गिरिडीहः स्कूल के एक कमरे में तीन-तीन कक्षा का संचालन किया जा रहा है. यह स्थिति शहरी इलाके की है. ऐसा ही स्कूल जोरबाद उत्क्रमित मध्य विद्यालय है. नगर निगम क्षेत्र में पड़ने वाले स्कूल की व्यवस्था लचर है. इस स्कूल का जायजा लिया, ईटीवी भारत संवाददाता अमरनाथ सिन्हा ने.
जोरबाद उत्क्रमित मध्य विद्यालय में कक्षा एक से लेकर आठ तक की पढ़ाई होती है लेकिन कमरे महज तीन हैं और शिक्षक भी तीन हैं. क्लास रूम की कमी के कारण एक कमरे में तीन अलग अलग कक्षा के बच्चे बैठ रहे हैं. अब सोचिये एक कमरे में एक साथ तीन अलग अलग कक्षा का संचालन कैसे किया जाता होगा, बच्चे क्या पढ़ते होंगे. इस विषय पर यहां के शिक्षक मोहन दास ने बताया कि कमरे तीन हैं जिसमें बच्चों को बैठाया जाता है. एक कमरा और है तो वह जर्जर है.
टीचर मोहन दास ने बताया कि यहां बच्चों की संख्या 209 है और हर रोज 70-80 फीसदी बच्चे स्कूल आते ही हैं. ऐसे में एक कमरे में तीन तीन कक्षा का संचालन करना मजबूरी है. यहां के स्थानीय राजकुमार भुइयां, वार्ड पार्षद अनिल रजक का कहना है कि कमरे व शिक्षक की कमी की शिकायत विभाग के पास की जाती रही है लेकिन इस तरफ ध्यान नहीं है.
पुलिस पदाधिकारी ने जाना स्कूल का हालः पिछले दिनों कोयलांचल के भदुआ इलाके में एक बंद पड़े अवैध खदान में गिरने से पेसराबहियार के एक बच्चे की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद यह भी पता चला था कि कोलियरी क्षेत्र के कई ऐसे गांव-मोहल्ले हैं, जहां के बच्चे स्कूल जाते ही नहीं हैं. यह जानकारी गिरिडीह एसपी दीपक कुमार शर्मा को भी मिली. उन्होंने मुफ्फसिल थाना प्रभारी कमलेश पासवान को उस मोहल्ले की जानकारी लेते हुए बच्चों के अभिभावक से बात कर शिक्षा के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया था.
इसी निर्देश के आलोक में थाना प्रभारी इंस्पेक्टर कमलेश पेसराबहियार की तरफ आकर उन बच्चों के अभिभावकों को समझाते हुए बच्चों को स्कूल भेजनें के लिए प्रेरित किया. इस दौरान वे जोरबाद के स्कूल के अंदर गए तो यहां की चौपट व्यवस्था को देखा. थाना प्रभारी ने कहा कि इसकी जानकारी अपने वरीय को देंगे.
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