गुमला: जिले के सदर प्रखंड क्षेत्र के ढेढौली पोखराटोली गांव में मानसून की बेरुखी से परेशान होकर एक किसान ने 4 दिन पहले आत्महत्या कर ली. किसान के आत्महत्या करने के बाद सूबे में राजनीति भी शुरू हो गई है. शुक्रवार को किसान के परिजनों से हेमंत सोरेन ने मुलाकात की.
किसान के परिजनों से मिले हेमंत
विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन मृतक के परिवारवालों से मिलने के बाद उनसे शिवा खड़िया के मरने के बाद सरकार के द्वारा दी जा रही सरकारी सुविधाओं से अवगत हुए. इसके साथ ही ग्रामीणों से भी बात की और उनकी समस्या को जाना. ग्रामीणों की समस्या सुनने के बाद उन्होंने तत्काल मोबाइल फोन पर जिले के उपायुक्त से बात की और ग्रामीणों की समस्याओं से उन्हें अवगत कराते हुए समस्याओं का निराकरण करने को कहा.
कमीशन के चक्कर में सरकार
इससे पहले हेमंत सोरेन ने सरकार के खिलाफ कहा कि सरकार जनता के विकास को छोड़कर सोलर लाइट, सोलर पंप जैसे कामों में ध्यान दे रही है. इसमें उन्हें कमीशन मिल रहा है. कमीशन लेने के चक्कर में सरकार मुखिया और पंचायत सेवकों को दबाव पर डाल रही है कि वे सरकार द्वारा चयनित कंपनियों से ही सोलर पंप और स्ट्रीट लाइट गांव में लगवाएं.
4 दिन पहले किसान ने की आत्महत्या
मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि यह पहली घटना नहीं है एक दर्जन के लगभग राज्य में किसान आत्महत्या कर चुके हैं. यह कैसा विकास है जहां रोज किसान आत्महत्या कर रहे हैं. सरकार की किसानों के प्रति जो संवेदनाएं हैं, वह सिर्फ अखबार और मीडिया तक ही सीमित है.
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हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर सरकार यहां की जनता की रखवाली नहीं कर सकती है तो फिर उन्हें सरकार में रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ढिंढोरा पीट रही है कि जनता की वो आय दोगुनी से लेकर उनकी आर्थिक सहायता की है. बहुत सारे किसानों को लेकर दूसरे देश में ले जाने का काम किया है जो ढोंग रचा है उसका परिणाम आज सामने है.