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अस्पताल में डॉक्टर नदारद! मरीज के परिजनों ने की अस्पताल में तोड़-फोड़ - अस्पताल में डॉक्टर नदारद

Vandalism in hospital due to doctor absence. सरकारी अस्पतालों में अक्सर चिकित्सकों के ड्यूटी से नदारद रहने की शिकायतें आती हैं. कई बार समय पर चिकित्सा नहीं मिलने से मरीज और उनके परिजन भड़क जाते हैं. ऐसा ही मामला बेंगाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दिखा. जहां इलाज कराने पहुंचे मरीज के परिजनों ने अस्पताल में डॉक्टर के नहीं रहने पर जमकर बवाल काटा और तोड़-फोड़ की.

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Vandalism In Hospital
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 30, 2023, 10:07 PM IST

गिरिडीहः जिले के बेंगाबाद सीएचसी अस्पताल में ऑन ड्यूटी डॉक्टर के नदारद रहने पर बच्ची का इलाज कराने पहुंचे परिजनों ने जमकर बवाल काटा. दर्द से कराह रही बच्ची के इलाज में विलंब होने पर परिजन आक्रोशित हो गए और जमकर हंगामा किया. गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ शुरू कर दी. इस दौरान वैक्सीन सहित कोल्ड बॉक्स को इधर-उधर फेंक दिया. घटना में अस्पताल के मेन गेट का शीशा टूट गया. वहीं कोल्ड बॉक्स में रखी वैक्सीन फर्श पर गिर गई. घटना की सूचना मिलने के बाद बेंगाबाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया गया.

तोड़-फोड़ करने वालों के विरुद्ध की जाएगी कार्रवाईः इधर, घटना की सूचना पर शनिवार की सुबह अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कमलेश्वर प्रसाद अस्पताल पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि घटना बेहद निंदनीय है. अस्पताल में तोड़-फोड़ करने वालों के विरुद्ध थाने में शिकायत की जाएगी. उन्होंने कहा कि तोड़-फोड़ में अस्पताल के गेट का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया है. वैक्सीन सहित बॉक्स को फेंक कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. चिकित्सक के ड्यूटी से नदारद रहने के सवाल पर कहा कि इस संबंध में जांच की जाएगी.

दर्द से कराह रही थी बच्ची, नहीं थे डॉक्टरः जानकारी के अनुसार मानसिंहडीह गांव से परिजन अपनी बच्ची का इलाज कराने के लिए शुक्रवार की रात बेंगाबाद सीएचसी पहुंचे थे. बच्ची के हाथ में गंभीर चोट लगी थी. इस कारण बच्ची दर्द से कराह रही थी. अस्पताल पहुंचने पर ऑन ड्यूटी डॉक्टर अस्पताल से नदारद मिले. बच्ची के परिजनों का कहना है कि लगभग एक घंटे तक डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंचे. जिससे परिजनों में आक्रोश पनप गया. हंगामे के बाद परिजन बच्ची को इलाज के लिए गिरिडीह लेकर चले गए.

चिकित्सक ने कहा-अस्पताल परिसर में ही थे मौजूदः इस संबंध में ऑन ड्यूटी डॉक्टर श्यामाकांत ने बताया कि वह अस्पताल परिसर में ही टहल रहे थे. बच्ची को लेकर पहुंचने के बाद परिजन कुछ मिनटों में ही आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे. परिजनों का आक्रोश देख कर वह सहम गए और डर से अंदर नहीं आए. उन्होंने कहा कि अस्पताल के कर्मियों द्वारा बच्ची के परिजन को बहुत समझाने का प्रयास किया गया था, लेकिन परिजन किसी की सुनने को तैयार नहीं थे.

गिरिडीहः जिले के बेंगाबाद सीएचसी अस्पताल में ऑन ड्यूटी डॉक्टर के नदारद रहने पर बच्ची का इलाज कराने पहुंचे परिजनों ने जमकर बवाल काटा. दर्द से कराह रही बच्ची के इलाज में विलंब होने पर परिजन आक्रोशित हो गए और जमकर हंगामा किया. गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ शुरू कर दी. इस दौरान वैक्सीन सहित कोल्ड बॉक्स को इधर-उधर फेंक दिया. घटना में अस्पताल के मेन गेट का शीशा टूट गया. वहीं कोल्ड बॉक्स में रखी वैक्सीन फर्श पर गिर गई. घटना की सूचना मिलने के बाद बेंगाबाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया गया.

तोड़-फोड़ करने वालों के विरुद्ध की जाएगी कार्रवाईः इधर, घटना की सूचना पर शनिवार की सुबह अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कमलेश्वर प्रसाद अस्पताल पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि घटना बेहद निंदनीय है. अस्पताल में तोड़-फोड़ करने वालों के विरुद्ध थाने में शिकायत की जाएगी. उन्होंने कहा कि तोड़-फोड़ में अस्पताल के गेट का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया है. वैक्सीन सहित बॉक्स को फेंक कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. चिकित्सक के ड्यूटी से नदारद रहने के सवाल पर कहा कि इस संबंध में जांच की जाएगी.

दर्द से कराह रही थी बच्ची, नहीं थे डॉक्टरः जानकारी के अनुसार मानसिंहडीह गांव से परिजन अपनी बच्ची का इलाज कराने के लिए शुक्रवार की रात बेंगाबाद सीएचसी पहुंचे थे. बच्ची के हाथ में गंभीर चोट लगी थी. इस कारण बच्ची दर्द से कराह रही थी. अस्पताल पहुंचने पर ऑन ड्यूटी डॉक्टर अस्पताल से नदारद मिले. बच्ची के परिजनों का कहना है कि लगभग एक घंटे तक डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंचे. जिससे परिजनों में आक्रोश पनप गया. हंगामे के बाद परिजन बच्ची को इलाज के लिए गिरिडीह लेकर चले गए.

चिकित्सक ने कहा-अस्पताल परिसर में ही थे मौजूदः इस संबंध में ऑन ड्यूटी डॉक्टर श्यामाकांत ने बताया कि वह अस्पताल परिसर में ही टहल रहे थे. बच्ची को लेकर पहुंचने के बाद परिजन कुछ मिनटों में ही आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे. परिजनों का आक्रोश देख कर वह सहम गए और डर से अंदर नहीं आए. उन्होंने कहा कि अस्पताल के कर्मियों द्वारा बच्ची के परिजन को बहुत समझाने का प्रयास किया गया था, लेकिन परिजन किसी की सुनने को तैयार नहीं थे.

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