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महिला दिवस विशेष: बिमला देवी ने बदली गांव की तस्वीर, महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर - गोड्डा की बिमला देवी गौ पालन कर के अन्य महिलाओं को भी कर रही प्रेरित

गोड्डा के चिलरा रामपुर की बिमला देवी ने गांव की सूरत बदल दी है. उन्होंने पहले एक गाय के साथ दुग्ध उत्पादन शुरू किया था, आज उनके पास 12 गाय हैं जिससे 30 से 40 लीटर रोजाना दूध होता है. बिमला देवी को देखकर गांव की अन्य महिलाओं ने भी दुग्ध उत्पादन के व्यवसायी से अपना और अपने परिवार का भरन पोषण कर रही हैं.

महिला दिवस विशेष: बिमला देवी ने गौ पालन कर के बदली गांव की तस्वीर
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Published : Mar 6, 2020, 4:05 PM IST

Updated : Mar 6, 2020, 4:30 PM IST

गोड्डाः जिले के चिलरा रामपुर गांव की बिमला देवी अपनी लगन और मेहनत से अपने परिवार की साथ ही साथ गांव के कई परिवारों की सूरत बदल दी हैं. बिमला देवी 2006 में सरस्वती स्वयं सहायता समूह से जुड़ी थीं. जिसमे प्रत्येक महीने 20 रुपये जमा करना होता था. बिमला देवी इस समूह की कोषाध्यक्ष बनी और लगभग 10 साल इससे जुड़ी रही और इसके तहत आधुनिक खेती समेत कई व्यवसाय का प्रशिक्षण लेकर आर्थिक स्थिति को मजबूती देने का प्रयास किया.

देखें पूरी खबर

और पढ़ें- महिला दिवस विशेष : गरीबों की जमीन के लिए लड़ने वाली जगन्नाथन

खुद के साथ-साथ गांव को विकास भी किया

2016 में योगिनी विकास मंच से जुड़ने के बाद बिमला ने तीस हजार लोन लेकर एक गाय खरीदा. दो साल में उन्होंने बैंक को सूद समेत 34 हजार लौटा दिया. आज बिमला के पास कुल 12 बड़े छोटे आधुनिक नस्ल की गाय हैन जिससे प्रत्येक दिन 30 से 40 किलो दूध होता है.बिमला पशुओं का हाइब्रिड चारा भी खुद खेतों में उगाती हैं. इसके लिए उन्होंने केवीके से कई तरह की ट्रेनिंग भी ले रखी है. उनके जुनून और आत्मविश्वास को देखते हुए उनके गांव की कई महिला इस व्यवसाय में जुड़ी. आज चिलरा रामपुर में दर्जन भर से ज्यादा परिवार दुग्ध उत्पादन के व्यवसाय में जुड़कर अपने परिवार को संभाल रही हैं.

हालांकि जहां एक ओर दुग्ध उत्पादन से गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरी है. वहीं महिलाओं को उत्पाद को सही बाजार और कीमत नहीं मिलने की सबसे बड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है, जो उनके हौंसले को थोड़ा कम कर देता है.

गोड्डाः जिले के चिलरा रामपुर गांव की बिमला देवी अपनी लगन और मेहनत से अपने परिवार की साथ ही साथ गांव के कई परिवारों की सूरत बदल दी हैं. बिमला देवी 2006 में सरस्वती स्वयं सहायता समूह से जुड़ी थीं. जिसमे प्रत्येक महीने 20 रुपये जमा करना होता था. बिमला देवी इस समूह की कोषाध्यक्ष बनी और लगभग 10 साल इससे जुड़ी रही और इसके तहत आधुनिक खेती समेत कई व्यवसाय का प्रशिक्षण लेकर आर्थिक स्थिति को मजबूती देने का प्रयास किया.

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खुद के साथ-साथ गांव को विकास भी किया

2016 में योगिनी विकास मंच से जुड़ने के बाद बिमला ने तीस हजार लोन लेकर एक गाय खरीदा. दो साल में उन्होंने बैंक को सूद समेत 34 हजार लौटा दिया. आज बिमला के पास कुल 12 बड़े छोटे आधुनिक नस्ल की गाय हैन जिससे प्रत्येक दिन 30 से 40 किलो दूध होता है.बिमला पशुओं का हाइब्रिड चारा भी खुद खेतों में उगाती हैं. इसके लिए उन्होंने केवीके से कई तरह की ट्रेनिंग भी ले रखी है. उनके जुनून और आत्मविश्वास को देखते हुए उनके गांव की कई महिला इस व्यवसाय में जुड़ी. आज चिलरा रामपुर में दर्जन भर से ज्यादा परिवार दुग्ध उत्पादन के व्यवसाय में जुड़कर अपने परिवार को संभाल रही हैं.

हालांकि जहां एक ओर दुग्ध उत्पादन से गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरी है. वहीं महिलाओं को उत्पाद को सही बाजार और कीमत नहीं मिलने की सबसे बड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है, जो उनके हौंसले को थोड़ा कम कर देता है.

Last Updated : Mar 6, 2020, 4:30 PM IST

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