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गिरिडीह की सड़कों पर दिखा भारत की बहुरंगी तस्वीर, विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने निकाली रंग यात्रा

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Published : Feb 2, 2020, 10:31 PM IST

Updated : Feb 2, 2020, 11:14 PM IST

गिरिडीह की सड़कों पर रविवार को देश के कई राज्यों की कला और संस्कृति एक साथ देखने को मिली. यहां पर विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने रंग यात्रा निकाल कर देश के बहुरंगी तस्वीर से गिरिडीह वासियों को रूबरू कराया.

Three day All India Dance Festival organized by Kala Sangam Sanstha in Giridih
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गिरिडीह: जिले में इन दिनों कला संगम संस्था की ओर से तीन दिवसीय अखिल भारतीय नाट्य और नृत्य महोत्सव आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के चर्चित कलाकार गिरिडीह पहुंचे हैं. इन्हीं कलाकारों को लेकर रविवार शाम संस्था की ओर से एक रंग यात्रा निकाली गई.

देखें पूरी खबर

गिरिडीह की सड़कों पर रविवार को एक लघु भारत का नजारा दिखा. अलग-अलग राज्यों से आए कलाकार लोक नृत्य करते हुए पूरे शहर का भ्रमण किया. इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन पिछले दो दशक से कला संगम की ओर से किया जा रहा है. इस बार भी कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया है और इस आधुनिक दौर में लुप्त होती जा रही अपनी लोक संस्कृति से गिरिडीह वासियों को परिचित कराया जा रहा है. इस मौके पर कई राज्य के कलाकार अपनी पारंपरिक वेश-भूषा में अपनी लोक कला का प्रदर्शन कर रहे हैं.

कला संगम की स्मारिका 'सर्जना' का विमोचन

कला संगम के तत्वावधान में मोती सिनेमा हॉल में आयोजित तीन दिवसीय स्वर्गीय जगदीश प्रसाद कुशवाहा स्मृति, 20वीं अखिल भारतीय बहुभाषी नाटक, शास्त्रीय नृत्य, लोकनृत्य प्रतियोगिता के दौरान स्मारिका 'सर्जना' का विमोचन हुआ. विमोचन मुख्य अतिथि डीसी राहुल कुमार सिन्हा, विशिष्ट अतिथि एसपी सुरेंद्र कुमार झा, धनबाद रेल एसपी दीपक कुमार सिन्हा, वाणिज्य कर उपायुक्त अशेष कुमार चौधुरी, स्मारिका के प्रधान संपादक राकेश कुमार सिन्हा, प्रबंध संपादक और सचिव सतीश कुंदन, संपादक मंडल सुनील मंथन शर्मा और अंजनी सिन्हा, सीआईएसएफ का कमांडेंट आनंद कुमार, संरक्षक अजय सिन्हा मंटू, उपाध्यक्ष राजीव सिन्हा, संगठन सचिव शिवेंद्र कुमार सिन्हा, कोषाध्यक्ष बिनय बक्शी, लोजपा के राजकुमार राज, जीएमरपीजी ग्रुप के अमित सहाय आदि ने संयुक्त रूप से किया.

इस मौके पर डीसी ने कहा कि कला संगम कला और कलाकार को एक धागे में पिरोए हुए, जो सराहनीय है. कलाकारों को नियमित रूप से मंच प्रदान करते हुए भारतीय संस्कृति को बढ़ाने का कला संगम एक महती भूमिका निभा रहा है. एसपी ने कहा कि कला इंसान की संवेदना है, इंसान का संस्कार है. कला संगम सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ाते रहे यही कामना है. पत्रकार राकेश सिन्हा ने कहा कि कला अब डिजिटल प्लेटफार्म में भी ले जाने की जरूरत है. इससे कलाकारों की कला अधिक विस्तारित होगी.

