गुमला: मंगलवार की रात को गुमला थाना क्षेत्र के बृंदा नायकटोली गांव में उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के कमांडर बसंत गोप के मारे जाने के संबंध में जिले के एसपी ने बताया कि गांव के ही एक व्यक्ति की दो साल पूर्व हत्या कर दी गई थी. जिसमें मृतक के दो बेटे चश्मदीद गवाह थे. फिलहाल यह मामला कोर्ट में चल रहा है, इसी वजह से उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के कोर्ट में गवाही नहीं देने के लिए चश्मदीदों को धमकी दिया जा रहा था. इसी क्रम में दो दिन पहले बसंत गोप के दस्ते ने उनके घर पर हमला किया था.
इस दौरान उग्रवादी कमांडर बसंत गोप जब घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसा तो घर के अंदर छुप कर बैठी महिला ने आत्म रक्षार्थ बसंत गोप पर हमला कर दी. जिसके कारण बसंत गोप घायल अवस्था में दस्ते के साथ भाग खड़ा हुआ. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस तत्काल गांव पहुंची लेकिन तब तक अपराधी भाग चुके थे. हालांकि इस दौरान पुलिस को खून के धब्बे और दरवाजे पर खून के छींटे मिले. दूसरे दिन काफी खोजबीन किए जाने के बाद पुलिस को गांव के नजदीक जंगल से दोपहर में एक डेड बॉडी मिला था. जिसका सत्यापन किया गया तो यह पता चला शव पीएलएफआई के कमांडर बसंत गोप की है. जिसके ऊपर गुमला, रायडीह और पालकोट थाना में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
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एसपी ने बताया कि पूर्व में घटित घटना को लेकर उग्रवादी बाकी सदस्यों जो उस मामले के चश्मदीद गवाह हैं, उन्हें धमकाने की नियत से उग्रवादियों ने हमला किया था. जिसमें बसंत को मारा गया. उन्होंने कहा कि जिले में उग्रवादी संगठन पीएलएफआई ने अगर किसी को धमकाया जा रहा है तो आप बिना किसी डर के पुलिस को सूचना दें. पुलिस उग्रवादियों पर कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि पीएलएफआई के उग्रवादी अभी पुलिस के मुख्य निशाने पर हैं.