7 महीने पहले मुख्यमंत्री ने किया था ब्लड बैंक का उद्धाटन, अबतक नहीं हुई इसकी शुरुआत - ईटीवी झारखंड न्यूज
लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए ब्लड बैंक की शुरुआत की गई थी, मुख्यमंत्री ने इसका उद्धाटन किया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण ये अबतक चालू होने का बाट जोह रहा है.
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गोड्डा: जिले के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिले इसके लिए ब्लड बैंक की शुरुआत की गई थी. प्रदेश के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसका उद्घाटना किया था, लेकिन यह ब्लड बैंक अभी तक शुरू नहीं हो पाया है.
गोड्डा में तीन साल पहले ही यह भवन बनकर तैयार हो गया था, तबसे लोगों को इसकी शुरूआत होने की उम्मीद भी जगी थी, लंबे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री ने इस भवन का उद्घाटन 22 दिसंबर 2018 को किया. लोगों में इसे लेकर काफी उत्साह भी था, लेकिन आजतक ब्लड बैंक की शुरुआत नहीं हो पाई है, जिससे लोगों में नाराजगी है.
ब्लड बैंक को स्वास्थ्य विभाग की स्वीकृति भी मिल गयी है, लेकिन इतना सब कुछ होने के बावजुद यहां एमडी फिजियो चिकित्सक की पदस्थापना नहीं होने के कारण ब्लड बैंक में ताला लटका हुआ है, जबकि यहां पर सारी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. जिले में रक्त दान शिविर लगाकर रक्त संचय किये जाते हैं, लेकिन ये रक्त संचय के लिए देवघर भेजा जाता है.
Body:गोड्डा-जिले में लोगो को बेहतर स्वास्थ सेवा के मद्देनजर ब्लड बैंक की शुरुआत झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास द्वारा गत वर्ष किया गया।बावजूद अब तक ब्लड बैंक चालू नही हो पाया है।
गौरतलब हो कि तीन साल पूर्व ही ब्लड बैंक का भवन बन कर तैयार हो गया।तब शायद लोगो को लगा कि ये अब-तब कभी भी इसकी शुरूआत हो जाएगी और इंतज़ार लंबा होते होते तीन साल बीत गया आखिर कर पिछले साल झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने अपने गोड्डा दौरे के क्रम में ब्लड भवन का उद्घाटन किया।तो लगा कि जब राज्य के मुखिया ने जब उद्घाटन कर दिया तो अब गोड्डा के लोगो की वर्षो पुरानी मांग पूरी हो जाएगी।हलाकि फिर मामला लटक गया।और आखिर ब्लड बैंक को स्वस्थ बिभाग की स्वीकृति मिल गयी।लेकिन इतना सब कुछ होने के बावजुद यहाँ एम डी फिजियो चिकित्सक की पदस्थापना नही होने के कारण ब्लड बैंक में टाला लटका हुआ है।जबकि रक्त कोष के सारे जरूरी तकनीकी सामग्री उपलब्ध है।जिले में रक्त दान शिविर लगाकर रक्त संचय किये जाते है,लेकिन ये रक्त देवघर को संचय के लिए भेज जाता है।सवाल की आखिर कब गोड्डा के लोगो को खून की आपूर्ति के लिए देवघर व भागलपुर भटकना पड़ेगा।
bt-विश्वनाथ बक्शी-लैब तकनीशियन,देवघर
bt-मिलन नाग/लैब तकनीशियन,गोड्डा
Conclusion:न3