गिरिडीह: केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रस्तावित 2, 3 एवं 4 जुलाई की हड़ताल की तैयारी को लेकर संयुक्त मोर्चा में शामिल विभिन्न कोयला मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों ने बनियाडीह में बैठक की. बैठक में कोयला क्षेत्र में कॉमर्शियल माइनिंग बंद करने, निजीकरण पर रोक लगाने, सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने का आदेश वापस लेने, कोल सेक्टर के ठेका मजदूरों को पर्याप्त सुविधाएं देने की मांग को प्रस्तावित किया गया.
आरसीएमएस कार्यालय में की बैठक
मंगलवार की बैठक में मौजूद विभिन्न यूनियनों के पदाधिकारियों से विचार-विमर्श किया गया. इसके बाद यह तय किया गया कि इस अभियान की शुरुआत करते हुए सर्वप्रथम आगामी 25 जून को पुनः सभी यूनियनों की एक संयुक्त एवं विस्तारित बैठक आरसीएमएस कार्यालय में होगी. इसके अगले दिन अर्थात 26 जून को कोयला मजदूरों के बीच जागरूकता अभियान चलाने के लिए ओपन कास्ट माइंस व जीएम कार्यालय के कर्मियों के साथ संपर्क किया जाएगा.
हड़ताल पर की चर्चा
इसी क्रम में 27 जून को कबरीबाद माइंस और वर्कशॉप के कर्मियों के साथ भी संपर्क कर उनके बीच हड़ताल के बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी. बैठक के दौरान सभी नेताओं ने केंद्र सरकार की जन विरोधी-मजदूर विरोधी नीति की आलोचना की. साथ ही इसके खिलाफ आर-पार की लड़ाई शुरू किए जाने का स्वागत करते हुए अभियान के सफलता की बात कही.
ये नेता रहे शामिल
बैठक में मुख्य रूप से एनपी सिंह बुल्लू, देवशंकर मिश्र, प्रमोद सिंह, बलराम यादव, राजेश सिन्हा, अमित यादव, तेजलाल मंडल, प्रदीप दाराद, संतोष सिन्हा, अर्जुन मंडल, कन्हैया सिंह, नारायण दास, नकुल पासवान, असगर अंसारी, गौतम पांडेय, शैलेन्द्र साव शामिल थे.