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बगोदर में युवाओं ने बनाया अनोखा क्वॉरेंटाइन सेंटर, अवधि पूरी हो जाने पर मजदूरों की सम्मान के साथ होती है विदाई

प्रवासी मजदूरों की वापसी के बाद क्वॉरेंटाइन के लिए जिले भर में कई क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. मगर बगोदर के मुंडरो में स्थानीय युवाओं के द्वारा बनाया गया एक क्वॉरेंटाइन सेंटर बिल्कुल ही अलग है. इस सेंटर में क्वॉरेंटाइन प्रवासी मजदूरों को घरों से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं.

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Published : May 24, 2020, 10:16 PM IST

Youth built hightech quarantine center in Bagodar
बगोदर में युवाओं ने बनाया हाईटेक क्वॉरेंटाइन सेंटर

बगोदर, गिरिडीह: जिले में क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी करने के बाद घर जाने वाले मजदूरों का युवाओं के द्वारा सम्मान देकर उनके हौसले बढ़ाने का काम किया जाता है. कुछ मजदूरों ने जब क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी की तब उनकी विदाई भी अलग अंदाज में की गई. उन मजदूरों की पुष्प गुच्छ देकर और तालियां बजाकर विदाई दी गई. अलग-अलग राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों के लिए यहां अलग- अलग कमरे की व्यवस्था की गई है. क्वॉरेंटाइन सेंटर को दुधिया रोशनी से रातभर जगमग रखा जाता है. क्वॉरेंटाइन सेंटर में मजदूरों के लिए मनोरंजन के लिए म्यूजिक सिस्टम उपलब्ध कराए गए हैं.

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स्थानीय निवासी युवा नेता नीतीश पटेल, प्रदीप महतो, दामोदर महतो, सचिन पटेल, गणपति महतो आदि के सहयोग से अनोखा क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. फिलहाल इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में पश्चिम बंगाल, मुंबई, मध्य प्रदेश, उतर प्रदेश से आए मजदूर क्वॉरेंटाइन हैं. इस संबंध में युवा नेता नीतीश पटेल ने बताया कि अलग- अलग महानगरों से आए प्रवासी मजदूरों के लिए अलग- अलग कमरे की व्यवस्था की गई है. कमरों में आने- जाने के लिए रस्सी से घेराबंदी भी कर दी गई, ताकि दूसरे प्रदेश से आए मजदूर दूसरे प्रदेश के लिए बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में नहीं चले जाएं और कोई उन मजदूरों में फीजिकल संपर्क में न आए. इसके अलावा सेंटर में पेयजल, खाना, दुधिया रोशनी, सेनेटाइजर के साथ- साथ मनोरंजन के लिए म्यूजिक सिस्टम की भी व्यवस्था की गई है. युवाओं की टीम के द्वारा समय- समय पर क्वॉरेंटाइन सेंटर के कैंपस को सेनेटाइज भी किया जाता है.

बगोदर, गिरिडीह: जिले में क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी करने के बाद घर जाने वाले मजदूरों का युवाओं के द्वारा सम्मान देकर उनके हौसले बढ़ाने का काम किया जाता है. कुछ मजदूरों ने जब क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी की तब उनकी विदाई भी अलग अंदाज में की गई. उन मजदूरों की पुष्प गुच्छ देकर और तालियां बजाकर विदाई दी गई. अलग-अलग राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों के लिए यहां अलग- अलग कमरे की व्यवस्था की गई है. क्वॉरेंटाइन सेंटर को दुधिया रोशनी से रातभर जगमग रखा जाता है. क्वॉरेंटाइन सेंटर में मजदूरों के लिए मनोरंजन के लिए म्यूजिक सिस्टम उपलब्ध कराए गए हैं.

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स्थानीय निवासी युवा नेता नीतीश पटेल, प्रदीप महतो, दामोदर महतो, सचिन पटेल, गणपति महतो आदि के सहयोग से अनोखा क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. फिलहाल इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में पश्चिम बंगाल, मुंबई, मध्य प्रदेश, उतर प्रदेश से आए मजदूर क्वॉरेंटाइन हैं. इस संबंध में युवा नेता नीतीश पटेल ने बताया कि अलग- अलग महानगरों से आए प्रवासी मजदूरों के लिए अलग- अलग कमरे की व्यवस्था की गई है. कमरों में आने- जाने के लिए रस्सी से घेराबंदी भी कर दी गई, ताकि दूसरे प्रदेश से आए मजदूर दूसरे प्रदेश के लिए बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में नहीं चले जाएं और कोई उन मजदूरों में फीजिकल संपर्क में न आए. इसके अलावा सेंटर में पेयजल, खाना, दुधिया रोशनी, सेनेटाइजर के साथ- साथ मनोरंजन के लिए म्यूजिक सिस्टम की भी व्यवस्था की गई है. युवाओं की टीम के द्वारा समय- समय पर क्वॉरेंटाइन सेंटर के कैंपस को सेनेटाइज भी किया जाता है.

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