गोड्डाः पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव को एमपी-एमएलए कोर्ट ने बहुचर्चित दो मामलों में सोमवार को बाईज्जत बरी कर दिया है. जिसमें पहला केस अडानी पावर प्लांट से जुड़ा था और दूसरा 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन का मामला था. दोनों ही मामलों में अदालत ने पोड़ैयाहाट विधायक को बरी कर दिया है.
क्या है पूरा मामलाः विधायक पर आरोप था कि अडानी के सर्वे के दौरान उन्होंने कार्य में बाधा उत्पन्न किया था. साथ ही सर्वे टीम की गाड़ी में तोड़फोड़ की थी. इस मामले में उन्हें पांच महीने जेल में भी रहना पड़ा था. जिसमें सोमवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उन्हें साक्ष्य के आभव में बाईज्जत बरी कर दिया है. वहीं दूसरा केस लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा प्रत्याशी सांसद निशिकांत दुबे को अडानी और कॉरपोरेट का दलाल कहने का आरोप था. जिसमें आचार संहिता उल्लंघन का मामला देवघर भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा दर्ज कराया गया था. दोनों ही मामले में साक्ष्य के आभव में माननीय न्यायालय ने विधायक प्रदीप यादव को बाईज्जत बरी कर दिया है.
अडानी पावर प्लांट का विरोध करने पर विधायक की हुई थी गिरफ्तारीः गौरतलब हो कि अडानी पावर प्लांट का विरोध करने के मामले में प्रदीप यादव की गिरफ्तारी भी हुई थी. यह राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बना था. इस पूरे मामले में स्थानीय रैयतों की मांग को लेकर प्रदीप यादव लगातार सुर्खियों में थे. मामले में उन्हें जेल भी हुआ था.
गोड्डा के मोतिया में लगा है अडानी पावर प्लांटः गौरतलब हो कि अडानी पावर प्लांट के 1600 मेगावाट का प्रोजेक्ट मोतिया में आरंभ हो चुका है और 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है. जिसे बंगलादेश को आपूर्ति की जा रही है.
विधायक प्रदीप यादव ने कहा-न्याय की हुई जीतःअदालत के फैसले के बाद पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि उन्हें न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा था और अंततः न्याय की जीत हुई है. वहीं वादी पक्ष के वकील पारस सिन्हा ने बताया कि दोनों ही मामलों में साक्ष्य के अभाव में पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव को बरी कर दिया है.