गिरिडीह: जैन धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल पारसनाथ पहाड़ यानी सम्मेद शिखर के दर्शन करने जा रहे स्कूली बच्चों को रोकने पर हंगामा हो गया है. इस घटना को लेकर स्थानीय लोग नाराज हो गए हैं. लोगों ने बाजार बंद करा दिया. साथ ही सड़क पर उतर कर हंगामा करने लगे (Uproar in Madhuban Giridih). स्थानीय लोगों की ओर से नारेबाजी भी की गई और लोग मधुबन थाना पहुंच गए हैं. लोगों का आक्रोश देखते हुए मौके पर पुलिस बल की तैनाती की गई है.
ये भी पढ़ें: भगवान पार्श्वनाथ के दर्शन को विभिन्न राज्यों से पहुंच रहे जैन तीर्थ यात्री, सभी की एक ही मांग तीर्थ क्षेत्र घोषित हो सम्मेद शिखर
क्या है पूरा मामला: दरअसल, बुधवार को स्कूली छात्रों का समूह कई स्थानों से पारसनाथ आया था. सुबह में बच्चे पर्वत पर जा रहे थे, इसी बीच बाहर से आये कुछ तीर्थ यात्रियों ने इन बच्चों को रोक दिया (Children stopped by pilgrims going to Parasnath). यह बात जैसे ही स्थानीय लोगों को पता चला तो लोग गुस्से में आ गए. स्थानीय गैर-जैन लोगों ने अपनी दुकानों को बंद कर दिया. स्थानीय गैर जैन सड़क पर उतर आए. नारेबाजी की गई. लोगों की भीड़ मधुबन थाना आ पहुंची और वहां पर भी नारेबाजी हुई.
थाना पहुंचे अधिकारी: बिगड़ते स्थिति को देखते हुए डुमरी एसडीएम प्रेमलता मुर्मू और एसडीपीओ मनोज कुमार भी थाना पहुंचे. जिसके बाद आक्रोशित लोगों के साथ-साथ जैन समाज के लोगों संग बैठक शुरू की गई. सदर विधायक सुदिव्य कुमार ने भी मामले की जानकारी ली. मौके पर युवराज महतो, सिकंदर हेम्ब्रोम, सतेंद्र जैन, दीपक जैन, अमर तुरी, झरीलाल महतो समेत कई लोग मौजूद रहे.
पारसनाथ को पर्यटन क्षेत्र घोषित पर चल रहा है विवाद: मालूम हो इन दिनों पारसनाथ को पर्यटन स्थल बनाए जाने को लेकर विवाद चल रहा है. सरकार ने पारसनाथ को धार्मिक पर्यटन क्षेत्र घोषित किया है. इसका जैन समाज की तरफ से विरोध किया जा रहा है. जैन समाज का कहना है कि सम्मेद शिखर जी को पर्यटक क्षेत्र या इको सेंसेटिव जोन घोषित करने से यहां की पवित्रता प्रभावित हो सकती है. सम्मेद शिखर जी (पारसनाथ) को पूरी तरह से तीर्थ क्षेत्र घोषित करने की मांग जैन समाज द्वारा लगातार की जा रही है (Demand to declare Parasnath as pilgrimage area). देश के कई राज्यों में प्रदर्शन भी हुए हैं. साल के अंत में देश के विभिन्न राज्यों से मधुबन पहुंच रहे तीर्थयात्री भी यही मांग कर रहे हैं. मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान समेत कई राज्यों से भगवान पार्श्वनाथ के दर्शन को पहुंचे यात्रियों का साफ कहना है कि जिस पवित्र भूमि पर जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की जिस सम्मेद शिखर पर जाने के लिए हर जैनी व्याकुल रहते हैं. भूखे प्यासे ही दर्शन करते हैं. वहां की पवित्रता बरकरार रहनी चाहिए.
