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Uproar In Police Station: खुली बॉडी ऑटो में शव लाने पर थाना परिसर में हंगामा, 50 के खिलाफ एफआईआर - झारखंड समाचार

गिरिडीह में एक शव को लेकर विवाद हो गया. शव को खुले ऑटो से थाना लाने का विरोध करते हुए थाना के सामने हंगामा हुआ तो पुलिस ने इसे ओछी राजनीति बताते हुए 50 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी. पढ़ें पूरा मामला.

Uproar in police station alleging inhuman treatmen
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Published : Feb 25, 2023, 3:49 PM IST

गिरिडीह: सड़क हादसे में एक शख्स की मौत के बाद डुमरी पुलिस की अमानवीयता सामने आई है. व्यक्ति की मौत उसके बाद उसके शव को खुली बॉडी ऑटो में रखकर थाने ले जाया गया. ये बात जैसे ही लोगों को पता चली मृतक के परिजनों के साथ स्थानीय लोगों ने थाना के सामने हंगामा कर दिया. भाजपा नेता सुरेन्द्र कुमार साव की अगुवाई में लोगों ने थाने का घेराव करते हुए पुलिस को अमानवीय बताया. वहीं पुलिस ने सुरेन्द्र पर लोगों को भड़का कर जबरन हंगामा करवाने का आरोप लगाया है. पुलिस ने इस मामले को लेकर सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की है.

ये भी पढ़ें: Rucks in Bokaro Sadar Hospital: बोकारो सदर अस्पताल में हंगामा, सुपरवाइजर और कर्मी के बीच मारपीट

क्या है पूरा मामला: जानकारी के अनुसार डुमरी-गिरिडीह पथ पर एक बाइक ने पैदल चल रहे स्थानीय राजू यादव को धक्का मार दिया. हादसे में राजू गंभीर रूप से जख्मी हो गया. जिसके बाद उसे पहले रेफरल अस्पताल डुमरी ले जाया गया, वहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए धनबाद रेफर कर दिया. लेकिन बीच रास्ते में ही राजू की मौत हो गई. जिसके बाद राजू के शव को एम्बुलेंस चालक ने रेफरल अस्पताल में रख दिया और इस बाद की जानकारी पुलिस को दी.

मामले की जानकारी मिलते की पुलिस अस्पताल पहुंची, लेकिन शव को थाने ले जाने के लिए उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली जिसके बाद वे खुली बॉडी वाले ऑटो में शव लादकर थाने ले गए. सुबह में शव का पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजनें की तैयारी की जाने लगी. इसी बीच भाजपा नेता सुरेन्द्र के साथ कई पंचायत प्रतिनिधि पहुंचे. यहां पर पुलिस को सवालों के घेरे में लिया और पूछा कि क्या कोई दूसरा मालवाहक या अन्य वाहन नहीं था कि शव को इस खुले बॉडी ऑटो में लाया गया. इस सवाल पर मौके पर मौजूद पुलिस पदाधिकारी ने कहा कि रात में दूसरा कोई वाहन नहीं मिलने के कारण ही शव को इस ऑटो में लाया गया. इसी दौरान भाजपा नेता ने कहा कि बालू गाड़ी से वसूली करने समेत अन्य कार्य के लिए पुलिस पूरी एक्टिव हो जाती है, लेकिन एक शव को सम्मान देने के लिए उचित वाहन का व्यवस्था नहीं किया जा सकता. इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारे लगाना शुरू दिया. इस हो हंगामे के बीच शव को उसी ऑटो से पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया.

सरकारी कार्य में बाधा डालने की प्राथमिकी: इधर, इस मामले को लेकर भाजपा नेता सुरेंद्र समेत 50 लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने की प्राथमिकी दर्ज की गई. यह प्राथमिकी सअनि रामजी राय के आवेदन पर दर्ज की गई है. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया कि रात में वाहन नहीं मिलने के कारण ऑटो से शव को थाना लाया गया था. दूसरे दिन मृतक के परिजनों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार किया जा रहा था, तभी निमियाघाट थाना क्षेत्र के लक्ष्मणटुंडा निवासी सुरेंद्र साव अपने 50-60 समर्थकों के साथ थाना के अंदर पहुंचे और हो हंगामा शुरू कर दिया. यहां पर चिल्ला कर कहने लगे कि धक्का मारनेवाले वाहन के चालक को थाना से पैसा लेकर छोड़ दिया गया है. इस आरोप पर उन्हें बताया कि चालक गिरफ्तार है और हाजत के अंदर बंद है. इस जवाब के बावजूद सुरेन्द्र और उनके समर्थकों ने पुलिस पदाधिकारी ओमप्रकाश चौहान के साथ बदसलूकी की.

