दुमका: जिले के 36 मजदूर काम करने नेपाल गए थे, जो लॉकडाउन में वहां फंस गए हैं. नेपाल में उनका काम बंद है, जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई है. सभी मजदूरों ने परिजनों को वीडियो भेजा था और सरकार से मदद की गुहार लगाई थी. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया है और मजदूरों को वापस लाने का प्रयास शुरू कर दिया गया है.
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क्या है पूरा मामला
दुमका में एक बार फिर से ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. जिले के मजदूर केबुल बिछाने का काम करने नेपाल गए हैं. उन्होंने वहां से वीडियो के माध्यम से सूचित किया था कि यहां लॉकडाउन लग गया है और हमें लाने वाला ठेकेदार छोड़कर भाग गया है, हमारी स्थिति काफी खराब है, हमलोगों में से कई बीमार हो चुके हैं. इन मजदूरों ने झारखंड सरकार से दुमका वापसी की गुहार लगाई थी. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर प्रकाशित होने के बाद दुमका के विधायक बसंत सोरेन ने सीएमओ और दुमका डीसी को ट्वीट किया कि इस मामले में संज्ञान लिया जाए. पूरे मामले में जिले की उपायुक्त ने कहा कि श्रम अधीक्षक उन मजदूरों की पड़ताल करेंगे और जो भी आवश्यक सुविधा देनी होगी, उसे उपलब्ध कराते हुए सभी मजदूरों को वापस लाया जाएगा.
क्या कहा उपायुक्त ने
उपायुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि जो मजदूर दुमका के हैं और नेपाल में फंस गए हैं और वे वापस आना चाह रहे हैं, उसके लिए हमने श्रम अधीक्षक को निर्देश दिया है कि इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करें. डीसी ने कहा कि उन मजदूरों को जो भी सुविधा उपलब्ध करानी होगी वह उपलब्ध कराई जाएगी और मजदूरों को दुमका वापस लाया जाएगा.