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ऑक्सीजन की कमी से नवजात की मौत, सदर अस्पाल में सप्लाई हुई थी बाधित

गोड्डा सदर अस्पताल में शनिवार को नवजात को ऑक्सीजन नहीं मिली. इसके बाद नवजात की स्थिति बिगड़ी, तो परिजनों ने आवेदन देकर उसे नीजि अस्पताल में ले जा रहे थे. इसी दौरान बच्चे की मौत हो गई. हालांकि, उपाधीक्षक ने कहा कि मामले की जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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बिजली के अभाव में सदर अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई हुई बाधित
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Published : Jul 24, 2021, 9:38 PM IST

गोड्डाः सदर अस्पताल में शनिवार को बिजली आपूर्ति चार घंटे तक ठप रही. इससे अस्पताल में ऑक्सिजन की सप्लाई नहीं हो सकी. ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने से भर्ती नवजात की स्थिति बिगड़ने लगी, तो अस्पताल के डॉक्टरों ने परिजन से लिखवाया की खुद बच्चे को ले जा रहे हैं. स्थिति यह हुई कि इलाज में विलंब होने की वजह से नवजात की जान चली गई.

यह भी पढ़ेंःनहाने के दौरान नदी में डूबने से दो बच्चों की मौत, एनडीआरफ ने निकाला शव

सदर अस्पताल में भर्ती नवजात को ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जा सकी और ना ही समय से रेफर किया गया. मजबूरन परिजन अपने रिस्क पर नवजात को निजी अस्पताल ले गए, जहां बच्चे की मौत हो गई.

सात दिनों का था नवजात
सात दिन के नवजात को सांस की तकलीफ थी. अहले सुबह तीन बजे ऑक्सीजन की आवश्यकता थी, लेकिन अस्पताल में उपस्थित स्टाफ ने बिजली नहीं होने का बहाना कर ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं कराया, जबकि अस्पताल में जेनरेटर की व्यवस्था है.

बच्चे को नहीं मिली ऑक्सीजन

परिजनों ने बताया कि चार घंटे तक बच्चे को ऑक्सीजन नहीं मिली. उन्होंने कहा कि नवजात बच्चों के लिए अस्पताल में विशेष चाइल्ड वार्ड भी बनाया गया है लेकिन वह सिर्फ दिखावे के लिए है. उन्होंने कहा कि बच्चे की स्थिति बिगड़ते देख डॉक्टर ने कहा रेफर नहीं करेंगे. आवेदन देकर बच्चे को देवघर ले जा रहे थे, तभी रास्ते में बच्चे की मौत हो गई.

कराई जाएगी मामले की जांच

अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राजीव रंजन ने कहा कि अस्पताल में बिजली आपूर्ति ठप रहने के बावजूद बिजली की व्यवस्था की जाती है. इसको लेकर जेनेरेटर की व्यवस्था की गई है. अस्पताल में निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जएगी.

गोड्डाः सदर अस्पताल में शनिवार को बिजली आपूर्ति चार घंटे तक ठप रही. इससे अस्पताल में ऑक्सिजन की सप्लाई नहीं हो सकी. ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने से भर्ती नवजात की स्थिति बिगड़ने लगी, तो अस्पताल के डॉक्टरों ने परिजन से लिखवाया की खुद बच्चे को ले जा रहे हैं. स्थिति यह हुई कि इलाज में विलंब होने की वजह से नवजात की जान चली गई.

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सदर अस्पताल में भर्ती नवजात को ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जा सकी और ना ही समय से रेफर किया गया. मजबूरन परिजन अपने रिस्क पर नवजात को निजी अस्पताल ले गए, जहां बच्चे की मौत हो गई.

सात दिनों का था नवजात
सात दिन के नवजात को सांस की तकलीफ थी. अहले सुबह तीन बजे ऑक्सीजन की आवश्यकता थी, लेकिन अस्पताल में उपस्थित स्टाफ ने बिजली नहीं होने का बहाना कर ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं कराया, जबकि अस्पताल में जेनरेटर की व्यवस्था है.

बच्चे को नहीं मिली ऑक्सीजन

परिजनों ने बताया कि चार घंटे तक बच्चे को ऑक्सीजन नहीं मिली. उन्होंने कहा कि नवजात बच्चों के लिए अस्पताल में विशेष चाइल्ड वार्ड भी बनाया गया है लेकिन वह सिर्फ दिखावे के लिए है. उन्होंने कहा कि बच्चे की स्थिति बिगड़ते देख डॉक्टर ने कहा रेफर नहीं करेंगे. आवेदन देकर बच्चे को देवघर ले जा रहे थे, तभी रास्ते में बच्चे की मौत हो गई.

कराई जाएगी मामले की जांच

अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राजीव रंजन ने कहा कि अस्पताल में बिजली आपूर्ति ठप रहने के बावजूद बिजली की व्यवस्था की जाती है. इसको लेकर जेनेरेटर की व्यवस्था की गई है. अस्पताल में निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जएगी.

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