इसे भी पढ़ें- कोराना वायरस को लेकर रांची में खौफ, एयरपोर्ट के बाद रेलवे स्टेशन पर बरती जा रही है विशेष सतर्कता

शहरवासियों ने अलग-अलग नृत्यों का लिया आनंद

इसके पहले कला संगम के स्वर्गीय दिगम्बर प्रसाद के चित्र पर मालार्पण के बाद इनकी स्मृति में डीसी, एसपी के हाथों कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले दिल्ली के सुरेंद्र सागर, गिरिडीह के प्रो. महेंद्र प्रसाद, दिनेश रॉय, ललित कुशवाहा, अंशु राणा, उत्तराखंड के महेश नारायण, मध्यप्रदेश के सुनील राज, ओड़िसा के प्रवीर जेना और गुजरात के योगेश को कलाश्री सम्मान से सम्मानित किया गया. इसके बाद देश के कोने-कोने से आये कलाकारों ने लोकनृत्य, शास्त्रीय नृत्य, नाटक प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लुटी.

गिरिडीह: जिले में इन दिनों कला संगम संस्था की ओर से तीन दिवसीय अखिल भारतीय नाट्य और नृत्य महोत्सव आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के चर्चित कलाकार गिरिडीह पहुंचे हैं. इन्हीं कलाकारों को लेकर रविवार शाम संस्था की ओर से एक रंग यात्रा निकाली गई.

देखें पूरी खबर

गिरिडीह की सड़कों पर रविवार को एक लघु भारत का नजारा दिखा. अलग-अलग राज्यों से आए कलाकार लोक नृत्य करते हुए पूरे शहर का भ्रमण किया. इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन पिछले दो दशक से कला संगम की ओर से किया जा रहा है. इस बार भी कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया है और इस आधुनिक दौर में लुप्त होती जा रही अपनी लोक संस्कृति से गिरिडीह वासियों को परिचित कराया जा रहा है. इस मौके पर कई राज्य के कलाकार अपनी पारंपरिक वेश-भूषा में अपनी लोक कला का प्रदर्शन कर रहे हैं.

कला संगम की स्मारिका 'सर्जना' का विमोचन

कला संगम के तत्वावधान में मोती सिनेमा हॉल में आयोजित तीन दिवसीय स्वर्गीय जगदीश प्रसाद कुशवाहा स्मृति, 20वीं अखिल भारतीय बहुभाषी नाटक, शास्त्रीय नृत्य, लोकनृत्य प्रतियोगिता के दौरान स्मारिका 'सर्जना' का विमोचन हुआ. विमोचन मुख्य अतिथि डीसी राहुल कुमार सिन्हा, विशिष्ट अतिथि एसपी सुरेंद्र कुमार झा, धनबाद रेल एसपी दीपक कुमार सिन्हा, वाणिज्य कर उपायुक्त अशेष कुमार चौधुरी, स्मारिका के प्रधान संपादक राकेश कुमार सिन्हा, प्रबंध संपादक और सचिव सतीश कुंदन, संपादक मंडल सुनील मंथन शर्मा और अंजनी सिन्हा, सीआईएसएफ का कमांडेंट आनंद कुमार, संरक्षक अजय सिन्हा मंटू, उपाध्यक्ष राजीव सिन्हा, संगठन सचिव शिवेंद्र कुमार सिन्हा, कोषाध्यक्ष बिनय बक्शी, लोजपा के राजकुमार राज, जीएमरपीजी ग्रुप के अमित सहाय आदि ने संयुक्त रूप से किया.

इस मौके पर डीसी ने कहा कि कला संगम कला और कलाकार को एक धागे में पिरोए हुए, जो सराहनीय है. कलाकारों को नियमित रूप से मंच प्रदान करते हुए भारतीय संस्कृति को बढ़ाने का कला संगम एक महती भूमिका निभा रहा है. एसपी ने कहा कि कला इंसान की संवेदना है, इंसान का संस्कार है. कला संगम सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ाते रहे यही कामना है. पत्रकार राकेश सिन्हा ने कहा कि कला अब डिजिटल प्लेटफार्म में भी ले जाने की जरूरत है. इससे कलाकारों की कला अधिक विस्तारित होगी.

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शहरवासियों ने अलग-अलग नृत्यों का लिया आनंद

इसके पहले कला संगम के स्वर्गीय दिगम्बर प्रसाद के चित्र पर मालार्पण के बाद इनकी स्मृति में डीसी, एसपी के हाथों कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले दिल्ली के सुरेंद्र सागर, गिरिडीह के प्रो. महेंद्र प्रसाद, दिनेश रॉय, ललित कुशवाहा, अंशु राणा, उत्तराखंड के महेश नारायण, मध्यप्रदेश के सुनील राज, ओड़िसा के प्रवीर जेना और गुजरात के योगेश को कलाश्री सम्मान से सम्मानित किया गया. इसके बाद देश के कोने-कोने से आये कलाकारों ने लोकनृत्य, शास्त्रीय नृत्य, नाटक प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लुटी.

