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गुमला नरसंहार: पुलिस को मिला हत्या में प्रयुक्त हथियार, अंधविश्वास में किए गए थे मर्डर, 24 से अधिक ग्रामीण हिरासत में

गुमला में कामडारा थाना क्षेत्र के बुरुहातु आमटोली में पांच लोगों की हत्या कर दी गई है. इस घटना को पूरे जिले को झकझोर दिया है. पुलिस को इस घटना में कुछ अहम सुराग के साथ हत्या का हथियार मिला है. बताया जा रहा है कि अंधविश्वास के चलते इस घटना को अंजाम दिया गया. पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है.

गुमला नरसंहार
गुमला नरसंहार
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Published : Feb 25, 2021, 8:16 PM IST

Updated : Feb 25, 2021, 9:09 PM IST

गुमलाः जिले के कामडारा थानांतर्गत सरिता पंचायत के बुरुहातु (पहाड़गांव) आमटोली में मंगलवार रात पांच लोगों की धारदार हथियार से नृशंस हत्या मामले में घटना में प्रयुक्त टांगी को पुलिस ने बरामद कर लिया हैं. पुलिस को कई सबूत भी हाथ लगे हैं. घटना से पूर्व आयोजित बैठक की एक वीडियो भी पुलिस को मिला हैं जिससें पुलिस को हत्याकांड के कई अहम सुराग मिले हैं.

देखें पूरी खबर.

यह भी पढ़ेंः गुमला नरसंहार: पुलिस को मिला अहम सुराग, हथियार किया बरामद

सूत्रों के अनुसार बैठक में ग्रामीणों ने मुंडारी भाषा में बात कर घटना की योजना बनाई थी. सूत्रों के अनुसार अंधविश्वास के कारण ही इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया हैं. पुलिस ने लगभग 2 दर्जन से अधिक ग्रामीणों को हिरासत में लिया हैं. जहां से मिले निशानदेही के बाद हत्या में प्रयुक्त टांगी को भी पुलिस ने पकरा रेलवे स्टेशन के करीब पोल नंबर 47 के पास से बरामद कर लिया है.

यह भी पढ़ेंः गुमला में नरसंहार, आदिवासी परिवार के 5 लोगों को उतारा मौत के घाट, सीएम मामले से अनजान

शव को गांव में दफनाने का विरोध

हत्या में कितने लोग शामिल थे उसका खुलासा नहीं हो पाया है. पुलिस मामले की गहनतापूर्वक जांच में जुटी हैं. गुरुवार को जब सभी मृतकों के शव उनके गांव बुरुहातू आमटोली लाया गया तब गांव के ग्रामीण शव को गांव में दफनाने का विरोध करने लगे, जिसके बाद पुलिस एवं प्रखंड प्रशासन की देख रेख में शवों को मृतकों की जमीन में ही दफनाया गया.

यह भी पढ़ेंः गुमला में लोगों को फिर याद आया 2019 का नरसंहार, आदिवासी परिवार के 5 लोगों की हत्या के बाद कई घरों में लटका ताला

शव के अंतिम संस्कार में गिने चुने ग्रामीण ही शामिल हुए, जबकि मृतकों के घर की कुछ ही दूरी पर आज भी ग्रामीण मूकदर्शक बन कर बैठे रहे. ग्रामीणों से कुछ भी पूछने पर वे मुंडारी भाषा का प्रयोग करते थे. घटना के बाद मृतक के घर में बंधे मवेशी सहित मोटरसाइकिल भी गायब हैं.

एकमात्र बच्ची बची

घटना के बाद जिंदा बचीं परिवार की एकमात्र सदस्य 7 वर्षीय अंजना टोपनो रांची स्थित अपनी मौसी अनिमा डांग के घर में रहती है. अंजना संत कार्मेल पब्लिक स्कूल लोवाडीह रांची में दूसरी कक्षा में पढ़ाई करती है.

बच्ची के मौसा अंतोनी भेंगरा रिम्स में सैफ के जवान हैं. अंजना अपनी माता पिता से अंतिम बार 30 दिसंबर 2020 को कोलेबिरा स्थित एक शादी समारोह में मिली थी. अपने माता पिता और भाई की मौत से बेखबर अंजना आज जब अपनी मौसी के साथ घर आई तो उसकी नजर इधर- उधर दौड़ने लगी मानो वह अपने परिजन को ढूढ़ रही हो.

