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मुआवजा मिलने के बाद ही ग्रामीण छोड़ेंगे अपनी जमीन, कंपनी के खिलाफ रैयतों ने खोला मोर्चा

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Published : Mar 1, 2020, 10:16 PM IST

गिरिडीह के डुमरी प्रखंड स्थित कुलगो शिव मंदिर प्रांगण में रविवार को ग्रामीणों ने बैठक की. भू-अर्जन कार्यालय और सिक्स लेन निर्माण करा रही कंपनी दिलीप बिल्डकॉन कंपनी के अधिकारी सुनील राय की मनमानी पर चर्चा की गई. इस बैठक में ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि जब तक रैयतों को मुआवजा राशि नहीं दी जाएगी तब तक वे मकान खाली नहीं करेंगे. साथ ही कंपनी और प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.

Villagers will leave home and land after getting compensation in kulgo giridih
आंदोलित ग्रामीण

गिरिडीह: जिला भू-अर्जन कार्यालय की मनमानी और सड़क चौड़ीकरण का काम कर रही दिलीप बिल्डकॉन कंपनी के अधिकारी सुनील राय के खिलाफ कुलगो गांव के रैयतों ने मोर्चा खोलने का मन बना लिया है. साथ ही कंपनी और प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ने की चेतवनी दी है.

देखें पूरी खबर

कंपनी और जिला प्रशासन की मनमानी के खिलाफ बैठक

इस मामले को लेकर रविवार को सिक्स लेन निर्माण के लिए अधिग्रहीत जमीन के भू-स्वामियों ने कुलगो शिव मंदिर के पास एक बैठक की. बैठक की अध्यक्षता कुलगो उत्तरी के मुखिया जयकांत महतो ने की. बैठक में उपस्थित रैयतों को कहना था कि बगैर मुआवजा दिये कंपनी के अधिकारी प्रशासन के सहयोग से रैयतो के मकान को तोड़ने पर आतुर है. कंपनी की ओर से मकान खाली करने को लेकर प्रचार भी कराया गया है. बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक रैयतों को मुआवजा राशि नहीं दिया जायेगा, तब तक रैयत अपना मकान और जमीन खाली नहीं करेंगे. इसका कारण है कि रैयतों के पास रहने की जमीन और ना मकान है. साथ ही इसके अलावा अपने मांगों को लेकर रैयत डुमरी अनुमंडलाधिकारी और जिला के उपायुक्त से मिल कर समस्या को रखेंगे, यदि जिला प्रशासन की ओर से रैयतो के पक्ष में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो वे आगे की रणनीति तैयार कर चरणबद्ध आंदोलन को बाध्य होंगे.

आश्वासन के बाद अबतक नहीं लगा कैंप

बैठक में रैयतो ने कहा कि भू-अर्जन कार्यालय की ओर से जान-बूझकर तीन सालों तक मुआवजा का मामला लटकाये रखा गया और बाद में मामले को एलए कोर्ट हजारीबाग भेज दिया गया. भू-अर्जन विभाग की ओर से समस्या का निष्पदान के लिए रैयतों को गांव में कैंप लगाकर बार-बार आश्वासन दिया गया, लेकिन ना तो गांव में कैंप लगाया गया और ना ही मुआवजा दिया गया. वर्तमान में भू-अर्जन पदाधिकारी के आने के बाद कुलगो के किसी रैयतों को मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया.

और पढ़ें- छोटी-छोटी बच्चियां सीख रही कत्थक नृत्य, झारखंड सरकार ने दी निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था

बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि 3 महीनों के अंदर रैयतों को मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया तो, वे उग्र अंदोलन करने को बाध्य होंगे. बता दें कि दिलीप विल्डकॉन में कार्यरत सुनील कुमार राय पर पूर्व में भी रैयतों ने कई अरोप लगाया है.

गिरिडीह: जिला भू-अर्जन कार्यालय की मनमानी और सड़क चौड़ीकरण का काम कर रही दिलीप बिल्डकॉन कंपनी के अधिकारी सुनील राय के खिलाफ कुलगो गांव के रैयतों ने मोर्चा खोलने का मन बना लिया है. साथ ही कंपनी और प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ने की चेतवनी दी है.

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कंपनी और जिला प्रशासन की मनमानी के खिलाफ बैठक

इस मामले को लेकर रविवार को सिक्स लेन निर्माण के लिए अधिग्रहीत जमीन के भू-स्वामियों ने कुलगो शिव मंदिर के पास एक बैठक की. बैठक की अध्यक्षता कुलगो उत्तरी के मुखिया जयकांत महतो ने की. बैठक में उपस्थित रैयतों को कहना था कि बगैर मुआवजा दिये कंपनी के अधिकारी प्रशासन के सहयोग से रैयतो के मकान को तोड़ने पर आतुर है. कंपनी की ओर से मकान खाली करने को लेकर प्रचार भी कराया गया है. बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक रैयतों को मुआवजा राशि नहीं दिया जायेगा, तब तक रैयत अपना मकान और जमीन खाली नहीं करेंगे. इसका कारण है कि रैयतों के पास रहने की जमीन और ना मकान है. साथ ही इसके अलावा अपने मांगों को लेकर रैयत डुमरी अनुमंडलाधिकारी और जिला के उपायुक्त से मिल कर समस्या को रखेंगे, यदि जिला प्रशासन की ओर से रैयतो के पक्ष में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो वे आगे की रणनीति तैयार कर चरणबद्ध आंदोलन को बाध्य होंगे.

आश्वासन के बाद अबतक नहीं लगा कैंप

बैठक में रैयतो ने कहा कि भू-अर्जन कार्यालय की ओर से जान-बूझकर तीन सालों तक मुआवजा का मामला लटकाये रखा गया और बाद में मामले को एलए कोर्ट हजारीबाग भेज दिया गया. भू-अर्जन विभाग की ओर से समस्या का निष्पदान के लिए रैयतों को गांव में कैंप लगाकर बार-बार आश्वासन दिया गया, लेकिन ना तो गांव में कैंप लगाया गया और ना ही मुआवजा दिया गया. वर्तमान में भू-अर्जन पदाधिकारी के आने के बाद कुलगो के किसी रैयतों को मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया.

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बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि 3 महीनों के अंदर रैयतों को मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया तो, वे उग्र अंदोलन करने को बाध्य होंगे. बता दें कि दिलीप विल्डकॉन में कार्यरत सुनील कुमार राय पर पूर्व में भी रैयतों ने कई अरोप लगाया है.

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