गोड्डाः रांची में झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन के उद्घाटन के मौके पर चीफ जिस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने प्रदेश के जिलों के सिविल कोर्ट में शौचालय को स्थिति पर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा था कि खास तौर पर महिला शौचालय की स्थिति के हालात बदतर है. इसी के मद्देनजर गोड्डा सिविल कोर्ट परिसर स्थित शौचालय का जायजा ईटीवी भारत की टीम ने लिया.
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ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट के तहत गोड्डा में जिला व्यवहार न्यायालय में शौचालय की बदहाली की जो तस्वीर सामने आई है वो काफी हैरान करने वाला है. शौचालय को देखकर ऐसा लगा कि इसकी स्थिति काफी खराब है. शौचालय में पानी तक की व्यवस्था नहीं है, यहां जो नल लगे हैं वो बस दिखाने का सामान बन गया है. इन नलों में पानी की एक बूंद तक नहीं है. फर्श और दीवारों के टाइल्स टूटे पड़े हैं, उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है. शौचालय में पसरा गंदगी का आलम ऐसा है कि यहां जाना ही अपने आप में चुनौती है.
हजारों को संख्या में लोग कोर्ट में ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं. जिसमें काफी संख्या में महिलाएं भी होती हैं. जिन्हें काफी मुश्किल हालातों से गुजरना पड़ता है. इस कोर्ट परिसर में लोग खुद को परेशानी में महसूस करते हैं. इस वजह से कोई कुछ भी बोलने से गुरेज करते हैं. इस बाबत गोड्डा बार एसोसिएशन के सदस्य गौरी शंकर ने चिंता जताते हुए कहा कि सचमुच शौचालय की स्थिति दयनीय है, जिससे सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के मुवक्किल काफी परेशान होते हैं.
न्यायालय परिसर में सुविधाओं के अभाव को लेकर वरीय अधिवक्ता सीताराम भगत ने भी स्वीकार किया शौचालय को स्थिति इस्तेमाल के योग्य नहीं होता है. जिससे लोगों को परेशानी होती है. जब अदालत परिसर के शौचालय को स्थिति ऐसी होगी तो अन्यत्र की कौन सुध लेगा ये सोचने वाली बात है.