हत्यारों को मिले कड़ी सजा

जब मृतक के कुछ रिश्तेदार गांव पहुंचे तो उनके रोने की आवाज से माहौल गमनीन हो गया. तभी सभी को रोता देख अंजना भी जोर जोर से रोने लगी. मौके पर पहुंचे मृतकों के रिश्तेदारों ने प्रशासन से हत्यारों को कड़ी सजा एवं बच्ची के परवरिश में मदद की मांग की है. आज मृतकों के अंतिम संस्कार के मौके पर पूर्व स्पीकर दिनेश उरांव, पुलिस इंस्पेक्टर बैजू उरांव, बीडीओ रविन्द्र गुप्ता एवं पुलिस के जवान देर शाम तक गांव में मौजूद थे.

गुमलाः जिले के कामडारा थानांतर्गत सरिता पंचायत के बुरुहातु (पहाड़गांव) आमटोली में मंगलवार रात पांच लोगों की धारदार हथियार से नृशंस हत्या मामले में घटना में प्रयुक्त टांगी को पुलिस ने बरामद कर लिया हैं. पुलिस को कई सबूत भी हाथ लगे हैं. घटना से पूर्व आयोजित बैठक की एक वीडियो भी पुलिस को मिला हैं जिससें पुलिस को हत्याकांड के कई अहम सुराग मिले हैं.

देखें पूरी खबर.

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सूत्रों के अनुसार बैठक में ग्रामीणों ने मुंडारी भाषा में बात कर घटना की योजना बनाई थी. सूत्रों के अनुसार अंधविश्वास के कारण ही इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया हैं. पुलिस ने लगभग 2 दर्जन से अधिक ग्रामीणों को हिरासत में लिया हैं. जहां से मिले निशानदेही के बाद हत्या में प्रयुक्त टांगी को भी पुलिस ने पकरा रेलवे स्टेशन के करीब पोल नंबर 47 के पास से बरामद कर लिया है.

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शव को गांव में दफनाने का विरोध

हत्या में कितने लोग शामिल थे उसका खुलासा नहीं हो पाया है. पुलिस मामले की गहनतापूर्वक जांच में जुटी हैं. गुरुवार को जब सभी मृतकों के शव उनके गांव बुरुहातू आमटोली लाया गया तब गांव के ग्रामीण शव को गांव में दफनाने का विरोध करने लगे, जिसके बाद पुलिस एवं प्रखंड प्रशासन की देख रेख में शवों को मृतकों की जमीन में ही दफनाया गया.

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शव के अंतिम संस्कार में गिने चुने ग्रामीण ही शामिल हुए, जबकि मृतकों के घर की कुछ ही दूरी पर आज भी ग्रामीण मूकदर्शक बन कर बैठे रहे. ग्रामीणों से कुछ भी पूछने पर वे मुंडारी भाषा का प्रयोग करते थे. घटना के बाद मृतक के घर में बंधे मवेशी सहित मोटरसाइकिल भी गायब हैं.

एकमात्र बच्ची बची

घटना के बाद जिंदा बचीं परिवार की एकमात्र सदस्य 7 वर्षीय अंजना टोपनो रांची स्थित अपनी मौसी अनिमा डांग के घर में रहती है. अंजना संत कार्मेल पब्लिक स्कूल लोवाडीह रांची में दूसरी कक्षा में पढ़ाई करती है.

बच्ची के मौसा अंतोनी भेंगरा रिम्स में सैफ के जवान हैं. अंजना अपनी माता पिता से अंतिम बार 30 दिसंबर 2020 को कोलेबिरा स्थित एक शादी समारोह में मिली थी. अपने माता पिता और भाई की मौत से बेखबर अंजना आज जब अपनी मौसी के साथ घर आई तो उसकी नजर इधर- उधर दौड़ने लगी मानो वह अपने परिजन को ढूढ़ रही हो.

हत्यारों को मिले कड़ी सजा

जब मृतक के कुछ रिश्तेदार गांव पहुंचे तो उनके रोने की आवाज से माहौल गमनीन हो गया. तभी सभी को रोता देख अंजना भी जोर जोर से रोने लगी. मौके पर पहुंचे मृतकों के रिश्तेदारों ने प्रशासन से हत्यारों को कड़ी सजा एवं बच्ची के परवरिश में मदद की मांग की है. आज मृतकों के अंतिम संस्कार के मौके पर पूर्व स्पीकर दिनेश उरांव, पुलिस इंस्पेक्टर बैजू उरांव, बीडीओ रविन्द्र गुप्ता एवं पुलिस के जवान देर शाम तक गांव में मौजूद थे.

Last Updated : Feb 25, 2021, 9:09 PM IST
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