प्राथमिकी में कहा गया कि हंगामा पर थाना प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे तो उनके साथ भी सुरेन्द्र साहू ने गाली गलौच की. इसके साथ ही रात्रि में ऑटो पर शव लाये जाने पर काफी विवाद किया. इन्हें समझाया गया कि रात में एम्बुलेंस और अन्य वाहन नहीं मिला. मौके पर खुला बॉडी ऑटो मिला तो उसपर शव को लादकर थाना लाया गया. यह भी बताया गया कि अब शव को बोलेरो मालवाहक से पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा जाएगा. यह बात बताने के बाद भी सुरेन्द्र अपने समर्थकों के साथ हंगामा करने लगा और थाना के मुख्य द्वार को बंद कर दिया. इसके बाद सड़क को भी जाम कर दिया.

पुलिस पर आरोप: दूसरी तरफ भाजपा नेता सुरेंद्र कुमार साव ने कहा कि डुमरी पुलिस ने अमानवीय हरकत की है. शव को ठेलानुमा ऑटो पर लादकर लाया गया. जब शव को दूसरे वाहन पर रखकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने को कहा गया तो पुलिस अधिकारी ने यह कह दिया कि शव को ऑटो-ठेला में नहीं लायेंगे तो क्या फॉर्च्यूनर से लायेंगे. यह बात गरीब के सम्मान पर ठेस पहुंचाने वाली है. कहा कि उनके तरफ से सरकारी कार्य में बाधा नहीं पहुंचाया गया. वे तो सिर्फ गरीब को न्याय दिलवाने थाना पहुंचे थे. उन्होंने किसी के साथ बदसलूकी भी नहीं की है. उन्हें फंसाने के लिए झूठा मुकदमा दर्ज किया गया.

एसडीपीओ ने क्या कहा: डुमरी एसडीपीओ मनोज कुमार ने कहा कि शव को दूसरे वाहन से पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा था लेकिन कुछ लोगों द्वारा जानबूझकर हंगामा किया गया. ऐसे 50 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

गिरिडीह: सड़क हादसे में एक शख्स की मौत के बाद डुमरी पुलिस की अमानवीयता सामने आई है. व्यक्ति की मौत उसके बाद उसके शव को खुली बॉडी ऑटो में रखकर थाने ले जाया गया. ये बात जैसे ही लोगों को पता चली मृतक के परिजनों के साथ स्थानीय लोगों ने थाना के सामने हंगामा कर दिया. भाजपा नेता सुरेन्द्र कुमार साव की अगुवाई में लोगों ने थाने का घेराव करते हुए पुलिस को अमानवीय बताया. वहीं पुलिस ने सुरेन्द्र पर लोगों को भड़का कर जबरन हंगामा करवाने का आरोप लगाया है. पुलिस ने इस मामले को लेकर सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की है.

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क्या है पूरा मामला: जानकारी के अनुसार डुमरी-गिरिडीह पथ पर एक बाइक ने पैदल चल रहे स्थानीय राजू यादव को धक्का मार दिया. हादसे में राजू गंभीर रूप से जख्मी हो गया. जिसके बाद उसे पहले रेफरल अस्पताल डुमरी ले जाया गया, वहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए धनबाद रेफर कर दिया. लेकिन बीच रास्ते में ही राजू की मौत हो गई. जिसके बाद राजू के शव को एम्बुलेंस चालक ने रेफरल अस्पताल में रख दिया और इस बाद की जानकारी पुलिस को दी.

