गुमला: जिला की पुलिस ने मंगलवार को तस्करों के चंगुल से छुड़ाकर 6 बच्चियों को वापस गुमला लाकर CWC को सौंप दिया. जहां सभी बच्चियों को काउंसलिंग के बाद जिले के उपायुक्त शशि रंजन के पास ले जाया गया. उपायुक्त ने बच्चियों के अभिभावकों से बात कर उनके बच्चियों की पढ़ाई जारी रखने के लिए स्कूलों में फिर से नामांकन कराने की बात कही.
दलाल के चंगुल में फंसी थी बच्चियां
बता दें कि गुमला जिला से पिछले कई वर्षों से मानव तस्करी कर बड़े पैमाने पर यहां की गरीब बच्चियों को बहला-फुसलाकर देश के महानगरों में दलाल ले जाकर बेच देते हैं. यहां की गरीब बच्चियों को मानव तस्कर पैसे का लालच और महानगरों में रहकर अच्छे रहन-सहन का सजबाग दिखाते हैं. जिससे बच्चियां उनके चंगुल में फंसकर उनके साथ चली जाती हैं.
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दिल्ली से छुड़ाकर लाया गया
बता दें कि जो बच्चियां रेस्क्यू कर लाई गई हैं इनको दलालों ने एक साल पहले ले जाकर महानगरों में बेच दिया था. जब उनका कोई अता पता नहीं चल रहा था तो उनके अभिभावकों ने पुलिस से गुहार लगाई थी. जिसके बाद पुलिस और परिवार वालों ने मिलकर बच्चों का पता लगाया और फिर उन्हें वापस गुमला लाया.
स्कूलों में नामांकन कराया जाएगा
इस मामले में उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि छह बच्चियों को दिल्ली से रेस्क्यू कर लाया गया है. उनके पुनर्वास के लिए जिला प्रशासन गंभीर है. वर्तमान में कुछ बच्चों ने पढ़ाई छोड़ कर दलाल के चंगुल में आकर दिल्ली चले गए थे, जिनकी पढ़ाई छुटी है उनका फिर से स्कूलों में नामांकन कराया जाएगा.
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स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से जुड़ने की इच्छा
डीसी ने कहा कि कुछ बच्चों ने स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से जुड़ने की इच्छा जताई है तो उनका गुमला में स्थित कौशल विकास केंद्र में नामांकन कराया जाएगा. जहां पर वे प्रशिक्षण लेंगी और फिर उनका प्लेसमेंट कराया जाएगा.