गोड्डा: खुले में 'शौचमुक्त भारत मिशन' को जिले के पथरगामा प्रखंड में खुले में शौच मुक्त होने का बोर्ड तो लगा है, लेकिन कई लोगों के शौचालय तो बने ही नहीं और जिनके बने है वो मजबूर होकर जाते ही नहीं है.
गोड्डा जिले के पथरगामा प्रखंड का आमडीहा गांव सरकारी रिकॉर्ड में खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुका है. इस गांव के मुख्य द्वार पर सड़क के किनारे एक बोर्ड भी लगा दिया गया है, लेकिन धरातल की हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है. अमडीहा गांव प्रखंड मुख्यालय से 5 किमी की दूरी पर है, जिसे खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है.
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12 हजार के शौचालय में 2 से 4 हजार तक कमीशन
बोर्ड देखने से तो ऐसा ही लगता है, लेकिन गांव के कुछ लोगों से पूछने पर उन्होंने कहा कि उसे शौचालय मिली ही नहीं है. जब कारण पूछा गया तो जवाब मिला कि ठेकेदार तो आये थे, लेकिन कहा कि 12 हजार की जगह 10 हजार मिलेंगे. ऐसे में कई ग्रामीण तैयार तो हो गए और 12 हजार के शौचालय में 2 से 4 हजार तक कमीशन देकर जैसे तैसे बनवा लिए, लेकिन जिन्होंने कमीशन नहीं दिया उनको आज तक शौचालय नहीं मिला.
इतना ही नहीं आधा दर्जन शौचालय के हालात बता रहे हैं कि उसमें कोई शौच के लिए गया ही नहीं है और लोग आराम से खुले में शौच के लिए जाते है. उनका कहना हैं कि शौचालय इतना कमजोर है कि जाने में डर लगता है.