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किसान की आत्महत्या पर राजनीति जारी, हेमंत ने कहा- सरकार का केवल कमीशन पर है ध्यान

4 दिन पहले गुमला में हुए किसान आत्महत्या मामले में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन किसान के परिजनों से मिले. हेमंत ने इस दौरान किसान के परिवारवालों की आर्थिक सहायता भी की. हेमंत ने कहा कि सरकार किसानों की रखवाली नहीं कर पा रही है.

किसान के परिजनों के साथ हेमंत
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Published : Aug 2, 2019, 7:51 PM IST

गुमला: जिले के सदर प्रखंड क्षेत्र के ढेढौली पोखराटोली गांव में मानसून की बेरुखी से परेशान होकर एक किसान ने 4 दिन पहले आत्महत्या कर ली. किसान के आत्महत्या करने के बाद सूबे में राजनीति भी शुरू हो गई है. शुक्रवार को किसान के परिजनों से हेमंत सोरेन ने मुलाकात की.

हेमंत सोरेन का बयान

किसान के परिजनों से मिले हेमंत
विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन मृतक के परिवारवालों से मिलने के बाद उनसे शिवा खड़िया के मरने के बाद सरकार के द्वारा दी जा रही सरकारी सुविधाओं से अवगत हुए. इसके साथ ही ग्रामीणों से भी बात की और उनकी समस्या को जाना. ग्रामीणों की समस्या सुनने के बाद उन्होंने तत्काल मोबाइल फोन पर जिले के उपायुक्त से बात की और ग्रामीणों की समस्याओं से उन्हें अवगत कराते हुए समस्याओं का निराकरण करने को कहा.

कमीशन के चक्कर में सरकार
इससे पहले हेमंत सोरेन ने सरकार के खिलाफ कहा कि सरकार जनता के विकास को छोड़कर सोलर लाइट, सोलर पंप जैसे कामों में ध्यान दे रही है. इसमें उन्हें कमीशन मिल रहा है. कमीशन लेने के चक्कर में सरकार मुखिया और पंचायत सेवकों को दबाव पर डाल रही है कि वे सरकार द्वारा चयनित कंपनियों से ही सोलर पंप और स्ट्रीट लाइट गांव में लगवाएं.


4 दिन पहले किसान ने की आत्महत्या
मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि यह पहली घटना नहीं है एक दर्जन के लगभग राज्य में किसान आत्महत्या कर चुके हैं. यह कैसा विकास है जहां रोज किसान आत्महत्या कर रहे हैं. सरकार की किसानों के प्रति जो संवेदनाएं हैं, वह सिर्फ अखबार और मीडिया तक ही सीमित है.

ये भी पढे़ं: गैंगेस्टर अनिल शर्मा जेल से चला रहा अपना 'सल्तनत', जेल से रच रहा हत्या की साजिश

हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर सरकार यहां की जनता की रखवाली नहीं कर सकती है तो फिर उन्हें सरकार में रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ढिंढोरा पीट रही है कि जनता की वो आय दोगुनी से लेकर उनकी आर्थिक सहायता की है. बहुत सारे किसानों को लेकर दूसरे देश में ले जाने का काम किया है जो ढोंग रचा है उसका परिणाम आज सामने है.

गुमला: जिले के सदर प्रखंड क्षेत्र के ढेढौली पोखराटोली गांव में मानसून की बेरुखी से परेशान होकर एक किसान ने 4 दिन पहले आत्महत्या कर ली. किसान के आत्महत्या करने के बाद सूबे में राजनीति भी शुरू हो गई है. शुक्रवार को किसान के परिजनों से हेमंत सोरेन ने मुलाकात की.

हेमंत सोरेन का बयान

किसान के परिजनों से मिले हेमंत
विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन मृतक के परिवारवालों से मिलने के बाद उनसे शिवा खड़िया के मरने के बाद सरकार के द्वारा दी जा रही सरकारी सुविधाओं से अवगत हुए. इसके साथ ही ग्रामीणों से भी बात की और उनकी समस्या को जाना. ग्रामीणों की समस्या सुनने के बाद उन्होंने तत्काल मोबाइल फोन पर जिले के उपायुक्त से बात की और ग्रामीणों की समस्याओं से उन्हें अवगत कराते हुए समस्याओं का निराकरण करने को कहा.

कमीशन के चक्कर में सरकार
इससे पहले हेमंत सोरेन ने सरकार के खिलाफ कहा कि सरकार जनता के विकास को छोड़कर सोलर लाइट, सोलर पंप जैसे कामों में ध्यान दे रही है. इसमें उन्हें कमीशन मिल रहा है. कमीशन लेने के चक्कर में सरकार मुखिया और पंचायत सेवकों को दबाव पर डाल रही है कि वे सरकार द्वारा चयनित कंपनियों से ही सोलर पंप और स्ट्रीट लाइट गांव में लगवाएं.


4 दिन पहले किसान ने की आत्महत्या
मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि यह पहली घटना नहीं है एक दर्जन के लगभग राज्य में किसान आत्महत्या कर चुके हैं. यह कैसा विकास है जहां रोज किसान आत्महत्या कर रहे हैं. सरकार की किसानों के प्रति जो संवेदनाएं हैं, वह सिर्फ अखबार और मीडिया तक ही सीमित है.

ये भी पढे़ं: गैंगेस्टर अनिल शर्मा जेल से चला रहा अपना 'सल्तनत', जेल से रच रहा हत्या की साजिश

हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर सरकार यहां की जनता की रखवाली नहीं कर सकती है तो फिर उन्हें सरकार में रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ढिंढोरा पीट रही है कि जनता की वो आय दोगुनी से लेकर उनकी आर्थिक सहायता की है. बहुत सारे किसानों को लेकर दूसरे देश में ले जाने का काम किया है जो ढोंग रचा है उसका परिणाम आज सामने है.

