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Pangolin Smuggling In Giridih:पेंगोलिन के मांस और स्केल्स के साथ गिरिडीह में तीन तस्कर गिरफ्तार, अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े हैं तार - Etv Bharat Jharkhand News

गिरिडीह के पारसनाथ इलाके में अंतरराष्ट्रीय तस्कर सक्रिय हैं. तस्कर यहां के वन्य जीवों का शिकार कर उसके मांस और विभिन्न अंगों को विदेशों तक सप्लाई कर रहे हैं. ताजा मामला गिरिडीह पूर्वी वन प्रमंडल क्षेत्र का है. जहां वन विभाग की टीम ने तीन तस्करों को छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया है.

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Pangolin Smugglers Arrested In Giridih
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Published : Mar 10, 2023, 3:24 PM IST

Updated : Mar 10, 2023, 5:20 PM IST

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गिरिडीह: गिरिडीह पूर्वी वन प्रमंडल की टीम ने वन्य जीव के अंतरराष्ट्रीय तस्करों के गैंग का भंडाफोड़ किया है. टीम ने पेंगोलिन के मांस और स्केल्स के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार कर लिया है. यह सफलता डीएफओ प्रवेश अग्रवाल के निर्देश पर वन क्षेत्र पदाधिकारी संजय कुमार रवि के द्वारा गठित विशेष टीम को मिली है. गिरफ्तार तस्करों में डुमरी के साजन कुमार, पालगंज के भीम मल्लाह और निमियाघाट थाना इलाके के पोरदाग निवासी शमशुल अंसारी शामिल हैं.

ये भी पढे़ं-Liquor Smuggling In Giridih: गिट्टी के नीचे छिपा कर ले जायी जा रही थी अवैध शराब, ट्रक पलटा तो खुला राज

डब्ल्यूसीसीबी की सूचना पर अलर्ट हुआ वन विभागः दरअसल, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के इंस्पेक्टर कौशिक ने गिरिडीह के डीएफओ को सूचना दी थी कि पालगंज में बड़े पैमाने पर वन जीवों की तस्करी हो रही है. पालगंज के इलाके में एक पेंगोलिन को मारकर उसके मांस और स्केल्स बेचने की तैयारी की जा रही है. इस सूचना के बाद वन विभाग की टीम हरकत में आ गई. तुरंत ही स्पेशल टीम गठित की गई. टीम को प्रभारी वनपाल अक्षय कुमार सिन्हा लीड कर रहे थे. टीम में वनरक्षी नीरज उपाध्याय, विष्णु किस्कू, सुधीर कुमार बेसरा, चंदन कुमार दास शामिल थे.
ग्राहक बनकर टीम ने तस्करों को दबोचाः गठित टीम ने इंटरनेशनल वाइल्ड लाइफ स्मगलर्स को ट्रैप करने की योजना बनायी. इसके लिए नीरज उपाध्याय खुद ही ग्राहक बने और डुमरी के साजन कुमार से संपर्क किया. नीरज ने साजन से कहा कि उन्हें पेंगोलिन का मांस और स्केल्स चाहिए. नीरज ने इसके लिए मोटी रकम देने की भी पेशकश की. जिसपर साजन तैयार हो गया. हालांकि मांस देने से पहले साजन लोकेशन बदलने लगा. पहले जहां मधुबन मोड़ पर नीरज को बुलाया गया तो उसके बाद लोकेशन चेंज कर नीरज को पालगंज, जिलेबिया घाटी, फिर प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय के समीप बुलाया गया, लेकिन एक भी जगह पर मांस और स्केल्स की डिलीवर नहीं की. इन चार-पांच जगह बुलाने के बाद जब तस्कर साजन को लगा कि खरीदार सही है तो उसने नीरज को गौरव होटल के पीछे जंगल में बुलाया. यहीं पर नीरज ने साजन को दबोच लिया. जबकि इसके बाद एक-एक कर सभी तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया.
माल तो सही है, कहते ही वन कर्मी टूट पड़ेः वन विभाग की टीम सभी तस्करों को एक साथ पकड़ना चाहती थी. इसके लिए फूलप्रूफ तैयारी की गई थी. ग्राहक बने नीरज ने अपने ब्लूटूथ से सभी सहकर्मियों के मोबाइल को जोड़ लिया. इसके साथ ही सभी को लोकेशन भी शेयर कर दिया. वहीं एक कोड वर्ड 'माल तो सही है' को क्रिएट किया गया. गौरव होटल के पीछे जैसे ही नीरज को तस्कर साजन और भीम मल्लाह ने पेंगोलिन का मांस और स्केल्स दिखाया तो नीरज ने कहा 'माल तो सही है' इतना सुनते ही नीरज के पीछे छिपकर आ रहे अक्षय कुमार सिन्हा, विष्णु किस्कू, सुधीर कुमार बेसरा, चंदन कुमार दास पहुंचे और साजन के साथ भीम को गिरफ्तार कर लिया. जबकि शमशुल को खदेड़ कर पकड़ा गया.
तस्करी के गोरखधंधे में कई सफेदपोशों के नामः इस संबंध में वन क्षेत्र पदाधिकारी एसके रवि ने बताया कि गिरफ्तार तीनों तस्करों को जेल भेजा जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि तस्करी के इस गोरखधंधे में कई सफेदपोशों का नाम भी आया है. जिसका सत्यापन किया जा रहा है.
लाखों में बिकता पेंगोलिन का मांस और स्केल्सः इधर, बताया जाता है कि पेंगोलिन (वज्र कीट) की डिमांड अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी अधिक है. लाखों में इसके तस्कर भी सक्रिय हैं. वज्र कीट के स्केल्स की भी कीमत लाखों में हैं.

