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BJP सांसद निशिकांत दुबे का बड़ा बयान, कहा- धारा 370 के बाद CNT-SPT में भी बदलाव संभव - MP Nishikant Dubey's statement

गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि धारा 370 के खत्म होने के बाद एसपीटी और सीएनटी में भी बदलाव संभव है. इससे पहले भी सीएनटी और एसपीटी एक्ट में संशोधन को लेकर झारखंडी दलों द्वारा विरोध होता रहा है.

सांसद निशिकांत दुबे का बड़ा बयान
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Published : Aug 14, 2019, 5:14 PM IST

गोड्डाः भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को एक सवाल के जवाब में जम्मू कश्मीर मामले को लेकर पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में धारा 370 खत्म होने के बाद झारखंड में लागू सीएनटी और एसपीटी एक्ट में भी बदलाव संभव है.

सांसद निशिकांत दुबे का बड़ा बयान

गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि देश में धारा 370 समाप्त हो गया है. ऐसे में छोटानागपुर कास्तकारी अधिनियम (सीएनटी) और संथाल परगना कास्तकारी अधिनियम (एसपीटी) में बदलाव की सभवनाए बढ़ गई है. उन्होंने इन दोनों एक्ट के मामले में रसेल के सुझावों का उल्लेख करते हुए कहा कि 1934 में नियम बनाते वक्त ये सुझाव दिया था कि गैर आदिवासी की जमीन के खरीद बिक्री की छूट दी जा सकती है.

पहले भी मामले पर हो चुका है विरोध
वहीं, उन्होंने आदिवासी जमीन के मसले पर कहा कि वो उनकी जमीन की सुरक्षा के लिए खुद आंदोलन करते रहे हैं. किसी भी कीमत पर आदिवासी जमीन की खरीद बिक्री के पक्षधर नहीं हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि इससे संथाल परगाना में विकास की गति को तेजी मिलेगी और उद्योग धंधे लगेंगे. बता दें कि इससे पहले भी झारखंड में सीएनटी और एसपीटी एक्ट में संशोधन और बदलाव को लेकर पहले भी कई झारखंडी दलों द्वारा मुखर विरोध होता रहा है.

ये भी पढे़ं- बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा का बयान, 15 अगस्त के बाद एक्शन में आएगी पार्टी

मुख्यमंत्री ने किए थे कुछ बदलाव
गौरतलब हो कि इन नियमों की वजह से छोटानागपुर और संथाल परगना में जमीन की खरीद बिक्री नहीं हो पा रही है. हलांकि रघुवर सरकार द्वारा इसमें कुछ संशोधन की पहल भी की गई थी, लेकिन प्रमुख विपक्षी दल और झारखंड नामधारी दलों द्वारा मुखर विरोध के बाद उस बिल को वापस ले लिया गया था.

गोड्डाः भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को एक सवाल के जवाब में जम्मू कश्मीर मामले को लेकर पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में धारा 370 खत्म होने के बाद झारखंड में लागू सीएनटी और एसपीटी एक्ट में भी बदलाव संभव है.

सांसद निशिकांत दुबे का बड़ा बयान

गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि देश में धारा 370 समाप्त हो गया है. ऐसे में छोटानागपुर कास्तकारी अधिनियम (सीएनटी) और संथाल परगना कास्तकारी अधिनियम (एसपीटी) में बदलाव की सभवनाए बढ़ गई है. उन्होंने इन दोनों एक्ट के मामले में रसेल के सुझावों का उल्लेख करते हुए कहा कि 1934 में नियम बनाते वक्त ये सुझाव दिया था कि गैर आदिवासी की जमीन के खरीद बिक्री की छूट दी जा सकती है.

पहले भी मामले पर हो चुका है विरोध
वहीं, उन्होंने आदिवासी जमीन के मसले पर कहा कि वो उनकी जमीन की सुरक्षा के लिए खुद आंदोलन करते रहे हैं. किसी भी कीमत पर आदिवासी जमीन की खरीद बिक्री के पक्षधर नहीं हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि इससे संथाल परगाना में विकास की गति को तेजी मिलेगी और उद्योग धंधे लगेंगे. बता दें कि इससे पहले भी झारखंड में सीएनटी और एसपीटी एक्ट में संशोधन और बदलाव को लेकर पहले भी कई झारखंडी दलों द्वारा मुखर विरोध होता रहा है.

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मुख्यमंत्री ने किए थे कुछ बदलाव
गौरतलब हो कि इन नियमों की वजह से छोटानागपुर और संथाल परगना में जमीन की खरीद बिक्री नहीं हो पा रही है. हलांकि रघुवर सरकार द्वारा इसमें कुछ संशोधन की पहल भी की गई थी, लेकिन प्रमुख विपक्षी दल और झारखंड नामधारी दलों द्वारा मुखर विरोध के बाद उस बिल को वापस ले लिया गया था.

Intro:भाजपा सांसद निशीकांत दुबे ने कहा कि धारा 370 का खत्म होने के बाद spt व cnt में भी बदलाव संभव है।विदित हो झारखंड cnt व spt एक्ट में संशोधन अथवा बदलाव को लेकर पहले कई झारखंडी दलों द्वारा मुखर बिरोध होता रहा है।


Body:जम्मू कश्मीर में धारा 370 खत्म होने के बाद झारखंड में लागू CNT व SPT एक्ट में भी बदलाव संभव है।ये बाते गोड्डा के भाजपा सांसद निशीकांत दुबे ने एक सवाल के जवाब में कहा।
उन्होंने कहा कि देश मे धारा 370 समाप्त हो गया है।ऐसे में संभव है छोटानागपुर कास्तकारी अधिनियम(cnt) व संथाल परगना कास्तकारी अधिनियम(spt) में बदलाव की सभवनाये बढ़ गयी है।उन्हों इन दोनों एक्ट के मामले में रसेल के सुझावों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने 1934 में नियम बनाते वक्त ये सुझाव दिया था कि गैर आदिवासी की जमीन के खरीद बिक्री की छूट दी जा सकती है।वही उन्होंने आदिवासी जमीन के मसले पर कहा की वे उनकी जमीन की सुरक्षा के खुद आंदोलन करते रहे।वे किसी भी कीमत पर आदिवासी जमीन की खरीद बिक्री के पक्षधर नही है।साथ ही उन्होंने कहा कि इससे संथाल परगाना में विकास के8 गति को तेजी मिलेगी और उद्योग धंधे लगेंगे ।
bt-निशीकांत दुबे-mp, गोड्डा


Conclusion:गौरतलब हो कि इन नियमो की वजह से छोटानागपुर व संथाल परगना में जमीन की खरीद बिक्री नही हो पा रही है।हलाकि रघुबर सरकार द्वारा इसमें कुछ संसोधन की पहल भी की गई थी लेकिन प्रमुख विपक्षी दल व झारखंडी नामधारी दलों द्वारा मुखर बिरोध के बाद उस बिल को वापस ले लिया गया था।
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