के संरक्षण को वन स्टॉप सेंटर के साथ जोड़ा जाएगा. इसके अलावा उन्हें पांच दिनों का आश्रय भी प्रदान किया जाएगा. जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने महिला हेल्पलाइन संख्या 181 की जानकारी दी. कार्यशाला में उपस्थित सृजन फाउंडेशन के प्रतिनिधियों की तरफ से गुमला जिले में हिंसा, मानव तस्करी, दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न, घरेलु हिंसा इत्यादि से पीड़ित महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में किए गए कार्यों को वर्णित किया गया.

ये लोग रहे मौजूद

कार्यशाला में उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा, उप विकास आयुक्त संजय बिहारी अंबष्ठ, सदर अनुमंडल पदाधिकारी रवि आनंद, चैनपुर अनुमंडल पदाधिकारी प्रीति किस्कू, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नंदलाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार आनंद सिंह, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. मीनू शरण, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी देवेंद्रनाथ भादुड़ी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा, जिला आपूर्ति पदाधिकारी गुलाम समदानी, श्रम अधीक्षक एतवारी महतो, एनजीओ सृजन फाउंडेशन गुमला के प्रतिनिधि, विभिन्न प्रखंडों के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी/ महिला पर्यवेक्षिकाएं और अन्य उपस्थित रहे.

गुमला: उपायुक्त गुमला शिशिर कुमार सिन्हा ने आज जिला मुख्यालय में अवस्थित महिला, बाल, विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के नवनिर्मित ‘सखी’ वन स्टॉप सेंटर का फीता काटकर शुभारंभ किया. इसके साथ ही उन्होंने दीप प्रज्जवलित कर महिला, बाल, विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग की तरफ से आयोजित एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का भी शुभारंभ किया.


सखी वन स्टॉप सेंटर

इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि सखी वन स्टॉप सेंटर का मुख्य उद्देश्य 18 से अधिक आयु वाली वैसी महिलाएं जो घरेलु हिंसा, शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न, मानव तस्करी और यौन उत्पीड़न की शिकार हैं. उन्हें एक ही छत के नीचे निजी एवं सार्वजनिक दोनों जगहों पर चिकित्सीय, कानूनी और पुलिस सहायता और परामर्श प्रदान करने के साथ ही उन्हें त्वरित चिकित्सीय सुविधा भी उपलब्ध कराना है. इसके साथ ही सखी वन स्टॉप सेंटर में इन महिलाओं को 05 दिनों का आश्रय भी प्रदान किया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि पीड़ित महिलाओं को परामर्श सहित त्वरित चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने के लिए सखी वन स्टॉप सेंटर में चिकित्सीय पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी और कानूनी परामर्श प्रदान करने के लिए न्यायिक पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है, जो निरंतर पीड़ित महिलाओं को सहायता प्रदान करने की दिशा में कार्य करेंगे. उपायुक्त ने गांव-गांव जाकर सखी वन स्टॉप सेंटर का व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर विशेष जोर दिया.


आश्रय किया जाएगा प्रदान

कार्यशाला में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नंदलाल ने अपने संबोधन में कहा कि पूर्व में प्रताड़ित और हिंसा से पीड़ित महिलाओं को आश्रय संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती थी. लेकिन वर्तमान में सखी वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से न सिर्फ उन्हें आश्रय प्रदान किया जाएगा. लकिन उन्हें चिकित्सीय, कानूनी और पुलिस परामर्श सहित समुचित चिकित्सीय लाभ भी पहुंचाया जाएगा. उन्होंने अपने आसपास पीड़ित एवं प्रताड़ित महिलाओं की जानकारी प्राप्त होने पर इसकी त्वरित सूचना जिला प्रशासन सहित सखी वन स्टॉप सेंटर पर देने की अपील की. उन्होंने महिला, बाल, विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा किए गए इस अनूठे पहल को महिला सशक्तिकरण की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए महिलाओं के लिए लाभकारी बताया.

विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय

वहीं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार गुमला आनंद सिंह ने कहा कि हिंसा और उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को तत्काल परामर्श प्रदान करने की दिशा में कानून एवं वन स्टॉप सेंटर एक कड़ी के रूप में कार्य करेगा. उन्होंने पीड़ित किशोरियों और महिलाओं को परामर्श प्रदान करना अति आवश्यक बताया है. उन्होंने आगे कहा कि वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से महिलाओं को दिन के किसी भी पहर परामर्श सहित त्वरित चिकित्सीय, पुलिस तथा कानूनी सहायता पहुंचाने का कार्य तत्परता से किया जाएगा. साथ ही उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार की तरफ से भी पीड़ित महिलाओं को कानूनी संबंधी परामर्श और अन्य किसी प्रकार की सहायता/ परामर्श की आवश्यकता हो तो वे बेझिझक जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय में संपर्क कर अपनी बात रख सकते है.

इसे भी पढ़ें-झारखंड बना मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर, अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पशुधन विकास योजना पर दिय जोर


महिलाओं का करेंगे समर्थन

मौके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा ने सखी वन स्टॉप सेंटर की विस्तृत जानकारी साझा करते हुए बताया कि हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक ही छत के नीचे निजी और सार्वजनिक दोनों जगहों पर एकीकृत समर्थन और सहायता प्रदान किया जाएगा. सखी वन स्टॉप का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा से लड़ने के लिए एक छत के नीचे उन्हें चिकित्सा, कानूनी, मनोवैज्ञानिक और परामर्श सहित सेवाओं की एक श्रृंखला के लिए तत्काल, आपातकालीन और गैर-चिकित्सीय सुविधा तक पहुंच प्रदान करना है. उन्होंने आगे बताया कि वन स्टॉप सेंटर हिंसा, जाति, वर्ग, धर्म, क्षेत्र, यौन, अभिविन्यास या वैवाहिक स्थिति के बावजूद प्रभावित 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों सहित सभी महिलाओं का समर्थन करेगा. वहीं 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के लिए किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2000 के तहत स्थापित संस्थान और प्राधिकरण यौन अपराध अधिनियम 2012 के तहत बच्चों के संरक्षण को वन स्टॉप सेंटर के साथ जोड़ा जाएगा. इसके अलावा उन्हें पांच दिनों का आश्रय भी प्रदान किया जाएगा. जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने महिला हेल्पलाइन संख्या 181 की जानकारी दी. कार्यशाला में उपस्थित सृजन फाउंडेशन के प्रतिनिधियों की तरफ से गुमला जिले में हिंसा, मानव तस्करी, दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न, घरेलु हिंसा इत्यादि से पीड़ित महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में किए गए कार्यों को वर्णित किया गया.

ये लोग रहे मौजूद

कार्यशाला में उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा, उप विकास आयुक्त संजय बिहारी अंबष्ठ, सदर अनुमंडल पदाधिकारी रवि आनंद, चैनपुर अनुमंडल पदाधिकारी प्रीति किस्कू, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नंदलाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार आनंद सिंह, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. मीनू शरण, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी देवेंद्रनाथ भादुड़ी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा, जिला आपूर्ति पदाधिकारी गुलाम समदानी, श्रम अधीक्षक एतवारी महतो, एनजीओ सृजन फाउंडेशन गुमला के प्रतिनिधि, विभिन्न प्रखंडों के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी/ महिला पर्यवेक्षिकाएं और अन्य उपस्थित रहे.

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