Intro:

गिरिडीह की सड़कों पर रविवार को एक लघु भारत का दृश्य उभर आया था. यहां पर विभिन्न राज्यों से आये कलाकारों ने रंग यात्रा निकाल कर देश के बहुरंगी तश्वीर से यहां के लोगों को रूबरू कराया.

Body:गिरिडीह। गिरिडीह में इन दिनों कला संगम संस्था की ओर से तीन दिवसीय अखिल भारतीय नाट्य व नृत्य महोत्सव आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के नामवर कलाकार यहां पहुंचे. इन्ही कलाकारों को लेकर रविवार को संस्था की ओर से एक रंग यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में अलग-अलग राज्यों के कलाकार लोक नृत्य करते हुवे पूरे शहर का भ्रमण किया. बताया गया कि पिछले दो दशक से कला संगम की ओर से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इस बार भी कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया है और इस आधुनिक दौर में भी लुप्त होती जा रही अपनी लोक संस्कृति से लोगों को परिचित कराया जा रहा है. मौके पर कई राज्य के कलाकार अपनी पारंपरिक वेश भूषा में अपनी लोक कला का प्रदर्शन कर रहे हैं.


Conclusion:कला संगम की स्मारिका 'सर्जना' का विमोचन

कला संगम के तत्वावधान में मोती सिनेमा हॉल में आयोजित तीन दिवसीय स्व. जगदीश प्रसाद कुशवाहा स्मृति 20वीं अखिल भारतीय बहुभाषी नाटक, शास्त्रीय नृत्य, लोकनृत्य प्रतियोगिता के दौरान स्मारिका 'सर्जना' का विमोचन हुआ. विमोचन मुख्य अतिथि डीसी राहुल कुमार सिन्हा, विशिष्ट अतिथि एसपी सुरेंद्र कुमार झा, धनबाद रेल एसपी दीपक कुमार सिन्हा, वाणिज्य कर उपायुक्त अशेष कुमार चौधुरी, स्मारिका के प्रधान संपादक राकेश कुमार सिन्हा, प्रबंध संपादक व सचिव सतीश कुंदन, संपादक मंडल सुनील मंथन शर्मा व अंजनी सिन्हा, सीआईएसएफ का कमान्डेंट आनंद कुमार, संरक्षक अजय सिन्हा मंटू, उपाध्यक्ष राजीव सिन्हा, संगठन सचिव शिवेंद्र कुमार सिन्हा, कोषाध्यक्ष बिनय बक्शी, लोजपा के राजकुमार राज, जीएमरपीजी ग्रुप के अमित सहाय आदि ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर डीसी ने कहा कि कला संगम कला और कलाकार को एक धागे में पिरोए हुए, जो सराहनीय है. कलाकारों को नियमित रूप से मंच प्रदान करते हुए भारतीय संस्कृति को बढ़ाने का कला संगम एक महती भूमिका निभा रहा है. एसपी ने कहा कि कला इंसान की संवेदना है, इंसान का संस्कार है. कला संगम सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ाते रहे यही कामना है. पत्रकार राकेश सिन्हा ने कहा कि कला अब डिज़िटल प्लेटफार्म में भी ले जाने की जरूरत है. इससे कलाकारों की कला अधिक विस्तारित होगी.
इसके पहले कला संगम के स्व. दिगम्बर प्रसाद के चित्र पर मालार्पण के बाद इनकी स्मृति में डीसी, एसपी के हाथों कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले दिल्ली के सुरेंद्र सागर, गिरिडीह के प्रो. महेंद्र प्रसाद, दिनेश रॉय, ललित कुशवाहा, अंशु राणा, उत्तराखंड के महेश नारायण, मध्यप्रदेश के सुनील राज, ओड़िसा के प्रवीर जेना व गुजरात के योगेश को कलाश्री सम्मान से सम्मानित किया गया.
इसके बाद देश के कोने-कोने से आये कलाकारों ने लोकनृत्य, शास्त्रीय नृत्य, नाटक प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लुटी.


Last Updated : Feb 2, 2020, 11:14 PM IST
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