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बेमौसम बारिश से 'अन्नदाता' मायूस , महीनों की मेहनत पानी में डूबा

गुमला में हुए बेमौसम बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया और धान बर्बाद हो गए. अब किसान परेशान हैं. उनका कहना है कि धान की उपज के समय लिए गए ऋण का चुकता करें या अपने परिवार को दो वक्त की रोटी दें.

Rain in Gumla, crop wasted due to rain, latest news of Jharkhand, गुमला में बारिश, बारिश से फसल बर्बाद, झारखंड की ताजा खबरें
पानी में बर्बाद फसल
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Published : Dec 21, 2019, 11:27 AM IST

गुमला: जिले में हुए बेमौसम बारिश ने अन्नदाताओं की कमर तोड़ दी है. जिन किसानों ने चार- पांच महीनों से अपने खेतों में दिन-रात एक करके धान की उपज की थी. उस उपज को एक दिन की बारिश ने बर्बाद कर दिया है.

देखें पूरी खबर

बारिश से बर्बाद हुए फसल
दरअसल, जिन किसानों ने देरी से धान की खेती की थी, उनका फसल भी थोड़ी देर से तैयार हुआ था. किसान खेतों में लगे धान की फसल को काटकर रख दिए थे और उन्हें अपने खलिहान में लाकर उसकी मिसाई करने वाले थे. मगर बेमौसम बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया और धान डूब गए.

ये भी पढ़ें- महिला की पत्थर से कूचकर हत्या, दुष्कर्म की आशंका

चिंतत किसान
किसानों को अब इस बात की चिंता है कि धान की उपज करने के समय लिए गए ऋण का चुकता करें या अपने परिवार को दो वक्त की रोटी दें. किसानों ने बताया कि कई महीनों से वे लगातार खेतों में मेहनत करके धान की खेती किए थे. जिसके लिए उन्होंने अपने जानने वालों और बैंकों से भी उधार लिया था.

ये भी पढ़ें- इस गांव के लोगों ने 40 साल पहले ही प्लास्टिक के खतरे को पहचाना, आज पेश कर रहे मिसाल

घर चलाने की समस्या
वहीं, कुछ महिलाओं ने कहा कि धान की खेती पानी से बर्बाद होने के कारण अब उनके सामने घर चलाने की समस्या सामने आ गई है. खेती अच्छी होगी तो उसे बेचकर हम अपने बाल बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाई के लिए भेजेंगे मगर सारे सपने टूट गए.

गुमला: जिले में हुए बेमौसम बारिश ने अन्नदाताओं की कमर तोड़ दी है. जिन किसानों ने चार- पांच महीनों से अपने खेतों में दिन-रात एक करके धान की उपज की थी. उस उपज को एक दिन की बारिश ने बर्बाद कर दिया है.

देखें पूरी खबर

बारिश से बर्बाद हुए फसल
दरअसल, जिन किसानों ने देरी से धान की खेती की थी, उनका फसल भी थोड़ी देर से तैयार हुआ था. किसान खेतों में लगे धान की फसल को काटकर रख दिए थे और उन्हें अपने खलिहान में लाकर उसकी मिसाई करने वाले थे. मगर बेमौसम बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया और धान डूब गए.

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चिंतत किसान
किसानों को अब इस बात की चिंता है कि धान की उपज करने के समय लिए गए ऋण का चुकता करें या अपने परिवार को दो वक्त की रोटी दें. किसानों ने बताया कि कई महीनों से वे लगातार खेतों में मेहनत करके धान की खेती किए थे. जिसके लिए उन्होंने अपने जानने वालों और बैंकों से भी उधार लिया था.

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घर चलाने की समस्या
वहीं, कुछ महिलाओं ने कहा कि धान की खेती पानी से बर्बाद होने के कारण अब उनके सामने घर चलाने की समस्या सामने आ गई है. खेती अच्छी होगी तो उसे बेचकर हम अपने बाल बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाई के लिए भेजेंगे मगर सारे सपने टूट गए.

Intro:गुमला : एक दिन पूर्व गुमला जिला में हुए बेमौसम बारिश ने जिले के अन्नदाताओं की कमर तोड़ दी है । जो किसान चार- पांच महीनों से अपने खेतों में दिन एक करके धान की उपज की थी । उस उपज को एक दिन की बारिश ने बर्बाद कर दिया । दरअसल जिन किसानों ने विलम्ब से धान की खेती किया था उनके फसल भी थोड़ी देर से तैयार हुआ था । किसान खेतों में लगे धान की फसल को काटकर रख दिया था और उन्हें अपने खलिहान में लाकर उसकी मिसाई करने वाले थे । मगर बीते रविवार को बेमौसम बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया जिसके कारण उसमें धान डूब गए ।


Body:वहीं जो किसान अपने धान की फसल को खेतों से काटकर खलिहान तक ले आए हैं वे किसान अपने धान की फसल को बारिस से बचाने के लिए कई तरह के उपाय करने में लगे हुए हैं । किसानों को अब इस बात की चिंता है कि धान की उपज करने के समय लिए गए ऋण का चुकता करें या अपने परिवार को दो वक्त का भोजन दें । किसानों ने बताया कि कई महीनों से वे लगातार खेतों में मेहनत करके धान की खेती किए थे । जिसके लिए उन्होंने अपने जानने वालों और बैंकों से भी उधार लिया था । उन्होंने कहा कि हमनें ये सोच रखा था कि जब धान की खेती पूरी हो जाती है तो उन धान को बेचकर वे अपने ऋण को चुकता कर देते । मगर जिस तरह से कल बारिश हुई और उसमें धान बर्बाद हुए हैं उसे किसानों की चिंता की लकीरें काफी लंबी हो गई है । वहीं कुछ महिलाओं ने कहा कि धान की खेती पानी से बर्बाद होने के कारण अब हम खाएंगे क्या और बचाएंगे क्या हमने सोचा था कि धान की खेती अच्छी होगी तो उसे बेचकर हम अपने बाल बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाई के लिए भेजेंगे मगर सारे सपने टूट गए ।


Conclusion:कुछ महिलाओं ने कहा कि वे अपने धान की फसल को काटकर खेतों में रखे थे जिसे खलिहान में ले जाकर मिसाई करते, कुछ धान खेत में रह गए और कुछ धान खलिहान में है । जो खेतों में है वह पानी में डूब गए और जो खलिहान में है उसे कैसे बचाया जाए इस बात की चिंता है । किसानों ने कहा की शुरुआत में खेती के दौरान बारिश अच्छी नहीं हुई थी किसी तरह से हमने धान की फसल को तैयार किया था और अब जब धान की खेती तैयार हो गई और उसे समेटने की बारी आई तो ऊपर वाले ने ऐसी बारिश कि की एक दिन की बारिश से हमारी सारी मेहनत बेकार हो गई ।

बाईट b: एतवा लोहरा ( किसान )
बाईट c: परिबा देवी ( महिला किसान )
बाईट d : उर्मिला देवी ( महिला किसान )
पीटूसी : नरेश कुमार
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