रांची: गुमला के घाघरा में हुए भाई-बहन की हत्या में शामिल अपरधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस मुख्यालय ने पोस्टर जारी किए हैं. कोटामाटी नदी के पास 25 अक्टूबर को भाई-बहन की हत्या की घटना को अंजाम दिया गाया था.
भाई-बहन हत्याकांड
भाई-बहन हत्याकांड में झारखंड पुलिस मुख्यालय ने अपराधियों का पोस्टर जारी किया है. पुलिस ने अपराधियों के बारे में सूचना देने वाले को उचित पुरस्कार देने की भी बात कही है. वहीं, इस बात को भी स्पष्ट किया है कि सूचना देने वालों की पहचान और नाम गोपनीय रखा जाएगा. दोनों अपराधियों के बारे में सूचना देने के लिए झारखंड पुलिस ने पांच नंबर जारी किये हैं. जिसमें डीआईजी, गुमला एसपी, एसडीपीओ गुमला, इंस्पेक्टर गुमला, घाघरा थाना शामिल है. इसके अलावा पुलिस ने दोनों अपराधियों को आश्रय देने वालों को भी चेताया है कि उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
थाना प्रभारी केश्वर साहू को किया सस्पेंड
इससे पूर्व डीजीपी एमवी राव गुमला दौरे पर पहुंचे थे. भाई-बहन हत्याकांड में डीजीपी एमवी राव ने सदर थाना प्रभारी केश्वर साहू को सस्पेंड कर दिया था. यह कार्रवाई सदर थाना प्रभारी केश्वर साहू की तरफ से लापरवाही बरतने की वजह से की गई थी.
इन पांच नंबर पर दे सकते हैं सूचना
- डीआईजी, रांची – 9431706118
- एसपी, गुमला – 9431706376
- एसडीपीओ, गुमला – 9431706202
- इंस्पेक्टर, गुमला – 9973519070
- घाघरा थाना – 9431706207
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क्या है मामला
गुमला के घाघरा से 25 अक्टूबर की रात करीब 7 बजे दोनों सगे भाई बहन अपने पैतृक गांव कोटामाटी से लोहरदगा वापस लौट रहे थे. तभी रास्ते से दोनों का अपहरण कर लिया गया था. घंटों बीतने के बाद जब दोनों लोहरदगा नहीं पहुंचे, तो परिवार के लोग परेशान हुए. इसके बाद उन्होंने अपने पैतृक गांव कोटामाटी के परिजनों से संपर्क कर उनके बारे में जानकारी ली. गांव के परिजनों ने घंटों पहले उनके निकल जाने की जानकारी दी थी. इसके बाद परिजन किसी अनहोनी के अंदेशा को लेकर रात में ही उनकी खोजबीन में जुट गए थे और लोहरदगा सदर थाना पहुंचकर इसकी लिखित शिकायत की थी, लेकिन लोहरदगा थाना ने कोई कार्रवाई नहीं की. दूसरे दिन सुबह परिजनों को दोनों भाई-बहन का शव शव चुंदरी नवाटोली में मिलने की सूचना मिली.
पुलिस ने की लापरवाही
इस घटना के बाद मृतकों के चाचा बाल किशुन भगत ने पुलिस की लापरवाही के कारण दोनों बच्चों की हत्या होने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि अगर लोहरदगा और घाघरा की पुलिस तत्परता दिखाती तो दोनों की जान बच सकती थी. क्योंकि बच्चों के घर नहीं पहुंचने पर सबसे पहले परिजनों ने इसकी सूचना देने के लिए घाघरा थाना के विभागीय नंबर पर संपर्क किया था. मगर वो बंद था. इसके बाद परिजनों ने लोहरदगा सदर थाना पहुंचकर इसकी लिखित शिकायत की थी. लेकिन लोहरदगा सदर थाना की पुलिस ने घाघरा थाना से संपर्क तक नहीं किया.