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विधानसभा चुनाव 2019: गोड्डा सीट से बीजेपी विधायक अमित मंडल का रिपोर्ट कार्ड

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Published : Sep 13, 2019, 5:46 PM IST

गोड्डा विधानसभा से बीजेपी विधायक अमित मंडल के काम काजों को जनता ने सराहा है. जनता ने कहा कि युवा विधायक में अनुभव की कमी है फिर क्षेत्र में उन्होंने काम किया है. वहीं विधायक के काम-काज से विपक्ष के नेता खुश नहीं हैं.

गोड्डा विधानसभा

गोड्डा: घने जंगलों और धान के खेतों वाले इस जिले में कोयले का एक विशाल भंडार है. इसी गोड्डा जिले में अडानी समूह की एक कंपनी अडानी पॉवर प्लांट भी है. जिले में विधानसभा की तीन सीटें हैं. महगामा, गोड्डा और पोड़ैयाहाट. गोड्डा विधानसभा अनारक्षित सीट है.

देखें स्पेशल स्टोरी

पिता के मौत के बाद बने थे विधायक
झारखंड के वर्तमान विधासभा का सबसे युवा चेहरा गोड्डा के विधायक अमित मंडल का राजनीति में आना एक इत्तेफाक है. साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में रघुनंदन मंडल ने बीजेपी के टिकट पर गोड्डा से चुनाव जीता, लेकिन बमुश्किल डेड साल का वक्त गुजर था कि उनका निधन हो गया. इसके बाद उनके बड़े बेटे अमित मंडल को पिता की विरासत को संभालने के लिए बीजेपी ने उपचुनाव में उतारा, जिसमें अमित मंडल ने राजद के पूर्व विधायक संजय यादव को पराजित किया.

विधायक अमित मंडल से खास बातचीत

तीन साल में किया 5 साल का काम
विधायक अमित मंडल का कहना है कि उन्हें काम करने के लिए 3 साल का वक्त मिला. इस तीन साल में उन्होंने 5 साल का काम किया, लेकिन विपक्ष के नेता इस बात से सहमति नहीं रखते उनका कहना है कि गोड्डा में सभी संसाधन होते हुए गोड्डा की जनता त्राहिमाम कर रही है. वहीं गोड्डा की जनता का मानना है कि विधायक अमित मंडल ने काम तो किया है, लेकिन जितना होना चाहिए उतना नहीं हुआ. जनता जनार्दन मानती है कि युवा चेहरा होने के नाते उन्हें अभी बहुत कुछ सीखने की जरूरत है.

गोड्डा: घने जंगलों और धान के खेतों वाले इस जिले में कोयले का एक विशाल भंडार है. इसी गोड्डा जिले में अडानी समूह की एक कंपनी अडानी पॉवर प्लांट भी है. जिले में विधानसभा की तीन सीटें हैं. महगामा, गोड्डा और पोड़ैयाहाट. गोड्डा विधानसभा अनारक्षित सीट है.

देखें स्पेशल स्टोरी

पिता के मौत के बाद बने थे विधायक
झारखंड के वर्तमान विधासभा का सबसे युवा चेहरा गोड्डा के विधायक अमित मंडल का राजनीति में आना एक इत्तेफाक है. साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में रघुनंदन मंडल ने बीजेपी के टिकट पर गोड्डा से चुनाव जीता, लेकिन बमुश्किल डेड साल का वक्त गुजर था कि उनका निधन हो गया. इसके बाद उनके बड़े बेटे अमित मंडल को पिता की विरासत को संभालने के लिए बीजेपी ने उपचुनाव में उतारा, जिसमें अमित मंडल ने राजद के पूर्व विधायक संजय यादव को पराजित किया.

विधायक अमित मंडल से खास बातचीत

तीन साल में किया 5 साल का काम
विधायक अमित मंडल का कहना है कि उन्हें काम करने के लिए 3 साल का वक्त मिला. इस तीन साल में उन्होंने 5 साल का काम किया, लेकिन विपक्ष के नेता इस बात से सहमति नहीं रखते उनका कहना है कि गोड्डा में सभी संसाधन होते हुए गोड्डा की जनता त्राहिमाम कर रही है. वहीं गोड्डा की जनता का मानना है कि विधायक अमित मंडल ने काम तो किया है, लेकिन जितना होना चाहिए उतना नहीं हुआ. जनता जनार्दन मानती है कि युवा चेहरा होने के नाते उन्हें अभी बहुत कुछ सीखने की जरूरत है.