मामले की जानकारी मिलते की पुलिस अस्पताल पहुंची, लेकिन शव को थाने ले जाने के लिए उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली जिसके बाद वे खुली बॉडी वाले ऑटो में शव लादकर थाने ले गए. सुबह में शव का पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजनें की तैयारी की जाने लगी. इसी बीच भाजपा नेता सुरेन्द्र के साथ कई पंचायत प्रतिनिधि पहुंचे. यहां पर पुलिस को सवालों के घेरे में लिया और पूछा कि क्या कोई दूसरा मालवाहक या अन्य वाहन नहीं था कि शव को इस खुले बॉडी ऑटो में लाया गया. इस सवाल पर मौके पर मौजूद पुलिस पदाधिकारी ने कहा कि रात में दूसरा कोई वाहन नहीं मिलने के कारण ही शव को इस ऑटो में लाया गया. इसी दौरान भाजपा नेता ने कहा कि बालू गाड़ी से वसूली करने समेत अन्य कार्य के लिए पुलिस पूरी एक्टिव हो जाती है, लेकिन एक शव को सम्मान देने के लिए उचित वाहन का व्यवस्था नहीं किया जा सकता. इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारे लगाना शुरू दिया. इस हो हंगामे के बीच शव को उसी ऑटो से पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया.

सरकारी कार्य में बाधा डालने की प्राथमिकी: इधर, इस मामले को लेकर भाजपा नेता सुरेंद्र समेत 50 लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने की प्राथमिकी दर्ज की गई. यह प्राथमिकी सअनि रामजी राय के आवेदन पर दर्ज की गई है. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया कि रात में वाहन नहीं मिलने के कारण ऑटो से शव को थाना लाया गया था. दूसरे दिन मृतक के परिजनों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार किया जा रहा था, तभी निमियाघाट थाना क्षेत्र के लक्ष्मणटुंडा निवासी सुरेंद्र साव अपने 50-60 समर्थकों के साथ थाना के अंदर पहुंचे और हो हंगामा शुरू कर दिया. यहां पर चिल्ला कर कहने लगे कि धक्का मारनेवाले वाहन के चालक को थाना से पैसा लेकर छोड़ दिया गया है. इस आरोप पर उन्हें बताया कि चालक गिरफ्तार है और हाजत के अंदर बंद है. इस जवाब के बावजूद सुरेन्द्र और उनके समर्थकों ने पुलिस पदाधिकारी ओमप्रकाश चौहान के साथ बदसलूकी की.

प्राथमिकी में कहा गया कि हंगामा पर थाना प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे तो उनके साथ भी सुरेन्द्र साहू ने गाली गलौच की. इसके साथ ही रात्रि में ऑटो पर शव लाये जाने पर काफी विवाद किया. इन्हें समझाया गया कि रात में एम्बुलेंस और अन्य वाहन नहीं मिला. मौके पर खुला बॉडी ऑटो मिला तो उसपर शव को लादकर थाना लाया गया. यह भी बताया गया कि अब शव को बोलेरो मालवाहक से पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा जाएगा. यह बात बताने के बाद भी सुरेन्द्र अपने समर्थकों के साथ हंगामा करने लगा और थाना के मुख्य द्वार को बंद कर दिया. इसके बाद सड़क को भी जाम कर दिया.

पुलिस पर आरोप: दूसरी तरफ भाजपा नेता सुरेंद्र कुमार साव ने कहा कि डुमरी पुलिस ने अमानवीय हरकत की है. शव को ठेलानुमा ऑटो पर लादकर लाया गया. जब शव को दूसरे वाहन पर रखकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने को कहा गया तो पुलिस अधिकारी ने यह कह दिया कि शव को ऑटो-ठेला में नहीं लायेंगे तो क्या फॉर्च्यूनर से लायेंगे. यह बात गरीब के सम्मान पर ठेस पहुंचाने वाली है. कहा कि उनके तरफ से सरकारी कार्य में बाधा नहीं पहुंचाया गया. वे तो सिर्फ गरीब को न्याय दिलवाने थाना पहुंचे थे. उन्होंने किसी के साथ बदसलूकी भी नहीं की है. उन्हें फंसाने के लिए झूठा मुकदमा दर्ज किया गया.

एसडीपीओ ने क्या कहा: डुमरी एसडीपीओ मनोज कुमार ने कहा कि शव को दूसरे वाहन से पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा था लेकिन कुछ लोगों द्वारा जानबूझकर हंगामा किया गया. ऐसे 50 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

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