गोड्डाः मो अबुल कलाम आजाद कॉलेज प्रिंसिपल हत्याकांड में पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. लेकिन जांच और पूछताछ में इस मामले में नया मोड़ आ गया है. जिसमें प्रिंसिपल मो नजीरुद्दीन का अपहरण बिहार के सनहोला थाना क्षेत्र से हुआ और और हत्या गाड़ी में ही गला दबाकर कर दी गयी. इसमें ड्राइवर की भूमिका संदिग्ध है.
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शुक्रवार को गोड्डा के मो अबुल कलाम आजाद इंटर कॉलेज के प्राचार्य डॉ नजीरुद्दीन का शव उनके गांव बसंतराय परसिया लाया गया. उनका शव देखकर पूरे गांव में मातम छा गया. वहीं पुलिस द्वारा अनुसंधान जारी है और लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. अब तक पुलिस ने अंतिम रूप से तीन लोगों को गिरफ्तार करने की बात कही है. वहीं ये बात सामने आई है कि अपहरण की घटना की कहानी जो अब तक चालक अमन राज बता रहा है वो मनगढ़ंत है.
उनका अपहरण भागलपुर जिले के सनहोला थाना क्षेत्र और हनवारा थाना के बीच काला डुमरिया से हुआ. अपहरण की घटना काले रंग की कार में अंजाम दिया गया. बिहार ले जाने के क्रम में 7 बजे ही गाड़ी में अपहृत की गला दबा कर हत्या कर दी गयी और फिर शव को महगामा थाना क्षेत्र के जियाकोरी रेलवे क्रासिंग के पास फेंक दिया. इस घटना में इस्तेमाम कार के अलावा काला रंग की बाइक भी पुलिस ने बरामद कर लिया है. घटना के तीन अभियुक्त मो शकीर उर्फ चुन्ना (मृतक का भतीजा), कपिल दास और चालक अमन राज के पास से उनका मोबाइल जब्त कर लिया गया है.
अब तक जो चालक कहानी बता रहा था वो झूठ था क्योंकि चालक इन आरोपियों के संपर्क में था. पुलिस ने साफ कर दिया है को पिछले चार साल से कॉलेज के स्वामित्व व अनुदान की राशि को लेकर प्रिंसिपल मो नजरुद्दीन और बड़े भाई मो. रुस्तम के बीच में विवाद चल रहा था. पूरे मामले को लेकर एसडीपीओ आनंद मोहन सिंह के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित कर छापेमारी चल रही है साथ ही कुछ अन्य को भी हिरासत में लिया गया है.
प्रिंसिपल के घरवालों को चालक अमन राज पर भरोसा था. मो नजीरुद्दीन की पत्नी ने कहा कि पहले भी चालक ने हत्या कराने जैसी बात खुद उनके घर वालों को आगाह किया था. लेकिन लगता कि बाद में वो आरोपियों शकीर व उनके लोगों के साथ मिल गया. क्योंकि भागलपुर जाने और आने की जानकारी अमन को ही थी. परिजनों ने ये भी बताया कि मो. नजीरुद्दीन का फोन काफी पहले स्विच ऑफ हो गया था.