Intro:इंग्लैंड में अच्छी खासी नॉकरी छोड़ विधायक पिता के आकस्मिक निधन के बाद राजनीति में आये युवा विधायक अमित मंडल की खंगालते है रिपोट कार्ड क्या कहते है विधायक अपने काम के बारे में और जनता क्या उनके दावों से मुत्तालिक रखते है


Body:झारखण्ड के वर्तमान विधासभा का सबसे युवा चेहरा गोड्डा के विधायक अमित मंडल का राजनीति में आना एक इत्तेफाक है।वर्ष 2014 में हुए विधान सभा चुनाव में रघुनंदन मंडल ने भाजपा के टिकट गोड्डा से चुनाव जीता।लेकिन बमुश्किल डेड साल का वक़्त गुजर था कि उनका असामयिक निधन हो गया।और फिर उनके बड़े बेटे जो इंग्लैंड में पढ़ाई के बाद नॉकरी कर रहे अमित मंडल पिता की विरासत को सम्हालने हेतु भाजपा ने उपचुनाव में उतारा।जिसमे अमित मंडल ने राजद के पूर्व विधायक संजय यादव को पराजित किया। झारखंड निर्माण के बाद गोड्डा विधान सभा की सीट पर सिर्फ एक बार 2009 मे हुए चुनाव में राजद संजय यादव को गोड्डा विधान सभा से जीत मिली थी।इससे पूर्व झारखंड निर्माण से 2000 के चुनाव में भी वे राजद से ही विधायक थे। अमित अपने घर के लगातार तीसरी पीढ़ी में विधायक है।अमित मंडल के पिता रघुनंदन मंडल भाजपा से विधायज रहे और इनके दादा सुमरित मंडल जेएमएम से विधायक रह चुके।चुकी इनके परिवार की पुरानी पृष्ठभूमि जेएमएम की रही है इस कारण आदिवासियों के बीच भी पैठ गोड्डा विधान सभा के अंतर्गत गोड्डा,पथरगामा,बसंतराय तीन प्रखंड आते है।जिनमे बसंतराय मुस्लिम इलाका है,तो पथरगामा में ब्राह्मण की बहकलता है वही गोड्डा शहरी इलाका जहा भाजपा अपना स्वाभाविक जनाधार है वही गोड्डा में ब्राह्मण के साथ साथ ,यादव व ब्यवसाइयो की अच्छी खासी आवादी है। अमित मंडल की छवि एक युवा व साफ सुथरी शोक्षित छवि के विधायक की है।चुकी तीन पीढ़ी से उनके घर के लोग क्षेत्र के प्रतिनिधित्व कर रहे है। जहा तक आम जनता की राय तो वो मिला जुला है। कुछ लोग लहते है इन्हें सिर्फ 3.5 साल ही मिला है तो कुछ लोग काम अनुभव वाला जनप्रतिनिधि मानते है।तो एक तबका ऐसा भी जो उनके कार्यो से काफी संतुष्ट है, गोड्डा कृषि बाहुल इलाका है।पिछले कई सालों खराब बारिश के कारण धान की फसल नही हुई है।जिससे किसानों में नाराजगी है।हलाकि हाल में के चेक डैम व सिचाई की बड़ी योजनाए धरातल पर उतरी है लेकि बारिश के अभाव में नदी तालाब सब सूखे है।वही अमित मंडल के बड़े वादों में युवा से जुड़े रोजगार जैसे मसले है।वे युवाओं के मुद्दे को लेकर आवाज़ उठाते भी रहे है।एक दावा की अडाणी कंपनी के आने से रोजगार मिलेंगे।लेकिन उसमें फिलहाल वक़्त लगेगा।


Conclusion:अब एक बार फिर परीक्षा की घफी सामने है है जहाँ आम लोगो के पसंद व नापसंद का चुनाव होना है।वर्तमान अगर फिर से चुनावी अखाड़े में होते है तो देखना होगा कि वे जनता का दिल कितना जीत पाए है।या फिर कोई नया चेहरा तुरुप का इक्का अलग परिणाम से चौकिएगा।ये जनता ही जानती है।कुआँक8 यह तो सिर्फ उनकी ही मर्जी चलनी है। विधायक अमित मंडल जनता का no अवधेश सिंह कुशवाहा-जदयू नेता
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