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गोड्डा में तालाब सौंदर्यीकरण के नाम गड़बड़झाला, संवेदक ले रहे दोहरा लाभ, अधिकारी बेखबर

गोड्डा नगर परिषद में तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है. संवेदक तालाब में मिट्टी खुदाई के नाम पर दोहरा लाभ कमा रहा है. तालाब की मिट्टी को लाखों रुपए में बेचा जा रहा है. कमाल की बात तो यह है कि अधिकारी मामले से बेखबर हैं.

irregularities in pond beautification
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Published : Jul 1, 2023, 11:26 AM IST

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गोड्डा: जिले में तालाब सौंदर्यीकरण में गड़बड़ घोटाला का मामला सामने आया है. तालाब की खुदाई के बाद जिस मिट्टी को तालाब की पीड़ को चौड़ा करना है और सौंदर्यीकरण के तहत पार्क का निर्माण करना है. उस मिट्टी को बेच दिया जा रहा है. लोग अच्छी कीमत देकर मिट्टी खरीद रहे हैं. जिस मिट्टी को बेचना नहीं है, उससे लाखों रुपए की कमाई की जा रही है. मामले में पदाधिकारियों ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है.

यह भी पढ़ें: Godda News: गोड्डा के मेहरमा प्रखंड में नाला निर्माण में गड़बड़ी का ग्रामीणों ने किया विरोध, जेई ने दोबारा बनाने का दिया आश्वासन

दरअसल, नगर परिषद अंतर्गत शहर के प्राचीनतम कचहरी तालाब की खुदाई और सौंदर्यीकरण का काम हो रहा रहा है. जिसका बजट एक करोड़ 32 लाख रुपए है. जिसमें 15 लाख रुपए तीन साल के रखरखाव के लिए है. वहीं 19 लाख रुपया मिट्टी खुदाई के मद में है. इस कार्य के लिए संवेदक विजय यादव हैं. इस काम की शुरुआत हो गयी है और मिट्टी खुदाई लगभग पूरी हो चुकी है.

12-15 लाख रुपए की मिट्टी बेच दी गई: जानकारी के मुताबिक, तालाब खुदाई से जो मिट्टी निकलनी है, उसे तालाब के पीड़ पर ही देनी है. क्योंकि इससे पीड़ चौड़ा होगा और फिर सौंदर्यीकरण के तहत इसे एक पार्क का स्वरूप दिया जाएगा. जहां लोग घूमने आएंगे और बैठ पाएंगे. लेकिन बड़ी बात ये है कि तालाब से निकले हजारों ट्रैक्टर मिट्टी को बेच दिया गया. मिट्टी का दर 250 से 350 रुपए प्रति ट्रेलर या इससे ज्यादा भी है. हालांकि इस पूरे मामले पर सीधे लोग मुंह नहीं खोल रहें, लेकिन लोग अपनी जरूरतों के हिसाब से खुलेआम मिट्टी की खरीददारी कर रहे हैं. लगभग 12-15 लाख रुपए के आसपास की मिट्टी की कीमत बताई जा रही है. इस बाबत एक महिला जनता देवी ने बताया कि उन्होंने 6 ट्रैक्टर मिट्टी लिया है. जिसकी कीमत उनसे 1500 रुपए दिए हैं. ऐसे ही कई उदाहरण हैं, जिसमें 50 से 100 ट्रैक्टर मिट्टी लिए गए और बदले में उनसे कीमत वसूले गए.

कौन करेगा मामले की जांच: अब इस पूरे मसले पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जेसी विनीता केरकेट्टा ने बताया कि अगर ऐसा है तो गलत है. उन्होंने सिटी मैनेजर मो मुर्तजा को मामले को देखने के लिए कहा है. वहीं इस बारे में नगर पंचायत के कनीय अभियंता राजू मरांटी ने बताया कि उस काम को कोई दूसरा इंजीनियर देख रहा है, जो नगर पंचायत में फिलहाल प्रतिनियुक्ति पर आया है. वहीं मिट्टी अगर बेचे जाने का मामला बनता है तो ये खनन विभाग का मामला हो सकता है. इस पूरे मामले पर जिला खनन पदाधिकारी मेघलाल टुडू ने बताया कि अगर ऐसा है तो गलत है. अगर उन्हें सही सूचना मिलती है और पुष्ट आधार मिलता है तो कार्रवाई होगी.

