गुमलाः जिला में आतंक का पर्याय रहे पांच लाख के इनामी माओवादी कमांडर खुदी मुंडा द्वारा कुरुम गढ़ क्षेत्र में सरेंडर करने की बात कही जा रहा है. हालांकि पुलिस इस मामले पर कुछ भी कहने से बच रही है. सूत्रों के अनुसार खुदी मुंडा द्वारा एक-दो दिनों में वरीय पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में सार्वजनिक रूप से आत्मसमर्पण किये जाने की संभावना है.
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गुमला, सिमडेगा जिला मिलाकर विभिन्न थानों में 50 से भी अधिक मामले खुदी मुंडा खिलाफ दर्ज हैं. सूत्रों के अनुसार जिला पुलिस के आलाधिकारियों के समक्ष खुदी मुंडा के आत्मसमर्पण करने वाला है. इस तरह से देखा जाए तो पिछले महीनों में गुमला पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ अभियान में काफी सफलता हाथ लगी है. 1 वर्ष पूर्व जोनल कमांडर बुद्धेश्वर उरांव को पुलिस ने मार गिराया. इसके बाद महीना पूर्व राजेश उरांव, लाजिम अंसारी को भी पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया. उसके बाद से खुदी मुंडा पुलिसिया दबिश से लगातार बच रहा. ऐसे आसार हैं कि पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण वो खुद को कानून के हवाले करना चाहता है. जिससे वो पुलिस की गोली का शिकार होने से बच जाए.
नक्सलियों के जोनल कमांडर बुद्धेश्वर के मारे जाने के बाद खुदी मुंडा पुलिस के टारगेट में था. वह भरनो प्रखंड के बटकोरी का रहने वाला बताया जाता है. जिसका कार्यक्षेत्र पालकोट व खूंटी रहा है. कुछ समय के लिए उसे पलामू इलाके का प्लाटून कमांडर की जिम्मेदारी दी गई थी. इधर लंबे समय से खुदी मुंडा की पुलिस को तलाश है. खुदी मुंडा के ऊपर झारखंड सरकार द्वारा पांच लाख रुपये का इनाम भी घोषित है. लगातार इसके घर में भी पुलिस पहुंचकर परिजनों को आत्मसमर्पण कराने को लेकर प्रोत्साहित करती रही है.