पारसनाथ जा रहे बच्चों को रोकने पर हंगामा, मधुबन में बाजार बंद, हुई पुलिस की तैनाती - Giridih News
गिरिडीह में स्थित पारसनाथ पहाड़ को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने पर जैन धर्म के लोगों का विरोध जारी है. इसी बीच बुधवार को पारसनाथ जा रहे बच्चों को कुछ तीर्थयात्रियों ने रोक दिया (Children stopped by pilgrims going to Parasnath), जिसके बाद स्थानीय लोगों ने हंगामा कर दिया (Uproar in Madhuban Giridih). मधुबन में बाजार बंद करवा दिए गए. बिगड़ते हालात को देखकर मौके पर पुलिस की तैनाती की गई.
गिरिडीह: जैन धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल पारसनाथ पहाड़ यानी सम्मेद शिखर के दर्शन करने जा रहे स्कूली बच्चों को रोकने पर हंगामा हो गया है. इस घटना को लेकर स्थानीय लोग नाराज हो गए हैं. लोगों ने बाजार बंद करा दिया. साथ ही सड़क पर उतर कर हंगामा करने लगे (Uproar in Madhuban Giridih). स्थानीय लोगों की ओर से नारेबाजी भी की गई और लोग मधुबन थाना पहुंच गए हैं. लोगों का आक्रोश देखते हुए मौके पर पुलिस बल की तैनाती की गई है.
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क्या है पूरा मामला: दरअसल, बुधवार को स्कूली छात्रों का समूह कई स्थानों से पारसनाथ आया था. सुबह में बच्चे पर्वत पर जा रहे थे, इसी बीच बाहर से आये कुछ तीर्थ यात्रियों ने इन बच्चों को रोक दिया (Children stopped by pilgrims going to Parasnath). यह बात जैसे ही स्थानीय लोगों को पता चला तो लोग गुस्से में आ गए. स्थानीय गैर-जैन लोगों ने अपनी दुकानों को बंद कर दिया. स्थानीय गैर जैन सड़क पर उतर आए. नारेबाजी की गई. लोगों की भीड़ मधुबन थाना आ पहुंची और वहां पर भी नारेबाजी हुई.
थाना पहुंचे अधिकारी: बिगड़ते स्थिति को देखते हुए डुमरी एसडीएम प्रेमलता मुर्मू और एसडीपीओ मनोज कुमार भी थाना पहुंचे. जिसके बाद आक्रोशित लोगों के साथ-साथ जैन समाज के लोगों संग बैठक शुरू की गई. सदर विधायक सुदिव्य कुमार ने भी मामले की जानकारी ली. मौके पर युवराज महतो, सिकंदर हेम्ब्रोम, सतेंद्र जैन, दीपक जैन, अमर तुरी, झरीलाल महतो समेत कई लोग मौजूद रहे.
पारसनाथ को पर्यटन क्षेत्र घोषित पर चल रहा है विवाद: मालूम हो इन दिनों पारसनाथ को पर्यटन स्थल बनाए जाने को लेकर विवाद चल रहा है. सरकार ने पारसनाथ को धार्मिक पर्यटन क्षेत्र घोषित किया है. इसका जैन समाज की तरफ से विरोध किया जा रहा है. जैन समाज का कहना है कि सम्मेद शिखर जी को पर्यटक क्षेत्र या इको सेंसेटिव जोन घोषित करने से यहां की पवित्रता प्रभावित हो सकती है. सम्मेद शिखर जी (पारसनाथ) को पूरी तरह से तीर्थ क्षेत्र घोषित करने की मांग जैन समाज द्वारा लगातार की जा रही है (Demand to declare Parasnath as pilgrimage area). देश के कई राज्यों में प्रदर्शन भी हुए हैं. साल के अंत में देश के विभिन्न राज्यों से मधुबन पहुंच रहे तीर्थयात्री भी यही मांग कर रहे हैं. मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान समेत कई राज्यों से भगवान पार्श्वनाथ के दर्शन को पहुंचे यात्रियों का साफ कहना है कि जिस पवित्र भूमि पर जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की जिस सम्मेद शिखर पर जाने के लिए हर जैनी व्याकुल रहते हैं. भूखे प्यासे ही दर्शन करते हैं. वहां की पवित्रता बरकरार रहनी चाहिए.