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ECL राजमहल परियोजना पर वादाखिलाफी का आरोप, विस्थापितों ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार - गोड्डा में ECL राजमहल परियोजना का भू-विस्थापितों के साथ वादा खिलाफी

गोड्डा के ललमटिया में ग्रामीण ECL परियोजना प्रबंधन के कारण खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि ECL राजमहल परियोजना प्रबंधन ने बड़ा भोडाई के गांव वालों से 2007-08 में जमीन अधिग्रहण कर बड़े-बड़े वादे किए गए, लेकिन किसी भी वादे को पूरा नहीं किया.

ITI College
आईटीआई कॉलेज
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Published : Jul 19, 2020, 9:24 PM IST

गोड्डा: जिला में ECL राजमहल परियोजना ललमटिया में प्रबंधन का भू-विस्थापितों के साथ झूठे वादों और आश्वासन का खेल खेल रही है. जब उन्हें जरूरत होती है, तो गांव के भोले भाले लोगों की मांगों के साथ हर वादा कर लेती हैऔर फिर जमीन अधिग्रहण के बाद उन्हें ठेंगा दिखा दिया जाता है.

क्या है मामला

दरअसल, ECL राजमहल परियोजना प्रबंधन ने बड़ा भोडाई के गांव वालों से 2007-08 में जमीन अधिग्रहण कर बड़े-बड़े वादे किए गए. उनमें खासकर आदिवासी बाहुल्य इलाका और खेल प्रेमी होने के नाते इन लोगों ने खेल के मैदान की मांग रखी. तब प्रबंधन ने इसकी मंजूरी दे दी. इसके लिए गांव वालों के साथ खेल का मैदान, छोटे पार्क के अलावा देव स्थान बनना तय हुआ, लेकिन जैसे ही भूमि अधिग्रहण का काम पूरी हुआ, प्रबंधन ने रंग दिखाना शुरू कर दिया.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-गुमला में ठंडा पड़ गया है कपड़े का कारोबार, दुकानों पर नहीं पहुंच रहे ग्राहक

पहले उसी चिन्हित खेल मैदान में ECL ने अपने हित मे आईटीआई कॉलेज खोलने की घोषणा कर भवन बना दिया. फिर एक हॉल को एक आदिवासी इंटर कॉलेज कप को इसी बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया और कॉलेज का बोर्ड लगा दिया.

नहीं किए गए वादे पूरे

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रबंधन कहता कुछ और है, करता कुछ और है. इस खेल के मैदान में प्रबंधन आम लोगों के साथ भी खेल खेल रहा है. इस पूरे मसले पर प्रबंधन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. स्थानीय जनप्रतिनिधि का कहना है कि ये रवैया ECL प्रबंधन का पुराना है, ऐसे कई मामले हैं, जिसमें स्थानीय लोगों के साथ वादे किए जाते हैं और जमीन अधिग्रहण के बाद उन्हें ठेंगा दिखा दिया जाता है.

गोड्डा: जिला में ECL राजमहल परियोजना ललमटिया में प्रबंधन का भू-विस्थापितों के साथ झूठे वादों और आश्वासन का खेल खेल रही है. जब उन्हें जरूरत होती है, तो गांव के भोले भाले लोगों की मांगों के साथ हर वादा कर लेती हैऔर फिर जमीन अधिग्रहण के बाद उन्हें ठेंगा दिखा दिया जाता है.

क्या है मामला

दरअसल, ECL राजमहल परियोजना प्रबंधन ने बड़ा भोडाई के गांव वालों से 2007-08 में जमीन अधिग्रहण कर बड़े-बड़े वादे किए गए. उनमें खासकर आदिवासी बाहुल्य इलाका और खेल प्रेमी होने के नाते इन लोगों ने खेल के मैदान की मांग रखी. तब प्रबंधन ने इसकी मंजूरी दे दी. इसके लिए गांव वालों के साथ खेल का मैदान, छोटे पार्क के अलावा देव स्थान बनना तय हुआ, लेकिन जैसे ही भूमि अधिग्रहण का काम पूरी हुआ, प्रबंधन ने रंग दिखाना शुरू कर दिया.

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पहले उसी चिन्हित खेल मैदान में ECL ने अपने हित मे आईटीआई कॉलेज खोलने की घोषणा कर भवन बना दिया. फिर एक हॉल को एक आदिवासी इंटर कॉलेज कप को इसी बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया और कॉलेज का बोर्ड लगा दिया.

नहीं किए गए वादे पूरे

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रबंधन कहता कुछ और है, करता कुछ और है. इस खेल के मैदान में प्रबंधन आम लोगों के साथ भी खेल खेल रहा है. इस पूरे मसले पर प्रबंधन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. स्थानीय जनप्रतिनिधि का कहना है कि ये रवैया ECL प्रबंधन का पुराना है, ऐसे कई मामले हैं, जिसमें स्थानीय लोगों के साथ वादे किए जाते हैं और जमीन अधिग्रहण के बाद उन्हें ठेंगा दिखा दिया जाता है.

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