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गिरिडीह: गिरिडीह पूर्वी वन प्रमंडल की टीम ने वन्य जीव के अंतरराष्ट्रीय तस्करों के गैंग का भंडाफोड़ किया है. टीम ने पेंगोलिन के मांस और स्केल्स के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार कर लिया है. यह सफलता डीएफओ प्रवेश अग्रवाल के निर्देश पर वन क्षेत्र पदाधिकारी संजय कुमार रवि के द्वारा गठित विशेष टीम को मिली है. गिरफ्तार तस्करों में डुमरी के साजन कुमार, पालगंज के भीम मल्लाह और निमियाघाट थाना इलाके के पोरदाग निवासी शमशुल अंसारी शामिल हैं.

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डब्ल्यूसीसीबी की सूचना पर अलर्ट हुआ वन विभागः दरअसल, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के इंस्पेक्टर कौशिक ने गिरिडीह के डीएफओ को सूचना दी थी कि पालगंज में बड़े पैमाने पर वन जीवों की तस्करी हो रही है. पालगंज के इलाके में एक पेंगोलिन को मारकर उसके मांस और स्केल्स बेचने की तैयारी की जा रही है. इस सूचना के बाद वन विभाग की टीम हरकत में आ गई. तुरंत ही स्पेशल टीम गठित की गई. टीम को प्रभारी वनपाल अक्षय कुमार सिन्हा लीड कर रहे थे. टीम में वनरक्षी नीरज उपाध्याय, विष्णु किस्कू, सुधीर कुमार बेसरा, चंदन कुमार दास शामिल थे.
ग्राहक बनकर टीम ने तस्करों को दबोचाः गठित टीम ने इंटरनेशनल वाइल्ड लाइफ स्मगलर्स को ट्रैप करने की योजना बनायी. इसके लिए नीरज उपाध्याय खुद ही ग्राहक बने और डुमरी के साजन कुमार से संपर्क किया. नीरज ने साजन से कहा कि उन्हें पेंगोलिन का मांस और स्केल्स चाहिए. नीरज ने इसके लिए मोटी रकम देने की भी पेशकश की. जिसपर साजन तैयार हो गया. हालांकि मांस देने से पहले साजन लोकेशन बदलने लगा. पहले जहां मधुबन मोड़ पर नीरज को बुलाया गया तो उसके बाद लोकेशन चेंज कर नीरज को पालगंज, जिलेबिया घाटी, फिर प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय के समीप बुलाया गया, लेकिन एक भी जगह पर मांस और स्केल्स की डिलीवर नहीं की. इन चार-पांच जगह बुलाने के बाद जब तस्कर साजन को लगा कि खरीदार सही है तो उसने नीरज को गौरव होटल के पीछे जंगल में बुलाया. यहीं पर नीरज ने साजन को दबोच लिया. जबकि इसके बाद एक-एक कर सभी तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया.
माल तो सही है, कहते ही वन कर्मी टूट पड़ेः वन विभाग की टीम सभी तस्करों को एक साथ पकड़ना चाहती थी. इसके लिए फूलप्रूफ तैयारी की गई थी. ग्राहक बने नीरज ने अपने ब्लूटूथ से सभी सहकर्मियों के मोबाइल को जोड़ लिया. इसके साथ ही सभी को लोकेशन भी शेयर कर दिया. वहीं एक कोड वर्ड 'माल तो सही है' को क्रिएट किया गया. गौरव होटल के पीछे जैसे ही नीरज को तस्कर साजन और भीम मल्लाह ने पेंगोलिन का मांस और स्केल्स दिखाया तो नीरज ने कहा 'माल तो सही है' इतना सुनते ही नीरज के पीछे छिपकर आ रहे अक्षय कुमार सिन्हा, विष्णु किस्कू, सुधीर कुमार बेसरा, चंदन कुमार दास पहुंचे और साजन के साथ भीम को गिरफ्तार कर लिया. जबकि शमशुल को खदेड़ कर पकड़ा गया.
तस्करी के गोरखधंधे में कई सफेदपोशों के नामः इस संबंध में वन क्षेत्र पदाधिकारी एसके रवि ने बताया कि गिरफ्तार तीनों तस्करों को जेल भेजा जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि तस्करी के इस गोरखधंधे में कई सफेदपोशों का नाम भी आया है. जिसका सत्यापन किया जा रहा है.
लाखों में बिकता पेंगोलिन का मांस और स्केल्सः इधर, बताया जाता है कि पेंगोलिन (वज्र कीट) की डिमांड अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी अधिक है. लाखों में इसके तस्कर भी सक्रिय हैं. वज्र कीट के स्केल्स की भी कीमत लाखों में हैं.

Last Updated : Mar 10, 2023, 5:20 PM IST
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