Intro:गुमला : गुमला सदर प्रखंड क्षेत्र के ढेढौली पोखराटोली गांव में मानसून के सूखेपन से परेशान होकर शिवा खड़िया नामक एक किसान ने अपने घर में 4 दिन पूर्व फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी । किसान के आत्महत्या करने के बाद सूबे में राजनीति भी शुरू हो गई है । किसान की आत्महत्या करने की खबर मीडिया में आने के बाद विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन बिशुनपुर विधायक चमरा लिंडा गुमला के पूर्व विधायक भूषण तिर्की के साथ शुक्रवार को मृतक शिवा खड़िया के परिजनों से मिले और शिवा खड़िया के प्रति संवेदना व्यक्त की । इसके साथ ही अपनी पार्टी की ओर से मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता भी दी ।


Body:विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन मृतक के परिवार वालों से मिलने के बाद उनसे शिवा खड़िया के मरने के बाद सरकार के द्वारा दी जा रही सरकारी सुविधाओं से अवगत हुए । इसके साथ ही ग्रामीणों से भी बात की और उनका समस्या जाना । ग्रामीणों की समस्या सुनने के बाद उन्होंने तत्काल मोबाइल फोन पर जिले के उपायुक्त से बात की और ग्रामीणों की समस्याओं से उन्हें अवगत कराते हुए ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण करने को कहा ।
इससे पूर्व हेमंत सोरेन ने सरकार के खिलाफ कहा कि सरकार जनता का विकास को छोड़कर सोलर लाइट, सोलर पंप जैसे कामों में ध्यान दे रही है । जिसमें उन्हें कमीशन मिल रहा है । कमीशन लेने के चक्कर में सरकार मुखिया और पंचायत सेवकों को दबाव पर डाल रही है कि वे सरकार द्वारा चयनित कंपनियों से ही सोलर पंप और स्ट्रीट लाइट गांव में लगवाएं ।


Conclusion:मीडिया से बात करते हुए विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि आज मृतक शिवा खड़िया के परिवार वालों से मिलने आए हैं । जहां तीन-चार दिन पूर्व किसान ने आत्महत्या कर ली थी । यह पहली घटना नहीं है एक दर्जन के लगभग राज्य में किसान आत्महत्या कर चुका है । यह कैसा विकास है जहां रोज लाश गिर रही है । सरकार की कहीं ना कहीं किसानों के प्रति जो संवेदनाएं हैं वह सिर्फ अखबार और मीडिया तक ही सीमित है । और आज तो हद ही हो गई जिस तेलंगाना खड़िया का हम नाम लेते हैं यह पूरा क्षेत्र उन्हीं के समाज से भरा पड़ा है । उसी परिवार के सिवा खड़िया ने आत्महत्या की है । और ऐसे अनेक समस्याएं इस गांव में एकदम बिल्कुल भयावह रूप ले रही है । उन्होंने कहा कि हमने तो बात किया है प्रशासन से । लेकिन मुझे लगता है कि सरकारी कोरम के तहत ही अभी भी पदाधिकारियों का रवैया है । यहां सड़क, बिजली तो कोसों दूर है इस गांव में बिजली के खंभे हैं ,तार हैं मगर बिजली नहीं है । और मूल जो जीने का आधार पानी की व्यवस्थाएं हैं वह है ही नही । खेती बारी को छोड़ दिए पीने की पानी भी नहीं है । आखिर आदमी ऐसी स्थिति पर आत्महत्या ना करें तो क्या करें ।।यह अजीब हालत हो गई है पूरे राज्य में एक अराजकता की स्थिति है । उन्होंने कहा कि चान्हो प्रखंड में एक किसान सरकारी योजना लाभुक बनकर गुनाह कर दिया । जबरदस्ती दबाव में कर्ज लेकर कुंआ पूरा बनाया । मगर सरकार पैसा लाभुक को दी नहीं है । पैसों को लेकर किसान पर महाजनों के द्वारा भी प्रेशर दिया जाता था जिसके कारण वहां भी किसान ने आत्महत्या कर ली थी । और वही हाल कमोबेश शिवा खड़िया का भी था इन्होंने भी जीवन यापन के लिए खेती बारी के लिए कर्ज लिया था कर्ज ना चुकाने की स्थिति और मौसम की मार से उन्होंने भी आत्महत्या कर ली । आज सूखे की स्थिति इस पूरे क्षेत्र में बनी हुई है और सरकार भगवान भरोसे ही पूरे राज्य की जनता को छोड़ दी है । उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इस विषय पर सरकार से सवाल करेंगे । अगर सरकार यहाँ की जनता की रखवाली नहीं कर सकती है तो फिर उन्हें सरकार में रहने का कोई अधिकार नहीं है । उन्होंने कहा कि सरकार ढिंढोरा पीट रही है की जनता की हम आय दुगनी से लेकर उनकी आर्थिक सहायता की है । बहुत सारे किसानों को लेकर दूसरे देश में ले जाने का काम किया है जो ढोंग रचा है उसका परिणाम आज सामने है । उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से गुजारिश करता हूं कि आप इस मौजा में आकर देखें यहां किसानों की क्या स्थिति है । मुख्यमंत्री से हमारा निवेदन है निवेदन है कि आप एक बार इस गांव में यहां करके देखें तो आपको हकीकत पता चलेगा कि आप आज किस जगह पर इस राज को लाकर खड़ा कर दिए हैं ।
बाईट : हेमन्त सोरेन ( विपक्ष के नेता )
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