वहीं पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष जितेंद्र उर्फ गुड्डू मंडल ने बताया कि अगर मिट्टी बेचा जा रहा है तो ये गलत है. ये नियमसंगत नहीं है. मिट्टी को हर हाल में पीड़ पर ही देना है, क्योंकि फिर इसी पीड़ का सौंदर्यीकरण किया जाना है. गौरतलब हो कि नगर पंचायत में कनीय अभियंता रहने के बावजूद विशेष प्रमंडल के कनीय अभियंता आरके अकेला की प्रतिनियुक्ति हुई है. इस मामले में वे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. लोग इस मामले में जांच की मांग कर रहे हैं.

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गोड्डा: जिले में तालाब सौंदर्यीकरण में गड़बड़ घोटाला का मामला सामने आया है. तालाब की खुदाई के बाद जिस मिट्टी को तालाब की पीड़ को चौड़ा करना है और सौंदर्यीकरण के तहत पार्क का निर्माण करना है. उस मिट्टी को बेच दिया जा रहा है. लोग अच्छी कीमत देकर मिट्टी खरीद रहे हैं. जिस मिट्टी को बेचना नहीं है, उससे लाखों रुपए की कमाई की जा रही है. मामले में पदाधिकारियों ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है.

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दरअसल, नगर परिषद अंतर्गत शहर के प्राचीनतम कचहरी तालाब की खुदाई और सौंदर्यीकरण का काम हो रहा रहा है. जिसका बजट एक करोड़ 32 लाख रुपए है. जिसमें 15 लाख रुपए तीन साल के रखरखाव के लिए है. वहीं 19 लाख रुपया मिट्टी खुदाई के मद में है. इस कार्य के लिए संवेदक विजय यादव हैं. इस काम की शुरुआत हो गयी है और मिट्टी खुदाई लगभग पूरी हो चुकी है.

12-15 लाख रुपए की मिट्टी बेच दी गई: जानकारी के मुताबिक, तालाब खुदाई से जो मिट्टी निकलनी है, उसे तालाब के पीड़ पर ही देनी है. क्योंकि इससे पीड़ चौड़ा होगा और फिर सौंदर्यीकरण के तहत इसे एक पार्क का स्वरूप दिया जाएगा. जहां लोग घूमने आएंगे और बैठ पाएंगे. लेकिन बड़ी बात ये है कि तालाब से निकले हजारों ट्रैक्टर मिट्टी को बेच दिया गया. मिट्टी का दर 250 से 350 रुपए प्रति ट्रेलर या इससे ज्यादा भी है. हालांकि इस पूरे मामले पर सीधे लोग मुंह नहीं खोल रहें, लेकिन लोग अपनी जरूरतों के हिसाब से खुलेआम मिट्टी की खरीददारी कर रहे हैं. लगभग 12-15 लाख रुपए के आसपास की मिट्टी की कीमत बताई जा रही है. इस बाबत एक महिला जनता देवी ने बताया कि उन्होंने 6 ट्रैक्टर मिट्टी लिया है. जिसकी कीमत उनसे 1500 रुपए दिए हैं. ऐसे ही कई उदाहरण हैं, जिसमें 50 से 100 ट्रैक्टर मिट्टी लिए गए और बदले में उनसे कीमत वसूले गए.

कौन करेगा मामले की जांच: अब इस पूरे मसले पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जेसी विनीता केरकेट्टा ने बताया कि अगर ऐसा है तो गलत है. उन्होंने सिटी मैनेजर मो मुर्तजा को मामले को देखने के लिए कहा है. वहीं इस बारे में नगर पंचायत के कनीय अभियंता राजू मरांटी ने बताया कि उस काम को कोई दूसरा इंजीनियर देख रहा है, जो नगर पंचायत में फिलहाल प्रतिनियुक्ति पर आया है. वहीं मिट्टी अगर बेचे जाने का मामला बनता है तो ये खनन विभाग का मामला हो सकता है. इस पूरे मामले पर जिला खनन पदाधिकारी मेघलाल टुडू ने बताया कि अगर ऐसा है तो गलत है. अगर उन्हें सही सूचना मिलती है और पुष्ट आधार मिलता है तो कार्रवाई होगी.

वहीं पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष जितेंद्र उर्फ गुड्डू मंडल ने बताया कि अगर मिट्टी बेचा जा रहा है तो ये गलत है. ये नियमसंगत नहीं है. मिट्टी को हर हाल में पीड़ पर ही देना है, क्योंकि फिर इसी पीड़ का सौंदर्यीकरण किया जाना है. गौरतलब हो कि नगर पंचायत में कनीय अभियंता रहने के बावजूद विशेष प्रमंडल के कनीय अभियंता आरके अकेला की प्रतिनियुक्ति हुई है. इस मामले में वे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. लोग इस मामले में जांच की मांग कर रहे हैं.

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